ऑनलाइन शैक्षिक क्रांति
ऑनलाइन शैक्षिक क्रांति


जी हाँ, मैं तो शिक्षिका, लेखिका होने के नाते बच्चों को
लाकडाउन के चलते ऑनलाइन पढ़ाई करनी की समर्थक हूँ। बच्चों को किसी भी माध्यम से पढ़ना चाहिए। लाकडाउन होने से महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के दसवीं के एक पेपर होने से रह गया। इस कारण कहीं - कहीं विद्यार्थी ऑन लाइन पढ़ाई कर रहे हैं।
आर्थिक रूप से संपन्न कॉन्वेंट स्कूलों में तो ऑनलाइन पढ़ाई हो रही है। क्योंकि वहाँ छात्रों को ई मेल से होमवर्क मिलता है।
पूरे भारत में अधिकतर जगह विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। जो ई - शैक्षिक क्रांति को बढ़ावा दे रहा है।
लॉकडाउन में विद्यालयों के बन्द होने से पढ़ाई नहीं हो रही है। वहीं कुछ शिक्षक वाट्सएप ग्रुप बनाकर बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने में लगे हैं। बच्चों को पहले से सिखाए गए ऑनलाइन एप ई-पाठशाला एवं राष्ट्रीय मुक्त शैक्षिक संसाधन आदि के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई हो रही है।
छात्राओं, छात्रों का समय का सदुपयोग होगा और भविष्य बढ़िया बनेगा।
और उनमें पढ़ाई करने की भावना बनी रहेगी । इस तरह से विद्यालय में ई- पाठशाला भी खुल जाएगी। बच्चे इसके जरिये पढ़ाई में भी जुटे हुए हैं।
मैं खुद ही ऑनलाइन द्वारा हिंदी व्याकरण सिखाती हूँ।
लॉक डाउन के चलते शिक्षक बच्चों के लिए वीडियो अपलोड करके संबंधित विषय की पढ़ाई सिखा रहे हैं।
विद्यार्थी जीवन ही पढ़ने के लिये होता है। तकनीकी युग में इस तरह ऑनलाइन पढ़ने की शैक्षिक क्रांति आज की जरूरत है ।