Padma Agrawal

Drama

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Padma Agrawal

Drama

पार्टी, डांस, ड्रिंक

पार्टी, डांस, ड्रिंक

19 mins
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अलसायी हुई वाणी के मोबाइल की घंटी बजी तो उसने फोन उठाया...उधर मम्मी जी थीं ,’’वाणी हैप्पी मैरिज एनिवर्सरी ‘’

“थैंक्स मम्मी जी ...चरणस्पर्श ‘’

“तुम्हारा प्यारा पिया कहां है ?’’

“मम्मी जी , वह तो घर पर नहीं हैं। “

“कहां गया ?’’

“मैं तो सो रही थी। वह न जाने कब उठ कर चले गये। मुझे पता भी नहीं चला।‘’

“सोम कभी नहीं सुधरेगा ,उसे याद भी नहीं होगा कि आज तुम लोगों की मैरिज एनिवर्सरी है।‘’

“उन्हें कोई जरूरी काम होगा , इसलिये चले गये होंगें। “ वाणी ने कहा ,परंतु मन ही मन उदास हो गई थी कि सोम को एनिवर्सरी भी नहीं याद रही ....

तभी आहिस्ता से सोम कमरे में आया और फोन हाथ में लेकर बोला , ‘’थैंक्स मॉम ‘’

“हम लोग शाम तक पहुंच रहे हैं , आज कुछ पार्टी शार्टी हो जाये।‘’

“ओ.के. मॉम लेकिन जब आपकी लाडली बहू परमिशन देगी तब न...’’

“समझ लो मिल गई ‘’

“ओ.के. मॉम , वह प्रफुल्लित स्वर में बोला ...मैं एयरपोर्ट आऊं।“

“नहीं , तुम पार्टी की तैयारी करो । “

फिर तो सोम ने खुश होकर वाणी को अपने आगोश में ले लिया और एक प्यारा सा चुम्बन उसके होठों पर अंकित कर उसकी कलाइयों में डायमंड के कंगन पहना दिये और बोला , ‘’ माई डियर , हैप्पी एनिवर्सरी ... आज तो सेलीब्रेशन का दिन है। आज तो ग्रैण्ड पार्टी होगी। डांस फ्लोर वाला हॉल बुक करेंगें। मॉम डैड को तो डांस के बिना मजा ही नहीं आयेगा। “

“लेकिन एक बात सुन लीजिये कि ड्रिंक की नो परमिशन। “

आज से पांच साल पहले की बात है जब मंजरी की शादी में उसके सौंदर्य और शालीनता से प्रभावित होकर मम्मीजी और पापा जी ने उसे अपनी बहू बनाने का फैसला कर लिया था।

 वह छोटे शहर की मध्यवर्गीय परिवार की बेटी थी , उसके बाबूजी कृष्णदास सोम के पिता महेन्द् जी के बचपन के दोस्त थे और वह एक स्कूल में प्राध्यापक थे।

सोम के पिता महेन्द्र जी फौज में भर्ती हो गये थे ,इसलिये वह बाहर ही रहने लगे और आज वह बहुत ऊंची पोस्ट पर थे। इसलिये स्वाभाविक रूप से वह बहुत खुले विचारों के हो गये थे और जब से वह लंदन रह कर आये थे , वह अपने को आधा अंग्रेज समझने लगे थे। इसलिये सोम ऒर वाणी की पारिवारिक पृष्ठभूमि बिल्कुल अलग अलग थी।

सोम अपने पापा से बचपन से ही डरता था . उसी डर के कारण उसने मंडप में वाणी के साथ फेरे तो ले कर उसे अपनी जीवन संगिनी बना लिया था परंतु मन ही मन उसे देहाती लड़की ही समझता था।

सोम की जीवन शैली के पाश्चात्य तौर तरीके देख वाणी थोड़ी घबराई थी ... परंतु रात्रि के अंधकार में पति का सान्निध्य पाकर वह दिल से उसकी हो गई थी।

ससुराल में पहली सुबह वाणी की नींद जब प्याज लहसुन की तीव्र गंध से खुली तो उसका जी मिचला उठा था। वह जल्दी जल्दी तैयार होकर नीचे आई तो डाइनिंग टेबिल पर सब लोग उसका नाश्ते के लिये इंतजार कर रहे थे। देर हो जाने की वजह से वह सकुचा उठी थी।

