Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

4.7  

Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

प्राचीन मनोरंजन

प्राचीन मनोरंजन

2 mins
515


बच्चों पहले गाँव में नट अपनी कलायें दिखाकर लोगों का मनोरंजन किया करते थे सर्किस बड़े - बड़े गांवों में व नगरों में लगा करते थे कठपुतली वाले अपनी कला का प्रदर्शन गाँव - गाँव जाकर करते थे। मदारी बन्दरों व रीखों का खेल दिखाकर करते थे सांप - नेवलों की लड़ाई का आकर्षण पैदा करके जादूगर और भी जादू की कलाओं से अपना कौशल ( हुनर ) जनता को दिखाये जाते थे। सर्कस में कई जानवरों के करतब दिखाया करते थे जोकर ( हंसोडिया ) अपनी कला के दम से लोगों का बहुत मनोरंजन किया करते थे।

लोग एक बॉक्स में सिनेमा की रील भरी हुई। रहती थी उसमें जाकर अपना मनोरंजन करते थे मेले में झूले हिलोड़े चकरी में भी बैठकर लोग अपना खूब मनोरंजन किया करते थे रामलीला व नाटक मंडलिया लोगों को धार्मिक लीलाये व ऐतिहासिक घटनाओं पर अपनी - अपनी प्रस्तुतियों देते थे।

खेल में अण्डाडाउरी , खो - खो , गड़ा - गेंद , अट्टू , सोलहसारी , छील - छिलाई , रस्सी कूद , दौड़ना , कूंदना कबड्डी इत्यादि खेलों से प्राचीन समय में बहुत मनोरंजन होता था बैलगाड़ी की दौड़ पांडों की लड़ाई , मुर्गा / कबूतरों की लड़ाई भी मनोरंजन में अपना - अपना रोल निभाते थे। कुस्ती / मलखंभ आदि बल शरीर प्रदर्शन के प्रतिष्ठित खेल माने जाते थे। सामूहिक व एकल नाच गान / कब्बाली / लोकगीत आदि मंचीय प्रदर्शन कर कलाकार लोगों का मनोरंजन किया करते थे। सभी लोग उत्साह से परम्परागत त्यौहार मनाकर अपना - अपना मनोरंजन किया करते थे।


Rate this content
Log in