मोमबत्ती
मोमबत्ती
कल कहीं पढ़ा था,"मोमबत्ती का धागा मोमबत्ती से पूछता है कि "जलता तो मैं हूँ फिर तुम क्यों रोती हो?" आगे लिखा था, "मोमबत्ती ने थोड़ रुक के जवाब दिया, तुम मेरे अंदर रहते हो,मेरे साथ हर समय रहते हो, इसलिए जब तुम जलते हो तो मुझे दर्द होता है और मैं रोने लगती हूँ।"
लेखक ने कितनी सुंदरता से इतनी बड़ी बात लिख दी,नहीं?
पढ़कर मुझे लगा कि अगर एक बेजान मोमबत्ती भी धागे का यह दर्द महसूस करके रो पड़ती है तो हम क्यों नही? हम कैसे सड़क पर एक्सीडेंट में तड़प रहे किसी व्यक्ति को अनदेखा कर आगे निकल जाते हैं?