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Gurwinder Singh

Romance Tragedy Classics

4  

Gurwinder Singh

Romance Tragedy Classics

ओह हमसफ़र ❣️

ओह हमसफ़र ❣️

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आज हमारी शादी को पूरे पन्द्रह साल हो गए, आज हमारी पंद्रमी सालग्राह थी, बहुत सारे मेहमान, घर में खूब चहल पहल थी, मेरी बेटी हाथ मे कैमरा लिए वीडियो बना रही थी, वो अकसर ऐसा ही करती थी, हिमेष जब भी घर आते थे वो हर एक मूमेंट की वीडियो, फ़ोटो, यही सब करती रहती थी। मैं एक डॉक्टर थी और मेरे हसबैंड नेवी में कर्नल थे।वो जब भी आते थे मैं हॉस्पिटल से छुट्टी ले लिया करती थी, वो कल रात को आए थे क्योंकि आज हमारी सालग्रह थी इसलिए इस बार जल्दी आ गए थे।

पार्टी में आज मां ने और हिमेश ने डांस किया, पता नही मां को क्या हो गया था, वैसे वो कभी डांस नही करती हैं,पापाजी की डेथ के बाद मां ने सारे शौक छोड़ दिए थे।

मेरी बेटी की जिद पर मैंने और हिमेश ने भी डांस किया, हिमेश आज मुझसे थोड़े से नाराज थे क्योंकि मेरी तबियत भी ठीक नहीं थी और मैं आज भी हॉस्पिटल गई थी,वो मुझसे नाराज़ होने की वजह से बोल नही रहे थे, हर साल हमारी सालग्रह पर वो एक शायरी मेरे लिऐ कहते थे आज गुस्सा होने की वजह से उन्होंने वो भी नही बोली, उनको लगता है की मैं अपना खयाल नहीं रख रही, इस कोरोना में भी मैं हॉस्पिटल जा रही हुं, अगर मुझे कुछ हो गया तो।

पर उनको कौन समझाए की अगर हम डॉक्टर ही हॉस्पिटल जाना बंद कर देंगे तो मरीजों को कौन देखेगा,आज उनकी जगह मैने उनके लिऐ शायरी बोली

तू है जीवन साथी तो किस बात का है डर

अगर कुछ हो भी जाय मुझे तो

शान से कहना वो थी मेरी जाबाज महर

वाह वाह!!!!!!!

लोगों ने तालियां बजा दी, मैने ऐसा इसलिए बोला की वो मेरे हॉस्पिटल जानें से ही नाराज थे।

उनकी शायरी तो कमाल की होती थीं मुझे तो शायरी बनाना भी नही आता था। मेरी ऐसी शायरी सुनकर हिमेश को हंसी आ गई, और मै समझ गई की वो मान गए।

पार्टी खतम होने के बाद, हम दोनों ने खुले आसमान के नीचे बैठकर पूरी रात बातें की। कुछ अपनी जॉब की तो कुछ प्यार भरी बातें। सुबह चार बजे हम दोनो अपने कमरे में आकर सो गए।

मैं हॉस्पिटल के टाइम उठी तो देखा, मेरी नर्स की तीन कॉल्स थी, मैंने सोच लिया था की मैं आज हॉस्पिटल नही जाऊंगी, मैने उसे बैक कॉल की ,

गुड मॉर्निंग मैम,

गुड मॉर्निंग नेहा, इतनी सुबह सुबह कॉल,कोई जरूरी काम था क्या??????

मैम वो आपकी रिपोर्ट आ गई है, और वो पॉजिटिव है, आप कोविड पॉजिटिव हो मैम, आप प्लीज एडमिट हो जाओ मैम,

मैंने कॉल कट कर दी, मैं अपने लिऐ नही अपने परिवार के लिऐ डर गई थी, अपनी बेटी के लिऐ डर गई थी,

मैंने पूरी फैमिली का चेक अप कराया, वो ना जाने किसकी किस्मत से नेगेटिव आए, मैं बहुत खुश हो गई थी ये जान कर, पर मेरे घर पर सभी मेरे लिऐ बहुत परेशान थे मेरी बेटी और हिमेश का रो रोकर बुरा हाल था, आज मुझे हॉस्पिटल में चार दिन हो गए थे, मेरी तबियत बिगड़ती जा रही थी, किसी को मिलने नही दिया जा रहा था, बहुत ज़िद के बाद शीशे से देखने की इजाजत मिली, मां, मेरी बेटी मेरी ननद, और हिमेश सभी वहीं से देख कर और रो कर चले गए, हिमेश से अब बर्दाश नही हो रहा था, वो मेरे पास आना चाहते थे, वो मुझे ऐसी हालत में नहीं देख पा रहे थे, वो मुझे नही छोड़ना चाह रहे थे अकेला।

मैं हॉस्पिटल के बेड पर लेटी अपने परिवार को याद कर रही थी, कितने खुश थे हम सब।

आज एक हफ्ता हो चला था, और अब तो हालत बिगड़ने लगी थी, मेरा भी बहुत मन कर रहा था हिमेश से मिलने का, एक बार उनके गले लगने का, जी भर कर मैं उनके गले लगना चाहती थी और अपनी बेटी को जी भर कर प्यार करना चाहती थी, पर ऐसा कैसे होता, किसी को भी अंदर आने की छूट नहीं थी सिवाय डॉक्टर के।

रात के दस बज गए मुझे नींद ही नहीं आ रहीं, फिर मेरे कमरे में एक डॉक्टर आया, मैंने सोचा शायद देखने आया होगा, पूरा ढका हुआ था जैसे मैं जाती थी मरीजों को देखने, जब उसने एक एक करके अपने ऊपर के कपड़े उतारे तो मैं उसे गौर से देखने लगी, समझ नही आ रहा था की कॉविड के मरीज के पास कौन खुद को ऐसे रखता है, जब मैंने उसका चेहरा देखा तो मेरे होश उड़ गए

हिमेश..........

आप अंदर कैसे आए, आप जानते हो ना की मुझे कॉरोना हो गया है, आप मेरे पास नहीं आओगे, प्लीज हिमेश,

हमारी बेटी को फिर कौन संभालेगा, हिमेश प्लीज,

मैं कहती जा रही और वो अपने कदम के साथ आगे ही बढ़ते जा रहे, जब वो मेरे पास आकर बैठ गए तो मेरी आवाज रुक गई हिमेश, मैं रो पड़ी।

और उन्होंने मुझे गले लगा लिया,हम दोनो बहुत रोए एक दूसरे को गले लगा कर,

हिमेश हमारी बेटी, हमारी बेटी का क्या होगा, आपने क्यों नही सोचा उसके बारे में,

सु सु सु सु, उसने मुझे चुप कराया।

तुम्हें कुछ नही होगा,तुम बहुत जल्दी ठीक हो जाएगी, हमारी बेटी के साथ उसके मम्मी पापा दोनो रहेंगे,

और मैं तुम्हे कैसे यहां अकेले छोड़ देता, कैसे महर, वाइफ हो तुम मेरी ज़िंदगी भर साथ निभाने का वादा किया था मैंने तुमसे, हर दुख हर परेशानी में हमेशा साथ रहने का वादा किया फिर आज कैसे अकेला छोड़ देता तुम्हे, यही तो जीवन साथी का मतलब है, जो हमेशा साथ रहे, कभी भी पीछे ना हटे वो ही तो जीवन साथी है।

मैं प्यार भरी नजरों से उसे देखती रहीं, आज समझा दिया हिमेश ने मुझे एक जीवन साथी का मतलब।


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