नन्हे आकाश की उड़ान
नन्हे आकाश की उड़ान
ये कहानी एक आकाश नाम के बच्चे की है जो बहुत ही प्यारा बच्चा था। बड़ा सुंदर आकाश के माँ बाप दोनों ही एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे। आकाश उनको शादी के पांच साल बाद हुआ।थोड़ा टाइम तो, आकाश की माँ ने जॉब से ब्रेक लिया। और एक साल का होने तक उसने काम न करने का फैसला किया। अब आकाश एक साल का हो गया था।
, एक साल के बाद माँ को रहा नहीं गया।
और उसने फिर से जॉब करने का सोचा। इतनी बड़ी सैलरी कैसे छोड़ सकती है। आकाश के लिए माँ बाप ने फैसला किया केअब हमें आकाश के लिए फुल टाईम मेड रख लेनी चाहिए या आया रख लेनी चाहिए। जो उसकी देख-रेख कर सके उसका ध्यान रखें दिन भर । और तय हुआ और उन्होंने एक आया को रख लिया।आया लोकल सिटी की ही थी। अधेड़ उम्र की औरत थी और वो पहले भी बहुत जगह काम कर चुकी थी।
वैसे तो बहुत शरीफ थी क्योंकि उसके घर में भी उसके पोता पोती थी। पूरा दिन आकाश को संभालने मे लगीं रहतीं थी। और माँ और पापा दोनों सुबह काम पर निकल जाते। आकाश को प्यार करके,धीरे धीरे आकाश बड़ा हो रहा था समझने लगा था।
उसकी ज़रूरतें बढ़ने लगी दो साल का हुआ जब वो कुछ रोता तो शनिवार इतवार को माँ -पापा घुमाने ले जाते थे। जो जिद करता वो दिला देते। आकाश बहुत ही संवेदनशील बच्चा था वो औरो की तरह बच्चा नहीं था। के माँ बाप ने खिलौने दिला दिए हैं तो उसको लेकर खुश हो जायें। यह घुमाने ले जाए तो अब आकाश को कुछ टाइम बाद, उसको उसकी माँ की दिन भर घर में कमी लगती वो इतना ज़्यादा अंदर ही अंदर सोचने लगा जो प्यार उसको अपनी माँ से चाहिए था, वो आया माँ देने लगी लेकिन उसको कहीं न कहीं उस, प्यार की उसको कमी लगती जब पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग होती थी। जब बच्चों का स्पोर्ट डे होता था।
अब आकाश बड़ा हो गया था स्कूल जाने लगा था, सबके पैरेंट्स आते थे पर उसके पैरेंट्स कम ही आ पाते थे।और कभी आकाश की मम्मी बहुत सारी तो पैरेंट्स टीचर मीटिंग अटेंड ही नहीं कर पाती थी। बिकॉज़ ऑफ़ उनका जॉब ऐसा था।
कभी पापा आते थे या कभी मम्मा आती थी वो भी बहुत साल में एक या दो बार शायद अटेंड करी हो उन्होंने।आकाश को बहुत दुख होता था अंदर से। तो क्या मैं साधारण परिवार की तरह तरह नहीं हो सकता। जैसे मेरे दोस्त दूसरे दोस्तों की फैमिली है। मेरे दूसरे दोस्त है उनकी तरह नहीं हो सकता, क्या ? बस यही सोचता रहता था। एक दिन आकाश को बीमारी हो गयी वो इतना सोचने लगा कि उसको सांस लेने में प्रॉब्लम होने लगी।
ये बात उसकी आया को पता चली आया ने कितनी बार उसकी माँ को कहा मेम साहब बाबा को शाम को सांस लेने में प्रॉब्लम होती है वो जब खेलने जाता है तो उसको प्रॉब्लम होती है पर उसकी माँ ने उसको ध्यान नहीं दिया। वो एसे ही बहाने बनाता है। अटेंशन सीकर हो गया है।लेकिन धीरे धीरे वो परेशानी बढ़ती जा रही थी, अब आकाश स्कूल की कोई भी एक्टिविटी में हिस्सा नहीं लेता,आकाश को स्कूल में किसी भी चीज़ में नहीं लिया जाता। क्योंकि उसको बहुत ज्यादा साँस चलने की बीमारी हो गयी थी।
आकाश ये बात अपनी मम्मी से शेयर करना चाहता था लेकिन जब तक उसकी पैरेंट्स घर में आते है तब तक आकाश खाना खा के और सो जाता था। अब स्कूल में उसका परफॉर्मेंस भी अच्छा नहीं हो रहा था। आकाश ये बातें किससे शेयर करें आई, भी इतनी पढ़ी लिखी नहीं, थी और इस तरह की चीजें वो शेयर कर नहीं पा रहा था।
एक दिन आकाश बहुत ही टूटा सा स्कूल से वापस आया। गहरी सोच मे बड़ा उदास सा। उसकी रिपोर्ट कार्ड, उसका परफॉर्मेंस बहुत ही खराब रहा।
उसने डरते डरते रात को जब पैरेंट्स ऑफिस से आये तो अपना रिपोर्ट कार्ड दिखाया क्योंकि उसमें उनके साइन भी चाहिए थे।, जब उन्होंने आकाश का रिपोर्ट कार्ड देखा तो आम माता पिता की तरह उन्होंने भी उसको डाँटना
