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Sunil Gupta teacher

Inspirational Others

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मंगुली लोमड़ी

मंगुली लोमड़ी

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एक जंगल में मंगुली नामक लोमड़ी रहती थी । वह अपनी चालाकी से अपना व अपने परिवार का भरण - पोषण करती व सभी को बेवकूफ बनाती रहती थी । उसकी चालाकियों के किस्से जंगल के सभी प्राणियों को भली - भांति पता थे फिर भी वो मंगुली की नई चाल में फंस ही जाते थे मंगुली लोमड़ी ने एक डाल पे बैठे हुए बगुले से कहा अरे भाई तुम कितने सुन्दर हो पूरे के पूरे सफेद रात को भी जगमग करते हो मैं तुम्हें हीरों का हार दे सकती हूँ जो तुम्हारी सुन्दरता में चार चाँद और लगा देगा बगुला लालच में आकर पूछने लगा सो कैसे मंगुली ने कहा तुम मुझे बगल में बह रही नदी से कुछ ताजी मछलियाँ पकड़कर ला दो मैं तुम्हें बदले में वो हार दे दूंगी, अब तो बगुला खुशी से उड़ा और नदी से जाकर मछलियाँ पकड़कर लाया और उन मछलियों को मंगुली लोमड़ी के पास ले जाकर बोला, यह मछलियाँ लो और वादे के मुताबिक तुम मुझे वो हीरों का हार दो। जैसे ही बगुला मंगुली के नजदीक आया मंगुली ने झपटकर बगुले को दबोच लिया और प्रेम से मछलियों और बगुले की दावत उड़ाई। इस कहानी से हमें निम्न शिक्षा मिलती हैं

 ( 1 ) धूर्त व्यक्ति का कभी विश्वास नहीं करना चाहिए ।

 ( 2 ) लालच में नहीं पड़ना चाहिए । 

 ( 3 ) झूठी प्रशंसा से खुश नहीं होना चाहिए ।


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