टेबिल पर अंडे की भुर्जी देख वह सकपका उठी थी ... फिर भी अपने को सामान्य करती हुई ब्रेड उठा कर धीरे धीरे कुतरने लगी थी।

‘’वाणी , ये अंडा भुर्जी तो लो , इसे सोम ने स्पेशली तुम्हारे लिये बनवाया है । “

“ मैं अंडा नहीं खाती।‘’ वह धीमी आवाज में बोली थी

लेकिन सोम ने अपनी प्लेट से पूड़ी और भुर्जी का बड़ा सा कौर बनाकर उसके मुंह में जबर्दस्ती डाल दिया था। वह रुआंसी हो उठी ऒर घबराकर तेजी से बाथरुम की ओर भागी थी। उसे मम्मी जी की आवाज पीछे से सुनाई दी थी ,’’सोम , तुम्हें इस तरह से जबर्दस्ती नहीं करनी चाहिये थी।‘’

 इसके बाद वह 2 -3 दिन वहां रही तो सोम उससे उखड़ा उखड़ा सा रहा फिर उसकी छुट्टियां समाप्त हो गईं तो वाणी को उसके साथ मुम्बई आना पड़ा ... छोटे शहर में पली बढी वाणी मुम्बई की तेज रफ्तार जिंदगी देख सहम उठी थी।

वह हर काम सोम की इच्छानुसार करने के चक्कर में उल्टापुल्टा कर बैठती । एक दिन शाम को सोम घर आते ही बोला ,’’आज मैं अपने दोस्तों को अपनी शादी की पार्टी दे रहा हूं । पार्टी में मेरे कुछ खास दोस्त होंगें , जरा ढंग से तैयार होना।‘’

वाणी आज पहली बार सोम के साथ पार्टी में जा रही थी , इस वजह से वह खुश मन से सज धज कर तैयार हुई थी ...सोम उसकी ओर देख कर बोला ,’’यह क्या गांव की गंवारिन की तरह साड़ी पहन ली .... कुछ वेस्टर्न पहनती।‘’

उसने वाणी की तरफ गुस्से से देखा था और चुपचाप ड्राइव करता रहा। ट्रैफिक की वजह से उन्हें पहुचने में देर हो गई थी। उसके दोस्त रुचिर और भुवन तो उसको देखते ही रह गये थे।ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह उसकी सुन्दरता पर मर मिटे थे ....रुचिर नें हेलो करने के लिये उसका हाथ पकड़ा तो पकड़ कर ही रह गया था

उसने जबर्दस्ती खींच कर अपना हाथ छुटाया था। भुवन नशे में धुत था , वह उसे खींच कर डांस फ्लोर पर ले जा रहा था , उसके मना करने पर सोम नाराज होकर सबके सामने बोल पड़ा , ‘’तुमने तो मैनर्स का ककहरा भी नहीं पढा है ... उसके साथ डांस कर लोगी तो क्या हो जायेगा ? “

वाणी की आंखों में आंसू आ गये थे , वह कोने में जाकर बैठ गई ... वहां पर भुवन की पत्नी निशा बैठी हुई थी। उसको भी इस तरह की पार्टियां पसंद नहीं थीं

सोम के दोस्तों और उनकी पत्नियों ने जी भर कर बोतलें खाली की । सब इस कदर नशे में डूबे थे कि कौन किसके साथ थिरक रहा है , यॆ भी नहीं पता था। उसे यह सब बहुत अटपटा लग रहा था । सोम को नशे में धुत देख वह परेशान हो उठी थी। वाणी ने उस दिन इस तरह की पार्टियों में न जाने की कसम खा ली थी।

  जल्द ही उसके पैर भारी हो गये , तबियत ढीली रहने लगी। लेकिन दोनों के बीच संबंध सामान्य नहीं हो पाये। सोम उसके ऊपर हावी होते चले गये। वह झगड़े से बचने के लिये चुप रह जाती । कभी कभी पीने वाला सोम उसको तंग करने के लिये वह अक्सर पी कर आने लगा था।

उसकी खराब तबियत की बात सुनकर अम्मा बाबूजी आकर उसको अपने साथ ले गये। वहां कुहू के पैदा होने पर सोम आये और बेटी से लाड़ दिखा कर चला गया। वह सोच रही थी कि मेरी प्यारी सी बेटी उन दोनों के रिश्ते को सामान्य कर देगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सोम की मम्मी जी और पापा जी विदेश में थे ...

