अधूरे सपने
अधूरे सपने
Hospital ke ek कमरे में पड़े बेड पर तारा अपने फोन में कुछ तस्वीरों को आगे पीछे करके देख रही और थोड़ा सा मुस्कुरा रही, इतने में उसकी मां आती हुई बोलीं बेटा क्या कर रही हो तुम्हे आराम करने के लिए बोला है ना तुम्हे अभी आराम करना चाहिए, बो मां की तरफ देखते हुऐ थोड़ा सा मुस्कुरा कर फोन को अपने बेड पर रखे तकिए के एक साइड में रख देती है।
मां उसे थोड़ा सा खाना खिलाती है और कहती हैं बेटा आज मां घर जाऊंगी थोड़ा सा काम है तेरे पापा यहां रुक जायेंगे कुछ घंटो में आ तारा सिर हिला कर हां में जवाब
दे देती है। तारा की मां एक कदम आगे बड़ती है की तारा उनका हाथ पकड़ लेती है और कहतीहै मां दो मिनट बैठो ना उसकी मां बैठते हुए बोली हां बोल
क्या बात है,
तारा अपनी मां का हाथ अपने हाथों में लेकर कहती है मां मेरी वजह से आपको बहुत तकलीफ मिली है मैने कभी आपको बो खुशी नहीं दी जो एक मां अपनी बेटी से चाहती है,, मां मैने आज तक जो भी गलतियां की है प्लीज उन सब के लिए माफ कर दो मां, एम सॉरी मां अब आपको मेरी वजह से कभी कोई तकलीफ नहीं होगी मां।
उसकी मां की आंखों में आंसू आ जाते हैं बो तारा को गले लगाते हुए उसके बालो को सहलाते हुए बोलि _ बच्चे तो गलतियां करते ही है पगली, अरे अगर बच्चे गलतियां नही करेंगे तो मां बाप की भूमिका ही क्या रहेगी उनकी ज़िंदगी में, बो गलतियां करेंगे तभी तो उनके मां बाप उन्हें समझाएंगे। चल अब आंसू पोंछ लें और ये बिल्कुल मत सोचना की मैं तुझ्से नाराज हूं। चल अब मैं जा रही हूं।
मां के जाने के बाद तारा फिर से फोन उठाकर उन्ही फ़ोटो को देखने लगती है और एक लंबी सांस लेते हुऐ कहती है
माहिर!
बो माहिर को याद करते हुए कहती है काश मैं तुमसे नही मिली होती, अगर नहीं मिलती तो मैं बो सपने भी नही दिखती जिन सपनों को अधूरे सपनों का नाम मिला, काश मेरे बो अधूरे सपने पूरे हो पाते।
वो फोन में पड़ी तस्वीरो को ध्यान से देखते हुए अपने बीते पलो में खो जाती है.........
जब बो 12th के बाद कंप्टीशन कोचिंग करने के लिए जाती थी वो कोचिंग उसके घर से five km दूर थी ।
रास्ते में एक पुलिस स्टेशन पड़ती थीं बहा से थोड़ा अंदर उसे पैदल जाना पड़ता था। इस साल उस पुलिस स्टेशन में एक नया पुलिस बाला आया था । बहुत सुंदर था उम्र भी उसकी काम थी
तारा रोजाना कोचिंग जाती और वो लड़का उसे देखता था जब वो वापिस आती तो बो उसका इंतजार करता होता।
तारा को भी वो लड़का पसंद आ गया।जब तारा को वो पसंद आ गया फिर किस बात की देरी थी ।
दोनो की बातें शुरु हो गई , घूमने भी जाने लगे वो लोग
और तारा उसे बहुत प्यार करने लगी। क्योंकि बो तारा का पहला प्यार था और पहला प्यार तो बहुत जायदा ही खूबसूरत होता है और ये तारा की भी खुशनसीबी थी की वो भी उसका पहला प्यार थी।
ऐसे ही एक साल गुजर गया रोज मिलना बातें करना एक दूसरे की केयर करना , और उसने तारा की हेल्प भी बहुत की थी।
एक साल बाद तारा के पापा ने उसे बाहर भेजने की सोची
तारा बहुत ही सीधी लड़की थी झूठ तो उसे बोलना ही नहीं आता था उसे लगा कि वो माहिर के बारे में अपनी मां को ना बताकर बहुत बड़ा गुनाह कर रही है और एक दिन उसने अपनी मां को बता दिया।
उसके बाद मां ने उसे कोचिंग जाने से कुछ दिन रोक लिया और समझाया की वो हमारी कास्ट का नही है पापा को पता चला तो न जाने क्या होगा।
