मवाना टॉकीज भाग 14
मवाना टॉकीज भाग 14
भाग 14
मैं इस असमंजस में था कि मैंने सही में फिल्म देखी थी या सपना देखा था इसीलिए प्रोजेक्शन रूम में चला गया था, सोमू बोला लेकिन मेरी समझ में यह नहीं आया कि कल तो अभय सर ने मुझे डांट कर झूठा कह दिया फिर आज कैसे आ गए?
अभय बोला, कल मुझे पता चल गया कि सोमू सच कह रहा है। क्योंकि जहाँ सोमू जली हुई औरत को बैठा हुआ बता रहा था उस कुर्सी पर धूल अधिक मात्रा में जमी थी जो शायद बाहर से छिड़की गई थी तभी मैं समझ गया था कि सोमू को षड्यंत्र में फंसाया जा रहा है, तभी मैंने जानबूझकर जोर की आवाज में सोमू को झूठा करार दिया जिससे षड्यंत्रकारी लापरवाह हो जाएं और खुद दल बल लेकर रात को यहाँ आ पहुंचा क्यों कि मुझे शक था कि आज अमावस्या की रात यहाँ जरूर कुछ होगा! क्यों मवाना साहब सच है न?
हाँ, मवाना बोला, जब सोमू डर कर बेहोश हो गया और रेणु भाग आई तब मैंने जाकर थैली में भरी धूल कुर्सी पर छिड़क दी और हम तहखाने में चले गए फिर सोमू ने उठ कर कुर्सी देखी और असमंजस में पड़ गया कि उसने सच देखा है या स्वप्न?
लेकिन असली और नकली धूल का अंतर अमर जी की आँखों से न छुप सका, चटर्जी ने प्रशंसात्मक अंदाज से कहा। लेकिन तुमने चटर्जी को क्यों कैद किया, अमर मानो चटर्जी की बात को नजरअंदाज करता हुआ बोला।
मवाना बोला, चटर्जी बेहद जहीन आदमी है। यह समझ गया कि यहाँ कोई ऐसी जगह है जहां इंसान छुप सकता है और यह उस अंदाज से तलाशी लेने लगा ,और बहुत नजदीक था कि यह तहखाने के दरवाजे का पता लगा लेता तो मुझे इसके सिर पर वार करके बेहोश करना पड़ा।
मुझे बोरे में बाँध कर कहाँ भेजा जा रहा था? चटर्जी ने हकलाते हुए पूछा, मैं तो बच्चा नहीं हूँ?
मवाना ने एक तीखी निगाह डॉ चटर्जी पर डालते हुए कहा, तुम्हारी किडनी और लिवर तो काम के हैं और हार्ट भी लाखों का बिक जाता। यह कहते हुए मवाना के मुंह पर ऐसे भाव थे मानो कीड़े मकोड़े की बात कर रहा हो।
यह सुनकर चटर्जी ने भय से ऐसे झुरझुरी ली जो सभी को साफ़ दिखाई पड़ी।
अमर मिश्र ने दांत पीसते हुए मवाना को एक जोरदार झापड़ लगाया तो वह कुर्सी से पीछे उलट गया। उसे उठाकर हवालात में ठूंस दिया गया। रेणु भी गिरफ्तार कर ली गई। बाद में डॉ चटर्जी ने सोमू का मुफ्त इलाज किया और वह बिलकुल ठीक हो गया। अभय मिश्र ने इतने बड़े रैकेट का पर्दाफ़ाश किया कि पूरे देश में उसके नाम की धूम मच गई लेकिन वह मन ही मन सोमू का शुक्रगुजार था जिसकी वजह से उसे यह मौका हासिल हो सका था।
समाप्त