थोड़े दिनों के बाद फिर वह सोम के साथ मुंबई आ गई , और वहां कुहू की देखभाल में उसका समय बीतने लगा। सहायता के लिये आया लीला को रख लिया था।

एक दिन ऑफिस जाते समय बोला,’’ शाम को तैयार रहना , आज रुचिर की मैरिज एनिवर्सरी है , उसने तुम्हें लेकर आने को बोला है।‘’

यह कह कर वह ऑफिस चला गया लेकिन वाणी के लिये वहां जाना बिल्कुल भी मुमकिन नहीं था क्यों कि कुहू को बुखार हो रहा था। फिर उसे शुरू से ही सोम के दोस्त पसंद नहीं थे। ड्रिंक करना, डांस करना और आपस में भद्दे भद्दे मजाक करना। पीने पिलाने वाली पार्टियों से तो वह वैसे ही कोसों दूर रहना चाहती थी।

  शाम 7 बजे आते ही सोम घुड़क कर बोला , ‘’तुम्हारे कान बंद रहते हैं क्या ? सुबह मैं तुमसे कुछ कह कर गया था , तुम अभी तक तैयार क्यों नहीं हुई हो ?’’

‘’मैं नहीं जा पाऊंगीं ...कुहू को बुखार है।‘’

सोम नाराज होकर पैर पटकता हुआ घर से चला गया लेकिन पार्टी में अकेले जाने के कारण सोम दोस्तों से हाय हेलो करने के बाद एक पैग लेकर कोने की एक टेबिल पर चुपचाप जाकर बैठ गया। उस पर अभी नशे का सुरूर चढा भी नहीं था कि एक सुंदर महिला पर उसकी निगाह पड़ी ... वह उसे अपलक निहारता रह गया।

    सोम की निगाहें उस म़हिला से एक क्षण को मिल गई तो उसने एक घूंट में ही बड़ा पैग खाली कर दिया था। वह महिला भी अकेली बैठी सोम की ओर ही देख रही थी। अचानक वह तेजी से उठी और उसके पास आकर बैठती हुई बोली ,’’हाय हैण्डसम, माईसेल्फ नैना...’’

उसकी सुंदरता में खोये हुये सोम को सब सपना सा लग रहा था। लेकिन फिर वह भी बोला ,’’ माईसेल्फ सोम ‘’

 दोनों के बीच दोस्ती होते देर न लगी। सोम उसकी सुंदरता पर मर मिटा था। तो नैना सोम की स्मार्टनेस और जवानी पर उन दोनों ने बेखौफ ड्रिंक और डांस का अच्छी तरह आनंद लिया ....फोन नंबर का आदान प्रदान हुआ और फिर मिलना जुलना शुरू हो गया।

सोम वाणी को भूल कर ऩैना के प्यार में खो गया। वह कभी मीटिंग तो कभी काम के बहाने घर देर से पहुंचने लगा था। नैना के साथ उसके जिस्मानी रिश्ते बन गये थे , इसलिये सोम उसी नशे में डूबा रहता। दोनों अक्सर साथ में लंच करते , कभी मूवी तो कभी थियेटर तो कभी बाहों में बाहें डाल कर मॉल में शॉपिंग करते।

वाणी को पति के आचरण पर शक होने लगा था। वह कई बार उसका फोन कॉल या एसएम एस चेक करती , परंतु चौकन्ना सोम पत्नी के लिये कोई निशान नहीं छोड़ता था। एक दिन वह अचानक बोला कि मैं दिल्ली जा रहा हूं ,वहां न्यूयार्क से डेलीगेशन आया है , उसके साथ मेरी मीटिंग है ... इसलिये दो –तीन दिन लग जायेंगें।

    वाणी ने पति को शक की नजर से देखा परंतु कुछ बोली नहीं और मद्धिम स्वर में बाय कह दिया ... बाद में उसने सोम की सेक्रेटरी से से पता लगा लिया कि वह छुट्टी लेकर गया है और उससे झूठ बोला है , अब तो उसका शक विश्वास में बदल गया।