पर उस वक्त तारा को समझना मुस्किल था वो नही समझी और माहिर से मिलती रही।
फिर पापा ने उसे बाहर तैयारी करने भेज दिया तारा का सपना था ips बनने का
जाने से पहले वो माहिर से मिलने गई और उसे बताया कि पापा उसे बाहर भेज रहे हैं_ माहिर ने उसे समझाया की वो अपना सपना पूरा करे वो बाहर जाए माहिर उसका इंतजार करेगा ,
माहिर आप मुझे भूल तो नहीं जाओगे
पागल हो बिल्कुल प्यार भूलने के लिए थोड़ी ना किया जाता है,
कोई और लड़की तो नही आयेगी न आपकी लाइफ में
हां वो तो आ जायेगी मैं फिर एक आईपीएस से प्यार करने लग जाऊंगा
तारा पहले समझी नहीं बाद में जब उसे समझ आया तो वो उसके गले लग गई और माहिर ने उसके माथे को चूम कर उसे अपने बाहों में जोर से भर लिया।
तारा के पापा उसे स्टेशन छोड़ने गए और माहिर भी वहां आया था तारा उसे देख कर खुश हो गई।
वहां तारा हॉस्टल में रहने लगी और अपनी पढ़ाई करने लगी
माहिर हर रोज उससे बात करता
एक दिन तारा ने माहिर को बताया कि उसने मां को बता दिया है और मां ने उन दोनो की शादी के लिए मना कर दिया
माहिर बहुत समझदार लडका था उसने तारा से कहा की वो अभी इस बारे में कुछ न सोचे पहले अपना सपना पूरा करे।
एक दिन शाम के टाइम माहिर ने बहुत सारी कॉल करी तारा ने एक भी कॉल नहीं उठाई वो बहुत परेशान हो गया कुछ देर बाद तारा की कॉल आई तो उसने जलद्दी से पूछा तारा तुम ठीक हो न
हैं बाबा ठीक हूं पूजा कर रही थीं
अच्छा , भगवान जी कह रही थी की नंबर आ जाए
वैसे कभी पूजा नहीं करती हो
मारूंगी एक, डेली पूजा करती हूं।
कुछ दिनों के लिए तारा घर आती है
और जब वापस आने की बात होती है तो तारा की मां तारा को अकेले में फिर से समझाती है उससे कहती है देख तारा पापा की इज्जत तेरे हाथ में है तू जानती है न पापा तुझे कितनी मुश्किल में पढ़ा रहे हैं अब मैने फैसला तेरे हाथ में छोड़ा है जो तू करे...........
तारा बिना कुछ कहे चली जाती पूरे रास्ते भर सोचती है क्या करू क्या ना करू, तारा को कुछ समझ नहीं आता कि वह क्या करे तारा तैयारी करने के साथ साथ ग्रेजुएशन भी करती है, बहुत सोचने के बाद वो फैसला करती है की वो माहिर से बात नहीं करेगी।
और वो मैसेज में माहिर को सारी बात लिख कर भेज देती है।
माहिर भी उसे फोर्स नही करता है।
तारा अपनी स्टडी करती रहती है ऐसे ही कई महीने गुजर जाते है और वो माहिर से बात नहीं करती है
आज रात को जब वो पढ़ते हुए घड़ी की तरफ देखती है 12 बज गए होते हैं।
बो फ़ोन उठाकर माहिर को कॉल करती है।
माहिर बहुत गहरी नींद में सोते हुए कॉल रिसीव कर लेता है
हैलो! कौन
Happy Birthday Mahi
Mahir एक दम उठ जाता है.......
तारा........
तुम्हे याद है मैने तो सोचा की तुम birthday भी भूल जाओगी
कैसे भूलती
उनमें बहुत सारी बातें होती हैं मानो इतने दिनो की इक्ठ्ठी बातें एक रात में ही कर ली हो।
माही मुझे कुछ कहना है क्या मैं तुमसे बात कर सकती हूं पर मैं शादी नही कर पाऊंगी क्योंकि मैं अपने घर बालो से बहुत प्यार करती हूं पर मैं आपसे भी करती हु इसलिए किसी और से शादी नही करूंगी।
लेकिन तुमसे बात करने का बहुत मन करता है
तो मैंने क्या मना किया है या मैने तुमसे कुछ कहा है कोई फोर्स किया है।
जैसा तुम चाहो मैं वैसा ही करूंगा
पर तुम शादी कर लो अब
बरदास कर पाओगी तुम
तुम मुझे बताना ही मत
उसे थोड़ी से हंसी आ जाती है
और वो कहता है लेकिन तारा......
