पहला प्रतिशोध पर्यटक

पहला प्रतिशोध पर्यटक

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पहला पर्यटक 

इंडोनेशिया, हिन्दुस्तान के अय्याश व्यपारियों, डॉक्टरों और नौकरशाहों की ऐशगाह, आज हमेशा की तरह पूरे शबाब पर है। देवधर सिंह ने जकार्ता हवाई अड्डे से बाहर निकल कर सीधे होटल पैराडाइज़ के लिए टैक्सी ली। पिछले एक साल में उसने करोड़ो कमाए थे जिनका एक बड़ा हिस्सा उसके अधीनस्थों की जेब से आया था। अपने पद के रुतबे को इस्तेमाल कर उसने अपने विभाग में डायरेक्टर का पद हथियाया था और शासन में अपने रुतबे का इस्तेमाल कर अपने अधीनस्थों को इधर से उधर कर काफी परेशान किया था और फिर मोटा माल लेकर उन्हें उनके मनचाहे जिलों में पोस्टेड किया था। उसकी औरत खोरी की आदत से उसका पूरा विभाग वाक़िफ़ था, उसके चहेते अधिकारी उसे खुश करने के लिए कैश और काइंड (कॉल गर्ल्स) की हमेशा व्यवस्था करते है। उसके बच्चों की पढ़ाई और दूसरे ख़र्चों का इंतज़ाम भी यही अफ़सर किया करते है। कुल मिलाकर उसकी हर जरूरत का सामान दूसरों की जेब से ही निकला करता है।

इस सबके बावजूद वो साल में एक बार अय्याशी करने के लिए इंडोनेशिया ज़रूर आता है, बहाना होता है विभगीय दौरों का और करता है वो इंडोनेशिया में ऐश।

टैक्सी होटल पैराडाइज की पोर्टिको में जाकर रुकी। होटल के एक बैलबॉय ने आकर देवधर का सूटकेस और एयर बैग उठा लिया और रिसेप्शन पर पहुंचा दिया और टिप लेकर ग़ायब हो गया। होटल में सुइट पहले से ही बुक था इसलिए वो जल्दी से औपचारिकताएं पूरी कर अपने शानदार सुइट में आ गया और वेटर को शराब और शबाब का इंतज़ाम करने का आर्डर दिया। 

एक रंगीन शाम के ख्याल से उसकी आँखों में लाल डोरे तैरने लगे। सिगरेट सुलगा कर वो बिस्तर में लेट गया। दस मिनट बाद वेटर शराब लेकर आ गया और पैग तैयार करने लगा और बताया की लड़की को आने में आधा घंटा लगेगा। वेटर चला गया और देवधर शराब सिप करने लगा, इस समय उसे इंतजार बहुत ही बोरिंग लग रहा था।

करीब बीस मिनट बाद सुइट की बेल बजी, देवधर संभल कर बैठ गया और बोला, "कम इन।"

सुइट का दरवाज़ा खुला और पाँच पुलिस वाले धड़धडाते हुए सुइट में घुस गए । 

देवधर उछल कर खड़ा हो गया और इंग्लिश में बोला, "क्या हुआ, क्या चाहिए?"

दो पुलिस वालो ने उसे गन के नोक पर ले लिया और दो उसके सामान की तलाशी लेने लगे। पाँचवाँ जो शायद उनका लीडर था सतर्कता के साथ सारी कार्यवाही देखने लगा।

दो मिनट में तलाश करने वालों ने उसके बैग से एक प्लास्टिक का पैकेट निकाल कर अपने लीडर को दिया, उसने पैकेट में छोटा सा सुराख़ कर पैकेट को सूँघा और घूर कर देवधर को देखा और बोला, "यू आर अंडर अरेस्ट मिस्टर फॉर ड्रग पैडलिंग इन आवर कंट्री । (हमारे देश में ड्रग लाने के लिए तुम्हें गिरफ्तार किया जाता है)" 

देवधर हक्का बक्का था की ये क्या मुसीबत है, लेकिन तब तक पुलिस वालो ने उसे हथकड़ियाँ पहना दी और घसीट कर ले चल पड़े ।


दूसरा पर्यटक

वो होटल पैराडाइज के सामने फुटपाथ पर खड़ा यह गिरफ़्तारी का तमाशा देख रहा था । सिर्फ १०० ग्राम परिस्कृत मारिजुआना जो उसे स्थानीय गैंग वल्चर्स ने उपलब्ध कराई थी और बैलबॉय के जरिये देवधर के बैग में रखवाई थी, से ये सारी योजना कामयाब हुई। देवधर के किये हर ज़ुल्म का बदला उसने ले लिया था, वो देवधर का उसे इस जिले से उस जिले तबादला करना और पैसा वसूलना, उस पर फर्जी विभागीय कार्यवाही चलना फिर पैसा लेकर विभागीय कार्यवाही ख़तम करना, उस से लड़कियों की मांग करना, मना करने पर नक्सलाईट बेल्ट में तबादले की धमकी देना। 

इंडोनेशिया के कानून के अनुसार पांच ग्राम से अधिक परिस्कृत मारिजुआना किसी व्यक्ति के पास पाए जाने पर उसे कम से कम १५ साल की जेल या मृत्यदंड का प्रावधान है। और ये हिंदुस्तान नहीं है कि जज रिश्वत लेकर बरी कर देगा या सजा कम कर देगा। 

उसने घड़ी को देखा, पाँच बजने वाले है और उसकी हिंदुस्तान जाने की फ्लाइट साढे छः बजे है, उसने आखरी बार पुलिस की जाती कार को देखा और एयरपोर्ट जाने के लिए कोई वाहन तलाश करने लगा ।



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