इधर सोम प्लेन में बैठते ही नैना के ख्वाबों में खो गया था। उसने अपनी आंखें बंद कर ली थी और नैना के सान्निध्य के खूबसूरत एहसास को जी रहा था। तभी उसके फोन की घंटी बजी थी। उधर नैना थी ..वह बोली , ‘’ डियर मेरे लिये एक एक पल काटना मुश्किल हो रहा है । मेरी फ्लाइट डिले है। एनाउंसमेंट हो रहा है।‘’

सोम ने एहतियातन दोनों की अलग अलग फ्लाइट बुक करवाई थी। वह आने वाले कल के रंगीन सपनों में खोया हुआ नैना के साथ बिताने वाले समय की रूपरेखा मन ही मन बना रहा था।

वह दिल्ली पहुंचा ही था कि फिर से नैना का फोन आ गया , ‘’ डियर तुम कहां तक पहुंचे ?’’

“मैं दिल्ली पहुंच गया हूं , जब तुम्हारी फ्लाइट पहुंचेगी मैं एयर पोर्ट पर तुम्हारा इंतजार करता हुआ मिलूंगा।‘’

“तुम बहुत अच्छे हो लेकिन तुम मुझे यूज करके फिर अपनी बीबी के पास तो नहीं चले जाओगे ?’’

“नहीं’’

.नेटवर्क की प्राब्लम के चलते फोन कट चुका था। नैना के नशे में डूबे हुये सोम ने मन ही मन वाणी को तलाक देने का मन बना लिया था। उसने तय कर लिया था कि दिल्ली से लौटते ही वह वकील साहब से कह कर तलाक के कागज तैयार करवा लेगा।

उसने एक बड़ा सा बुके अपने हाथ में ले लिया था। आज वह अपने नये जीवन की शुरुआत करने जा रहा था , जहां पर केवल वह होगा और उसकी नैना होगी। आज तो नैना शॉर्ट स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप में गजब ढा रही थी। सोम उत्तेजनावश अपलक कुछ पलों तक उसे निहारता ही रह गया था। नैना ने पास आते ही उसे अपने आलिंगन में जकड़ लिया था।

    रात में जिस फाइव स्टार होटल में वह दोनों रुके थे ,उसके डायनिंग हॉल में दोनों ने डिनर लिया ... तभी नैना ने अपने पर्स से एक सुंदर सा ब्रेसलेट निकाल कर सोम की कलाइयों में पहना दिया।

“डियर सोम , यह ब्रेसलेट मैंने तुम्हारे लिये ही खरीदा है। यह हर समय तुम्हें मेरी याद दिलाता रहेगा। “

ब्रेसलेट पहन सोम अचकचा उठा , उसे भी तो नैना को कोई मंहगा सा गिफ्ट खरीद कर देना पड़ेगा , यह मस्ती तो उसके लिये भारी पड़ रही है।

रात में नैना उसे नाइट क्लब में लेकर गई . यह उसके लिये नया अनुभव था। परंतु नैना शायद ऐसी पार्टियों और क्लबों की अभ्यस्त थी। वह वहां पर सहजता से एक के बाद एक पैग चढा रही थी ... साथ में सोम को भी पिला रही थी।दोनों ही नशे में मदहोश होकर गहरे नशे में डूब चुके थे।

  रूम में लौटने पर सोम अपने ऑफिस की मेल चेक करने लगा तो नैना उसके हाथ से फोन खींच कर बोली , ‘’ तुम भी खूब हो, मुझ जैसी हसीना के बजाय अपने फोन से खेल रहे हो।‘’ फिर वह उसके और भी करीब खिसक आई और बोली ,’’मुझे लम्बे इंतजार के बाद तो तुम जैसा साथी मिला है , तुम अपनी बीबी से कब तलाक लोगे ?’’बहुत हो गई लुका छिपी , अब तुमसे दूरी बर्दाश्त नहीं हो रही है। “

“नैना , तुम यह बताओ कि आज तक तुम्हारे जीवन में कोई और तो नहीं आया ?’’

