फरार
फरार
रामरती की ईश्वर में बड़ी आस्था थी, जब तक भगवान की पूजा अर्चना न कर लेती तब तक अन्न का एक दाना तो क्या पानी का एक घूँट तक मुंह में न डालती।
आज घर का काम अन्य दिनों से कुछ अधिक ही बढ़ गया था, इसलिए कार्य निपटाते-निपटाते दोपहर भी निकल गया। रामरती झटपट स्नान करके मंदिर में पूजा करने निकल पड़ी।
मंदिर का पुजारी अपने चेलों के साथ भांग मिला दूध गटागट गटक रहा था। सभी पर नशा की मदहोशी छा रही थी। शाम का समय, अकेली रामरती को देख पुजारी पर शैतान सवार हो गया। चेलों को साथ लेकर रामरती को नोच खाने लगा। हैवानियत की सारी सीमाएं तोड़ पुजारी ने मंदिर की पवित्रता को तहस-नहस कर दिया। अस्मत लूटने से भी मन न भरा तो सभी ने मिलकर रामरती को बहुत ही घिनौने तरीके से मौत के घाट उतार दिया।
शव को जंगल में फेंक पुजारी फरार हो गया। पुलिस पुजारी की तलाश में धूल फाँक रही है ...।