पछतावा
पछतावा
प्रिया मैडम आपकी सी डी तैयार हो गयी है नर्स ने आकर कहा, राहुल आप भी आ जाइये।अब दोनों पति पत्नी लैपटॉप पर सीडी लगाकर तसल्ली कर रहे थे कि उनकी समस्या से उन्हें छुटकारा सच मे मिल गया है या नहीं।
एक हाईप्रोफाइल दम्पत्ति के उतने ही ऊँचे सपने तो उन्हें यह आने वाला बच्चा मुसीबत लग रहा था उन्होंने सपने ही इतने ऊँचे देख डाले थे।
विदेश में मिलने वाले मोटे पैकेज और सुनहरे अवसर की राह में यह बच्चा एक बहुत बड़ी बाधा था , सास-ससुर तो क्या माँ-बाप भी ख़िलाफ़ थे पर पति-पत्नी के आपसी निर्णय का कोई तोड़ नहीँ था।
उनका तर्क था, "कि हम अपने बच्चे को हर सुविधा देने की तमन्ना रखते है तो उसे जन्म भी तब ही देंगे। इस अप्लानेड बच्चे को अभी हम अपनी दुनिया का हिस्सा नहीँ बनाना चाहते।
अब सीडी शुरू हो चुकी थी और दोनों के चेहरे की उत्सुकता और मुस्कुराहट एक नन्ही गुलाबी गुड़िया सी आकृति को कौतूहल से देखकर बढ़ गयी।
बीस उंगलियों और सिर नन्हे नन्हे हाथ पाँव लिए वुज़ूद कितना खूबसूरत लग रहा था।
कि अचानक किसी तरल पदार्थ ने उस हलचल पर विराम लगा दिया और फिर कुछ औज़ार आये और उसको टुकड़ों में बदल डाला अब उसकी नियति सिर्फ कूड़ेदान थी।
इधर जैसे जैसे सीडी अपने अवसान पर पहुँच रही थी वैसे वैसे राहुल के चेहरे पर सन्नाटा था और प्रिया की सिसकियां तेज हो रही थीं।
ये हमने क्या कर डाला! सिर्फ एक अच्छे मौके के लालच में काश...मुझे पहले पता होता कि यह प्रक्रिया इतनी ज्यादा क्रूर होती है।
राहुल !प्लीज़ मैं डॉक्टर से बात करना चाहती हूँ, तुम बेल बजा दो।
बेल बजते ही , नर्स सुनैना अंदर आयीं।
सिस्टर, "हम डॉक्टर निहारिका से बात करना चाहते हैं।"प्रिया ने कहा।
थोड़ी देर में मिल पाएंगी आपसे...सुनयना से उत्तर दिया, मैम अभी ओ.टी. में है फ्री हो कर ही आपसे मिल पायेंगी।
डॉ अगर हमें ये सब पहले पता होता तो हम ये कदम कभी न उठाते।
आप ने हमें बलपूर्वक क्यों नहीं रोका।
कितना तो समझाया था मि राहुल आप दोनों को, लम्बी सांस लेते हुए डॉ निहारिका ने कहा, "पर आपको तो इस मुसीबत से छुटकारा चाहिए था सबूत के साथ।"
मिस्टर और मिसेज़ राहुल मातृत्व एक बेहद खूबसूरत उपहार है भगवान का इसी अस्पताल में लाखों औलाद के लिए इलाज कराने आते हैँ और आप जैसे दम्पति छुटकारा पाने।
हम डॉक्टर भी इंसान हैं, दुःख भी महसूस करते हैं यह सुविधा किसी विशेष परिस्थिति में एक मां की जान बचाने के लिये बनाई गई थी, पर लोगों ने छुटकारा बना दिया।
हम इंसान तरक्की ज़रूर कर गए पर जानवर अब भी हम से बेहतर हैं वो अपनी सुविधा और स्वार्थ के लिए अपने ही अंश का कत्ल जो नही करते।उसे जन्म भी देते हैं और पालन पोषण भी
राहुल और प्रिया आवक थे कि अपनी आने वाली पीढ़ी को हर सुविधा की शुरुआत वो अपने ही अंश के कत्ल से कर चुके थे।