“नहीं , यार मैं सिंगल हूं। तुम्हें देखते ही मुझे जाने क्या हो गया। तुम्हारे प्यार में पड़ कर सारी दुनिया को भूल गई हूं। दिन भर तुम्हारे ख्वाब में खोई रहती हूं ...ऑफिस के काम में भी मेरा मन नहीं लगता । यह सब कहते कहते उसने अपने दहकते हुये होठ सोम के होठों पर रख दिया , फिर दोनों बेसुध होकर सो गये

   सुबह सोम के ऑफिस से जरूरी मीटिंग के लिये फोन आ गया । वह जाना नहीं चाहता था क्योंकि वह अभी नैना के साथ और समय बिताना चाह रहा था परंतु उसका लौटना जरूरी था , इसलिये वह नैना से बोला, ‘’मुझे ऑफिस की मीटिंग की वजह से आज ही मुंबई पहुंचना होगा।‘’

“ठीक है , तुम चले जाओ ,मैं दो दिन के बाद ही मुंबई पहुचूंगीं।‘

  सोम फ्लाइट से अगले दिन सुबह जब घर पहुंचा तो नैना को छोड़ कर आने की वजह से खिसियाया हुआ था। वह ऑफिस के लिये तैयार हो रहा था तो वाणी किचेन में गई और चाय नाश्ता बनाया और डाइनिंग टेबिल पर रख दिया।

सोम तेजी से कमरे से हड़बड़ा कर निकला और कप में चाय देखते ही चिल्लाया , ‘’बद्तमीज औरत, जब तुम्हे पता है कि मैं इस तरह की चाय नहीं पीता हूं तो क्यों बना कर रख देती हो ?’’ और गुस्से में चाय का कप और नाश्ते की प्लेट उठा कर जमीन पर फेंक दिया।

वाणी किचेन से बाहर निकल कर आई और सोम से बोली , ‘’सोम मैं आबकी पसंद की पॉट वाली चाय बना कर लाती हूं। प्लीज रुक जाइये घर से इस तरह बिना चाय नाश्ते के बिना मत जाइये। “

सोम ने वाणी को सामने से हटाने के लिये धक्का या और बिना उसकी ओर पीछे देखे गाड़ी स्टार्ट कर चला गया।

वाणी जमीन पर गिर गई और मेज का कोना उसके माथे पर चुभ जाने से उसके माथे से खून बह निकला। कुछ पलों के लिये वह बेहोश हो गई , फिर होश में आने पर उसने दवा लगाई और लेट कर अपने जीवन के बारे में सोचने लगी। वह कब तक इस तरह से अपमानित हो होकर जीती रहेगी ? उसे अपने भविष्य के बारे गंभीरता पूर्वक सोचना पड़ेगा। अब तो सोम उस पर हाथ भी उठाने लगे हैं। वह परेशान होकर सोचने लगी कि सोम को किस तरह से सही रास्ते पर लाये।

तभी उसका मोबाइल बज उठा था . उस तरफ उसकी सास सरिता जी थीं।

वह लोग दिल्ली लौट आईं थीं।

“कैसी हो , वाणी ?’’

“मैं ठीक हूं ‘’

“मेरे नालायक बेटे का क्या हाल है ?’’

“वह भी ठीक हैं ‘’

“तेरा ख्याल रखता है कि नहीं , मेरा अकड़ू बेटा ?’’

“जी मम्मी जी’’

“ उसे बता देना कि मैं उसे याद कर रही थी।‘’

उनकी बात यहीं खत्म हो गई थी लेकिन मम्मी जी के अकड़ू शब्द ने वाणी की चेतना को जगा दिया था। उसने नेट पर प्राइवेट डिटेक्टिव को सर्च किया और उससे संपर्क कर सोम और उसकी महिला मित्र के विषय में पूरी जानकारी हासिल करने के लिये कहा , उसके लिये उसने मुंहमांगी फीस देने की भी बात कर ली थी। उसके बाद उसने अपना सामान गेस्टरूम में शिफ्ट कर लिया । शाम को जब सोम आया तो सारे घर में अंधेरा देख उसका माथा ठनका। फिर वाणी को गेस्टरूम में देखा तो बोला ,’’यह क्या नाटक है ?’’