शुरू कर दिया,उसकी बात ही नहीं सुनी।
बहुत डाटा क्या अब तुम्हें हम बोर्डिंग में पहुंचा देंगे। ये सुन के, आकाश, और, टूट, गया। थोडा तो मैं शाम को। मम्मी पापा को देख लेता हूँ। अगर मैं, बोर्डिंग स्कूल चला गया तो मैं तो उनसे बहुत दूर हो जाऊँगा। वो बच्चा अंदर ही अंदर घुट रहा था दम तोड़ रही थी उसकी थोड़ी बहुत आशाएँ भी ये बात सुनकर। वो बता नहीं पा रहा था कि माँ पापा मुझे बहुत एलर्जी है मेरे को बहुत सांस चलती है स्कूल में जब मैं हार जाता हूँ तो मेरे दोस्त मुझे बहुत चिढ़ाते हैं मेरा दम फूलता है रेस लगाने में मेंभाग नहीं पाता लेकिन उसके मां बाप बात सुनना ही कहा चाहते थे।
उन्हें तो लग रहा था कि ये पड़ता लिखता नहीं है। क्योंकि हम ऑफिस चले जाते हैं काम पर और ये सारा दिन टीवी या कंप्यूटर या मोबाइल में लगा रहता है। उसको फ्रेंड चिढ़ाते थे। उसके तु हर खेल में हार जाता। है तेरे मम्मी पापा मीटिंग में भी नहीं आते तो हर चीज में हार जाता है। तू सब में पीछे है तू पढ़ाई मैं भी। आकाश को बहुत घुटन होने लगी। क्योंकि अब अब वो समझने लगा था। अब वो 12 साल का हो गया था।और उसके माँ बाप ये बात समझ नहीं रहे थे। उसका जबरदस्ती उन्होंने बहुत दूर एक बोर्डिंग स्कूल में उसका एडमिशन कराने का तय किया। बोर्डिंग के लिए उसका एडमिशन हुआ ही था। और दौ दिन तक वहाँ उसके रेगुलर स्कूल गया एक दिन स्कूल से खबर आई कि आकाश स्कूल में बेहोश हो गया है। उसके माँ को फ़ोन लगाया ऑफिस में उसके पिताजी को लगाया फोन दोनों भागते हुए आये और उसको हॉस्पिटल ले गये।
स्कूल से वहां पता चला कि आकाश को अस्थमा हैं और ये अभी का नहीं है बहोत पुरानी प्रॉब्लम है और वो बहुत ही सेंसिटिव बच्चा है इसी की वजह से, स्कूल मे पूरे टाइम सुस्त रहता है ना पढाई। मैं उसका दिल लगता है। और ना ही खेल में। उन्होंने सबसे बात की स्कूल में भी उसके सभी टीचर्स से, के सभी टीचर्स ने कहा कि वो शायद आपको ये बात कितनी बार बताना चाहता था।
लेकिन आप लोगो ने उसकी बात नहीं सुनी, ये सुनकर उसके माता पिता बहुत शर्मिंदा हुए अपने आप को कोसने लगे कि काश हम उस वक़्त हमारे बेटे की बात सुन लेते। एक दिन ऐसा आ गया आकाश इतना ज्यादा उसको परेशानी हो गयी वो बिल्कुल भी नॉर्मल बच्चो की तरह न रहा ये सब बात सुनके उसके माता पिता को अंदर ही अंदर बहुत ज्यादा अपने ऊपर गुस्सा भी आया और शर्म भी आई और उन्होंने तय किया कि हम आकाश को बोर्डिंग नहीं भेजेंगे और उसकी माँ ने उस टाइम उससे माफ़ी मांगी और कहाँ के बेटा मुझे माफ कर दो मैं अपने काम को इतना ज्यादा ज्यादा इम्पोर्टेन्ट देने लगी कि मैं तुम को भूल गयी मेरी सबसे कीमती चीज़ तो तुम हो और उसी वक्त उसने अपने पोस्ट से रिजाइन कर दिया इस्तीफ़ा दे दिया उसकी माँ ने।
और आकाश की बहुत अच्छे से, देख रेख में लग गयी आकाश अब धीरे धीरे अच्छा होने लगा आज एक साधारण बच्चे की तरह स्कूल में हर स्पोर्ट्स में पार्टीसिपेट करने लगा उसका परफॉरमेंस पढ़ाई से लेके स्पोर्ट्स में अच्छा होने लगा, क्योंकि आकाश जैसे बच्चों को सिर्फ प्यार की ज़रूरत होती है माँ बाप की और उनके स्नेह की।खिलौने पैसा खिलौने ये महंगी गाड़ियों की जरूरत नहीं होती है। आकाशअपनी उड़ान फिर से उड़ने लगा आकाश का सपना था कि वो बड़े होकर बहुत बड़ा बेड मिटंन चैंपियन बने और उसने अपने लक्ष्य को पाया भी।स्कूल के सारे गैमस में वो प्रथम लेवल तक पहुंचा धीरे धीरे वो अपनी ऊंचाईयो की उड़ान भरने लगा। और उसकी मां ने भी उसके बाद कभी जॉब नहीं किया तो हर माँ बाप को यह समझना चाहिए कि बच्चे ज्यादा कीमती है उनसे बढ़कर दौलत नहीं है और आकाश जैसे कहीं बच्चे है जो अपनी उड़ान भरना चाहते हैं आकाश की उड़ान तो पूरी हुई क्या हर बच्चे की उड़ान पूरी होगी ?