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Shailaja Bhattad

Inspirational

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Shailaja Bhattad

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मसाला छाछ

मसाला छाछ

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"नीरजा तुम यह सब क्या कर रही हो, अगले माह से तुम्हारी परीक्षा भी शुरू होने वाली है, तुम्हें अभी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए न।" अध्यापिका ने जब उसे एक बैंक के सामने मटके में मसाला छाछ बेचते देखा, तो अपने आप को रोक न सकी। ""महोदया! गर्मी बहुत अधिक बढ़ जाने के कारण, बैंक में व आसपास की कंपनियों में आने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आ रही थी। मेरे हाथ की नमकीन छाछ घर पर सबको बहुत पसंद आती है अतः सोचा मुझे अपना हुनर दिखाने व लॉकडाउन के कारण घर में आई आर्थिक तंगी को दूर करने का यह सुनहरा अ

वसर है। इसीलिए मैंने, यह छोटा-सा व्यवसाय इस वृक्ष के नीचे शुरू किया है। जहां तक पढ़ाई का सवाल है, तो वह मैं यहां बैठकर कर ही रही हूं। आपको निराश नहीं करूंगी महोदया। आपने मेरे लिए इतना सोचा इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद!" यह कहकर नीरजा ने मसाला छाछ का गिलास महोदया के हाथ में पकड़ा दिया। "हुनर हो तो रोजगार कहीं भी, कभी भी शुरू किया जा सकता है, तुम इसकी सबसे सही मिसाल हो नीरजा, मुझे तुम पर गर्व है।" नीरजा की आंखों में चमक आ गई।

चेहरे पर सुकून का भाव लिए, मंद-मंद मुस्काती महोदया ने कहा।



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