“जो तुम देख रहे हो ...जल्दी ही मैं अपनी व्यवस्था कर लूंगीं , फिर यहां से हमेशा के लिये आपकी नजरों से दूर चली जाऊंगीं। “

अपनी सुबह की गल्ती का एहसास होते ही उसने वाणी से आज पहली बार माफी मांग कर समझौता करना चाहा। परंतु वाणी ने तो स्पष्ट लहजे में सोम से साफ शब्दों में कह दिया ,’’देखिये सोम , आपका जीने का स्टाइल मुझे पसंद नहीं है और मेरा तरीका आपको पसंद नहीं , इसलिये अच्छा यही है कि हम दोनों अलग हो जायें।‘’

मन ही मन खुश होता हुआ सोम बोला , ‘’वाणी, तुम से सॉरी तो बोल दिया , अब मान भी जाओ।‘’

“सोम आज सुबह आपने सारी सीमायें तोड़ दी है। यदि कुहू गोद में न होती तो मैं बहुत पहले ही आपका घर छोड़ चुकी होती। कुहू की ममता के कारण ही इस समय तक मैं आपके अत्याचार झेलती रही।‘’

“बहुत दिमाग खराब हो गया है तुम्हारा...मुझसे जुबान लड़ाती हो।‘’

“सोम, आज मैं आखिरी बार आपसे कह रही हूं कि तमीज से बात करो , नहीं तो मैं क्या करूंगीं ...इसका आपको अनुमान भी नहीं है। आप मुझे कमजोर मत समझियेगा। इतने दिन तक मैं आपकी मनमानी पर चुप और शांत इसलिये रही कि शायद आप सुधर जाओगे, लेकिन आपने तो न सुधरने की कसम खा रखी है।‘’

वाणी का कड़ा रुख देख सोम चुपचाप अपने कमरे में चला गया। परंतु उसकी आंखें क्रोध से लाल हो रही थी। दोनों के बीच आपस में बोलचाल बंद थी। घर में शांति छा गई थी। वाणी को सीक्रेट सर्विस की रिपोर्ट का इंतजार था।

उनकी रिपोर्ट के अनुसार वाणी का शक सही निकला था।उन लोगों ने सोम और नैना के रिशतों की बात सच बताई और साथ ही नैना के दूसरे लोगों के साथ के रिश्ते की सीडी भी उनको देकर गये। अब वह आश्वस्त हो गई थी कि या तो वह अपने और सोम के रिश्ते को बचा लेगी या फिर तोड़ कर अलग हो जायेगी। तभी मम्मी जी का फोन आ गया कि पापा जी को सीवियर हार्ट अटैक पड़ा है इसलिये तुम दोनों तुरंत आओ।

सोम और वह दोनों तुरंत वहां पंहुच गये थे। पापा जी एक हफ्ते नर्सिंग होम में रहने के बाद डिस्चार्ज होकर घर आ गये थे। उनके घर आते ही नैना के नशे में डूबा हुआ सोम वाणी को वहीं छोड़कर मुंबई वापस आ गया।

वाणी के उतरे हुये चेहरे और गुमसुम रहने से सरिता जी का माथा ठनका , उन्होंने पूछा, ‘’वाणी तुम्हारे और सोम के बीच सब ठीक तो है न ....’’

“जी ,मम्मी जी ‘’

“वह तो तुम्हें फोन भी नहीं करता।‘’

“वह ऑफिस में बहुत बिजी रहते हैं इसलिये नहीं कर पाये होंगें।‘’

“तुम मुझसे कुछ छिपा रही हो... सच सच बताओ। मैं अपने बेटे के स्वभाव को अच्छी तरह जानती हूं ।‘’

अब वाणी अपने को रोक न पाई तो क्रोधित स्वर में बोली , ‘’मम्मी जी मैं सोम तलाक लेना चाहती हूं।मैं अब उनके साथ नहीं निभा सकती।‘’

“क्या बात है ? “उन्होंने उसे प्यार से लिपटा लिया था । वह उनका स्नेह पाकर सिसक पड़ी थी फिर अपने को संभालते हुये बोली ,’’प्लीज मां आप पापा जी से कुछ नहीं कहियेगा ...अभी उनकी तबियत पूरी तरह से ठीक नहीं हुई है।‘’

वाणी ने सीक्रेट सर्विस वालों की सीडी उनके हाथ में रख दी और फूटफूट कर रो पड़ी।

सरिता जी ने वाणी के आंसू पोछे और बोलीं ,’’रो मत .. तुम चुप हो जाओ ...मैं तुम्हारे साथ हूं । तुम्हारी समस्या का समाधान मैं करूंगीं।‘’