मुझे कुछ और नहीं सुनना बस
Ok.... वो धीमी सी आवाज में कहता है
लेकिन तुम मुझसे हमेशा बात करोगी बोलो
Ok.....
बातें होती रही फोन पर ऐसे ही कई महीने गुजर गए।
एक दिन माहिर कुर्सी पर बैठा सोचता है की इतने में उसका फोन बजता है देखता है तारा की कॉल .....
तुम अपनेआप से कभी कॉल क्यों नहीं करते हो माही
मैं तुम्हारी पढ़ाई में डिस्टर्ब नहीं करना चाहता
क्या बात है उदास लग रहे हो
नही तो
माही
हां
अगले हफ्ते मेरा आईपीएस का एग्जाम है, बहुत डर लग रहा है
माही पिछली बार की तरह इस बार भी चार नंबर से तो नही रह जाऊंगी
नहीं तारा, मेरी तारा इतनी टाइलेंटेड है इस बार बो निकल देगी।
और एक दिन एग्जाम के बाद तारा शाम को माही को कॉल करती है बो एक बार में कॉल नही उठता है बो फिर से लगाती है इस बार फोन उठ जाता है पीछे से बहुत शोर आता है
माही आपकी आवाज नहीं आ रही है
बो एक साइड जाकर बात करता है तारा आज मेरी शादी है......
तारा की आंखें खुली रह जाती हैं
शादी..................
लेकिन तुमने कभी बताया नहीं
जिस दिन तुमने अपने एग्जाम की बात बताई उस दिन मैं तुम्हे यही बताना चाहता था पर तुम्हारे एग्जाम के बारे में जानकर मैं कुछ नहीं बोला मैं जानता था तुम टेंशन लोगी और मैं नही चाहता था की मेरी वजह से तुम्हारा वो ips का सपना भी अधूरा रह जाए कम से कम बो तो पूरा हो जाए बस इसलिए नहीं बताया।
एम सॉरी तारा
तारा की आवाज ही नहीं निकल पाती है बस उसकी आंखों से आंसू टपकते जाते है
उसे आवाज सुनाई देती है
भाई किस्से बात कर रहे हो वहां सब तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं चलो
चलो माही जाओ, शादी मुबारक हो
इतना कह कर बो अपना फोन ऑफ करके बहुत रोती है पूरी रात उसकी ऐसे ही गुजर जाती है,
पूरी रात क्या शायद पूरी जिंदगी ऐसे ही गुजरेगी।
कुछ महीने बाद रिजल्ट आता है और तारा आईपीएस बन जाती है
कई महीने बाद आज तारा ने माही को कॉल की ओर बताया कि बो ips बन गई है।
घर पर सब बहुत खुश होते है उनको देखकर तारा भी खुश होती है।
पर उसके अंदर जो दर्द भरा था बो कोई नही समझ पाया।
तारा 28 साल की हो जाती है घर वाले उसे शादी करने को कहते हैं
इस बार बो बिना कुछ सोचे साफ साफ कह देती है की बो शादी नही करेगी इसलिए कोई उसे d
फोर्स न करे ।
मां के समझाने पर भी तारा इस बार अपनी जिद पे अड़ी रहती है।
और ऐसे ही जिंदगी जीती है अपने और सपनो को बो पूरा करती है गरीबों की मदद करना, आदि जो भी उसके सपने थे बो उनको पूरा करती है
सब उसे बहुत प्यार करने लगते हैं।
ये सब बो हॉस्पिटल के बेड पर लेटी सोच रही होती है आंसू उसकी आंखों से टप टप गिर रहे होते हैं वो देखते हैं की पाप आ रहे है वो अपने आंसू पोंछ लेती है
पापा उसके पास बैठकर थोड़ी बातें करते है वो अपने आशुओ को रोक चाहते है पर रुक नहीं पाते हैं और वो बाहर आ जाते हैं
मां अपने कुछ खाया प्लीज खा लो ना मैं जानती हूं की मेरे पास जायदा वक्त नहीं है पर जो भी है मैं उसमे आपको खुश देखना चहती हुं
मां मेरा एक काम और करोगी
हां बोल
मां मेरे एनजीओ को आप चलाएगी ना प्लीज मां , उन बच्चो का मेरे सिवा कोई नही है आपको उनकी देख भाल करनी होगी करोगी ना
हां मां ने रोनी आवाज में कहा
और फूट फूट कर रोने लगती है दोनो
तारा के department के कुछ ऑफिसर उससे मिलने आते हैं तारा की मां बाहर चली जाती है।
वो तारा को सैल्यूट करते हैं ।
तारा की मां बाहर बेंच पर बैठी रो रही होती है उसके कानो में आवाज आती है _ मां
बो सामने देखती है माहिर खड़ा होता है। बो रोने लगती है
नहीं मां रोइए मत। तारा को हुआ क्या मां
और बो हॉस्पिटल में कितने दिनों से है
पांच दिनों से
डॉक्टर ने बोला है की उसके पास चार दिन का टाइम है पर आज पांच बा दिन है मुझे लगता है मेरी बेटी बच जाएगी।।
तारा को बीमारी क्या है
ब्लड ट्यूमर
माहिर के पैरो तले जमीन खिसक जाती है
क्या..........
