मरने के बाद भी जिन्दा है वो.
मरने के बाद भी जिन्दा है वो.
कुलधरा, जैसलमेर से 15 किलोमीटर दूरी पर स्थित एक गांव अपनी दहशत के लिए आसपास कुख्यात बन गया है। आपको यह बात तो पता ही होगी कि जिन स्थानों को पारलौकिक ताकते अपने कब्जे में ले लेती हैं उन स्थानों पर बसने वाले लोग या तो स्वयं उस स्थान को छोड़ कर चले जाते हैं और अगर नहीं जाते तो उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। कुलधरा भी ऐसा ही एक गांव है जहां पहले ब्राह्मण समुदाय का वास था। ऐसा माना जाता है कि सन 1825 में इस गांव में रहने वाले पालीवाल ब्राह्मण और आसपास के 84 गांवों के लोग रातोंरात अपना घर छोड़कर चले गए थे। सन 1300 से इस गांव में पालीवाल ब्राह्मण की पीढ़ियां रहा करती थी और रक्षाबंधन के एक दिन सभी इस गांव को छोड़कर चले गए। ऐसा माना जाता है इस दिन कुछ ऐसा दर्दनाक घटा था जिसके बाद आज तक भी बहुत से पालीवाल ब्राह्मण रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाते।
मौत से छीनकर अपनी जिंदगी दुबारा वापस लाई।
जैसलमेर के दीवान सलीम सिंह को कुलधरा समेत 84 गांवों के मुखिया की खूबसूरत बेटी से प्यार हो गया था। सलीम सिंह ने गांव के लोगों को यह धमकी दी थी कि अगर उसका विवाह उस लड़की के साथ ना हुआ तो वह करों में और ज्यादा वृद्धि कर देगा। ऐसे हालातों में गांव के मुखिया ने उस स्थान को छोड़कर जाने का निश्चय कर लिया और अपने पीछे यह श्राप छोड़ गए कि जो भी उनके जाने के बाद इस गांव में रहेगा या बसने की कोशिश करेगा वह अपनी जान से हाथ धो देगा। मुखिया और उसकी के जाने के बाद गांव के बहुत से लोग धीरे-धीरे कर के बीमार पड़ने लगे या फिर अकारण ही मृत्यु के ग्रास बनते गए। इस घटना के बाद कुलधरा और आसपास के 84 गांव के लोगों ने अपना-अपना घर छोड़ दिया और तब से लेकर अब तक कोई भी उस गांव में बसने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है।
वह गर्भवती औरत आज भी दिखाई देती है वहां अब सच क्या है यह तो हम नहीं जानते लेकिन शायद ये घटना उस खौफनाक दास्तां को बयान करने के लिए काफी है जिसकी चीखों से आज भी वो गांव कांप उठता है।