सरिता जी ने आहत मन से इस सीडी को बैठ कर देखा फिर वाणी से बोलीं ,’’ बेटी , जैसे शरीर में कोई रोग या बीमारी हो जाने पर उसका इलाज करने के लिये कड़वी दवाई पीनी पड़ती है, वैसे ही यदि सोम के कदम बहक गये हैं तो हम सब को मिल कर सही रास्ते पर लाना होगा। तुम्हें मेरा साथ देना होगा। मेरा विश्वास है कि सोम बहुत जल्द तुम्हारे पास होगा ,बस थोड़ा धीरज रखो ।‘’

उन्होंने वाणी को इंग्लिश स्पीकिंग और व्यक्तित्व विकास अर्थात् पर्सनैलिटी ग्रूमिंग की क्लासेज ज्वायन करवा दी। सुंदर तो वह थी ही , अब उसका व्यक्तित्व निखर उठा था , इस वजह से उसका आत्मविश्वास बढ गया। सरिता जी वाणी के निखरे अंदाज और बदले हुये व्यक्तित्व को देख बहुत खुश थीं।

 वह कुछ दिनों के बाद बिना किसी सूचना के बेटे के घर अकेले पहुंच गईं थीं , घर पर यहां वहां नैना की बिखरी हुई चीजों को देख बोलीं ,’’बेटा यहां तुम्हारे साथ कौन रहता है।‘’

सकपकाया सा सोम बोला , ‘’कोई नहीं मॉम ,मेरी एक दोस्त कुछ दिनों के लिये मुंबई किसी ट्रेनिंग के लिये आई हुई है ...उसी का सामान यहां वहां बिखरा हुआ है। आज उसे वापस जाना है।‘’

“साफ शब्दों में क्यों नहीं कहते कि मेरी गर्लफ्रेंड मेरे साथ रह रही है । वैसे बेटा यह तुमने बहुत अच्छा किया कि तुमने अपने लिये एक पार्टनर ढूंढ लिया है। लेकिन तुम्हें पार्टनर बहुत जल्दी मिल गई  ? अभी तो वाणी को गये दो महीने भी नहीं हुये .... चलो मेरी चिंता समाप्त हुई । मैं सोच रही थी कि मेरा इतना माडर्न लड़का कैसे इतनी देहाती लड़की के साथ गुजर कर रहा होगा ?’’

“नहीं मॉम ऐसा कुछ नहीं है लेकिन आप सही कह रही हो वाणी के साथ रहना तो वास्तव में बहुत मुश्किल है... पक्की घरेलू और देहातिन लड़की है ...मैं तो उसके साथ खून का घूंट पीकर रहता हूं।‘’

“तो ठीक है ...तुम आज उसको मुझसे मिलवा दो , मैं भी तुम्हारी पसंद से मिल लूं ‘’

“मॉम मैं मन ही मन सोच तो रहा था लेकिन हिम्मत नहीं पड़ रही थी। अब जब आप मेरे फेवर में हैं तो मैं कल ही वकील से मिलकर तलाक की बात करूंगा ... लेकिन मॉम आप पापा के सामने अपने कदम पीछे तो नहीं खींच लीजियेगा ? मुझे पापा से बहुत डर लगता है ।‘’

“हां, तुम्हारे पापा को समझाना तो थोड़ा मुश्किल है , क्योंकि वाणी ने उन पर न जाने कौन सा जादू कर रखा है। वह तो रात दिन उसकी तारीफ के कसीदे पढते हैं ... चलो देखती हूं .... लेकिन अपनी दोस्त से कब मिलवाओगे ?’’

“ शुभ काम में देरी कैसी ...माई डियर मॉम ,मैंने तो उसे आज न आने के लिये मेसेज कर दिया था परंतु अब उसे आने के लिये बोल देता हूं।‘’

“वह सब तो ठीक है लेकिन वाणी तो आदर्श हिंदू लड़की है , वह तो मरते दम तक तुम्हें तलाक नहीं देगी और साथ में तुम्हारी बेटी कुहू का जीवन संकट में पड़ जायेगा।‘’

“मॉम, नैना आज बिजी है , इसलिये आज वह नहीं आयेगी।‘’

“रात में वह कहां बिजी रहती है।‘’

“मुझे क्या मालूम .. किसी क्लायंट के साथ होगी मीटिंग... हम लोग पर्सनल बातें डिस्कस नहीं करते ...एक दूसरे को स्पेस देते हैं।‘’

“फिर तो वह अमीर लड़की होगी ...चलो अच्छा है तुम्हारी नौकरी यदि कभी चली गई तो वह तुम्हारा खर्च तो उठा ही लेगी। “

“मॉम आप तो न जाने क्या क्या सोचती रहती हैं ?’’

