Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

4.3  

Sunil Gupta teacher

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मधुमक्खी

मधुमक्खी

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बच्चों आज तुम्हे हम मधुमक्खी यानि शहद की मक्खी के बारे में कहानी सुनाने जा रहे हैं । एक जंगली ग्राम जिसका नाम रोहन खोह था वहाँ बड़े - बड़े वृक्ष थे वृक्षों में अनेक मधुमक्खी विभिन्न प्रकार के फूलों का रस चुन - चुन कर अपने छत्ते में एकत्रित करती थी । मधुमक्खियों के छत्तों में मोम भी बनता है कुछ दिनों के लिए शहद को छत्ते में एकत्रित कर रखती है फिर उस शहद को पीकर उड़ जाती है । रीछ ( भालू ) जहाँ तक पेड़ पर चढ़ सकते हैं वहाँ तक के मधुमक्खियों के छत्ते तोड़कर उनकी रस पी जाते थे । कुछ छत्ते जो पेड़ों की अधिक ऊंचाई पर लगते उनको ग्राम के वनवासी लोग तोड़कर शहद बेंचा करते थे रीछ का सबसे प्रिय भोजन शहद है शहद एक बहुउपयोगी औषधि है शहद औषधि के साथ - साथ स्वादिष्ट स्वास्थ्यवर्धक रसायन शुद्ध शहद को कुत्ता नहीं खाता , शुद्ध शहद यानि पानी भरे गिलास में डालो तो वह नीचे जाकर बैठ जाती है शुद्ध शहद कागज में रखो तो कागज नहीं गलता और तो और शुद्ध शहद को रूई की बत्ती में लपेट दो और जलाओ तो वह जल जाता है । शहद की मक्खियों से हमें बहुत सावधान रहना चाहिए उनके झुंड व्यक्तियों पर टूट पड़ते हैं उनके डंक से बहुत पीड़ा होती है बहुत ही कुशल एवं सुरक्षा उपाय अपनाकर ही व्यक्ति को शहद के छत्तों से बोलना चाहिए । शहद के छत्तों से अनावश्यक छेड़खानी करना मौत को दावत देना जैसा है एक कहावत है कि शहद की मक्खी अपने छत्ते को नुकसान पहुँचाने वाले को पानी में डूबे हुए होने पर भी नहीं छोड़ती । आजकल मिलावटी शहद भी बाजार में नक्कालों द्वारा बेची जाती है अत : हमें परख कर ही शहद लेना चाहिए मधुमक्खी पालन अब एक रोजगार है. 


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