नई कविता

नई कविता

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आज तक न जाने कितनी किताबों को मैंने पढ़ी मगर पसन्द पूछो तो अज्ञेय जी की कवितायें हैं ।

अज्ञेय जी की रचनाओं में समाहित नये उपमानों से हमें जो सीख मिली उसी को आधार मानकर मैं ख़ुद अपनी रचनाओं में समाहित करने की कोशिस करता हूँ ।

उनकी ये बात कि पुराने उपमान अब मैले हो चुके जैसे मेरे मन को छू गया हो ।

जब हम साहित्यिक हिंदी विषय से एम.ए. कर रहे थे तभी अज्ञेय जी को विस्तार से पढ़ने को मिला था । और वे हमारे जीवन के तथा रचनाओं के प्रेरणास्रोत से बन गये..!

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह रही कि उस समय के हमारे गुरु जी श्री विनोद कुमार सिंह जी द्वारा जब पढ़ाया जाता था नई कविता को उनके हाव-भाव और पढ़ाने की शैली से हम बहुत ज्यादा प्रभावित होते थे ।

हर एक शब्द पर विस्तार की उनकी व्याख्या जैसे आज भी मेरे दिल दिमाग़ में घर कर गया हो ।

कलगी बाजरे की व्याख्या और प्रस्तुति आज भी झलकती है मस्तिष्क में जब उन्हें मैं याद करता हूँ ।

जीवन में किताब पढ़ने की शौक़ तो थी ही मगर नई कविताओं से मैं अधिक प्रभावित हुआ...!



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