‘’उसने मुझे एक ब्रेसलेट गिफ्ट किया था।‘’

“देखो सोम , जब किसी काम को करने जा रहे हो , जिसका फैसला कोई दूसरा करने वाला है तो उसके नकारात्मक पहलू पर भी विचार करना चाहिये। जरा वह ब्रेसलेट मुझे दिखाओ ... देखें उसकी पसंद कैसी है...’’

सोम खुश था वह अंदर से ब्रेसलेट लेकर आया और मॉम की हथेली पर एक खूबसूरत सा डब्बा रख दिया। सरिता जी ने ब्रेसलेट को उलट पलट कर और अपनी अनुभवी आंखों से य़हां वहां घिस कर देखा फिर बोली ,

‘’इस ब्रेसलेट में तो सोने की पॉलिश भी नहीं है , इसकी कीमत तो 100 रु या दो सौ रुपये मुश्किल से होगी। चलो इसको ज्वेलर के यहां परखवा लेते हैं।‘’

“छोड़ो मॉम , नैना ने शायद मुझ पर इंप्रेशन जमाने के लिये यह नकली ब्रेसलेट दिया होगा। “

“मेरे लाल ,असली नकली को पहचानना सीखो। कब तक नकली तड़क भड़क के पीछे भागते रहोगे।‘’

“आपने तो जरा सी बात का बतंगड़ बना कर रख दिया ... दोस्तों के बीच आपस में असली नकली कौन देखता है ... यह सब तो चलता ही रहता है ।‘’

“ हां ..हां.. क्यों नहीं ...अब छोड़ो भी यह सब बातें ... जरा इस सीडी को सीडी प्लेयर में लगा दो ... आते समय तेरे पापा ने दी थी कि इसे अपने लायक बेटे के साथ ही बैठ कर देखना... जरा देखूं तो इस सीडी में ऐसा क्या है ?’’

सोम ने सीडी चालू कर दी ... सीडी में सबसे पहले नैना अपने पूर्व पति के साथ थी। जिसमें वह साधारण परिवार की वेशभूषा में थी । उसका पति क्लर्क था .... उसको छोड़ कर नैना किसी दूसरे व्यक्ति के साथ ब्याह रचाया था। उसका भी फोटो था , उसके बाद किसी अधेड़ रईस के साथ रहने लगी थी। वह उसके पैसे पर ऐश करती रही । जब उसकी आर्थिक स्थिति खराब हुई , उसे पैरालिसिस हो गया तो उसको छोड़कर अब इधर उधर रईस , स्मार्ट लड़कों के साथ रोमांस का नाटक कर उन्हें लूट रही थी । नाइट क्लब के भी कई वीडियो थे , जिसमें वह अलग अलग लड़कों के साथ अश्लील डांस कर रही थी।

सोम ने मां के हाथ से रिमोट लेकर टी.वी. बंद कर दिया । वह गुमसुम हो गया था , उसकी आंखों से आंसू बह निकले थे।

“मॉम मैं भटक गया था ...असली हीरे को छोड़ कर नकली के चमक दमक में में भटक गया था। मैं वाणी का गुनहगार हूं , मुझे उससे माफी मांगनी है ....कहीं देर न हो जाये ।‘’

वह सोच रही थी कि मॉम के इस कदम ने उसकी टूटती शादी को बचा लिया था । तभी सोम के दोस्त रुचिर और भुवन के सम्मिलित स्वर से उसकी तंद्रा टूटी,’’ थैंक्स भाभी, आपके कड़े रुख के कारण सोम ने हम सबके सामने शर्त रख दी थी कि या तो दोस्ती या ड्रिंक... ड्रिंक पर दोस्ती भारी पड़ी ....

वाणी प्यार भरी निगाहों से सोम की ओर देख कर उसका हाथ पकड़ कर बोली ,’’ थैंक्स सोम ...’’


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