मुस्कान
मुस्कान
यह मुस्कान क्या होता है? क्या हंसने को मुस्कान कहते है, लेकिन लोग हंसते क्यू नहीं है। सभी लोग खुद को दूसरों के सामने खूब खुश दिखने का नाटक करते हैं। अब उन्हें कौन बताए अपना मन भी एक दर्पण होता है, जो सामने वाले को आसानी से दिख जाता हैं अगर सामने वाला देखना चाहे तो। वास्तव में बात यह है कि मैं जब किसी को देखता हूं, अपने आस पास तो, लोग खुद को खुश दिखना चाहते हैं लेकिन वो होते नहीं है। मैं भी अपने आप को सोचता हूं, तो ऐसा लगता है, कि मेरे से कमजोर और बुरा भी कोई हो सकता है क्या ? जवाब मिलता है तुम कमजोर नहीं हो और ना ही बुरे तुम अपने आप को कम आकते हो। फिर मुझे ये समझ में नहीं आता की वो खुशी कहा चली गई? फिर जवाब मिलता है जिसे तुम देने के लिए भगवान से दुआ करते हो उनके पास चली गई। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह भी खुश नही है, उसकी मुस्कान जब मैं पहली बार देखा था। तो मुझे ऐसा लगा कि यह मुस्कान लगभग 8 बिलियन (जो विश्व की जनसंख्या है) में सिर्फ एक ही है। मैं ये सोचा कि यह मुस्कान कभी नहीं जाने दूंगा लेकिन व्यक्ति कोशिश ही कर सकता है न।
मैंने सोचा कि हो सकता है उनको मेरा प्रेम न दिख रहा हो या भ्रम हो गया हो, मैं उनको मना लू, और बहुत मनाया लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि वो न मानने को ठान ली है, प्यार में कोई दलील और सबूत नहीं मांगा जाता हैं बस विश्वाश ही सब कुछ होता है, और वो विश्वाश मेरा कायम है। कुछ समय पहले हम दोनों को प्रेम हुआ था लेकिन मुझे नहीं मालूम था कि मेरा दो तरफा प्यार एक तरफा हो जाएगा। उनको कौन बताए जिसका जीवन बर्बाद हो गया हो वो तो वैसे ही मर गया होता है। मुझे नहीं पता कि मैं क्या हूं ? कौन हूं ? क्यूं हूं ? या फिर क्यो बर्बाद हो गया ? लेकिन इतना जरूर मालूम है वो बहुत ही ज्यादा सुंदर और अच्छी है मतलब सब मिलाकर वो परी है बस उसका मुस्कान वापस आ जाए तो फिर गजब ही हो जाए।