रांची वाले में परिषद वालों से डर लगता था और यहाँ नक्सलवादी छात्र संगठनों से ! रांची वाले में परिषद वालों से डर लगता था और यहाँ नक्सलवादी छात्र संगठनों से !
अजब गजब लोग हैं , वाह रे विधाता ऐसे लेगो को देख कर दुख भी होता है और हंसी भी आती कि और अजब गजब लोग हैं , वाह रे विधाता ऐसे लेगो को देख कर दुख भी होता है और हंसी भी आत...
गांव के सरपंच के बेटे की तबीयत बहुत बिगड़ गई । गांव के सरपंच के बेटे की तबीयत बहुत बिगड़ गई ।
मेरे पास शब्द नहीं है कहने के कितना सुंदर था स्थान। मेरे पास शब्द नहीं है कहने के कितना सुंदर था स्थान।
मतलब सब मिलाकर वो परी है बस उसका मुस्कान वापस आ जाए तो फिर गजब ही हो जाए। मतलब सब मिलाकर वो परी है बस उसका मुस्कान वापस आ जाए तो फिर गजब ही हो जाए।
दफ्तर में खून की रहस्य पूर्ण कहानी! कौन है कातिल? दफ्तर में खून की रहस्य पूर्ण कहानी! कौन है कातिल?