उसने कभी मुझे बताया नहीं , क्या मैं उससे मिल सकता हूं मां
हां बेटा मिल लो वैसे भी उसने हमारे सपने पूरे करने के लिए अपने सपने अधूरे छोड़ दिए है आज मैं तुम्हे नही रोकूंगी जाओ मिल लो उससे
अंदर तारा सोचती है मेरा टाइम पूरा होने बाला है इन यादों को ऐसे छोड़ना ठीक नहीं है बो सारे फोटोज डिलीट कर देती है। और फोन रख के एक लंबी सांस लेती है और देखते है सामने माहिर खड़ा होता है उसे यकीन नही हो रहा था की माहिर उससे मिलने आया है।
तारा .....
माहिर.......
आज तारा खुद को रोक नहीं पाती है पांच साल से छुपा कर रखे आंसूओ को बो आज बह जाने देती है माहिर दौड़ कर उसके गले लग जाता है तारा भी बिना किसी की परवाह किए उसके गले लग कर बहुत रोती है।
तारा माहिर के शरीर से तो दूर हो गई थी पर उसकी यादों से नहीं , उसके दिल में माहिर के लिए आज भी बोहि प्यार था जो पांच साल पहले था।
तारा माहिर के गले लगी रही और माहिर को जो भी कहना था बो कहता रहा ।
तारा तुमने मुझे कभी क्यू नही बताया अपनी बीमारी के बारे में, क्या मेरे प्यार पर भरोसा नहीं था तुम्हे।
भरोसा तो बहुत था पर मैं नहीं चाहती थी कि तुम टेंशन में रहो।प्लीज डाटो मत अब।
Mahi मैने मां पापा का सपना पूरा किया वो चाहते थे की मैं ips बनू बन गई।
पर जो सपना मेने देखा की मैं तुम्हारी पत्नी बनू हम साथ रहे वो सपने तो पूरे नहीं हो पाए उनको तो अधूरे सपनों का नाम मिल गया पर मेरा एक और सपना था, मैं सोचती थीं की मेरा वो सपना पता नही पूरा होगा या नहीं पर आज उस सपने को अधूरे सपने का नाम नहीं मिलेगा। वो माहिर के गले लगे हुए ये सारी बातें कहती है।
माही , वो अपने हाथ से घड़ी निकलते हुए बोली इसने मुझे बहुत अच्छा वक्त दिया पर अब इसे तुम रख लो क्योंकि मेरे पास तो वक्त ही नही है जो ये अच्छा वक्त दे मुझे।
माहिर कुछ कहना चाहता है पर आवाज ही नहीं निकल पाती हैं उसके आंखों से बस आंसू ही निकलते हैं
वो घड़ी तारा उसके हाथ में बांधते हुए कहती है mahi एक प्रॉमिस करोगे
माहिर रोनी आवाज में सिर हिलाते हुए कहता है _ हां
अपनी वाइफ को हमेशा बहुत खुश रखना बहुत प्यार करना उसे।
तारा अटकते अटकते सारी बातें कहते जाती है उससे
माहिर तारा के हाथ के ऊपर हाथ रख देता है। वो उसके गले लग जाता है।
I love you Mahi
तारा ने लंबी सांस खींचते हुए कहा
I love you too tara
एक चीज दोगे मुझे माही
हा बोलो जो कहोगी बो दूंगा
इस प्यारे से चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल
माहिर हंस देता है।
तारा भी अपनी एक प्यारी सी स्माइल उसके लिए छोड़ जाती है।
माहिर की गोद में तारा का सिर होता है और चेहरे पर स्माइल मानो की वो उसे मुस्कुराते हुए देख रही हो
माहिर उसे बाँहों मे भर लेता है।

