मंगलसूत्र
मंगलसूत्र
मेरी वह कलीग आज काले रंग की साड़ी में बेहद खूबसूरत लग रही थी। अमूमन वह लाइट और स्टाइलिस्ट जूलरी कैरी करती है लेकिन आज उसने मंगलसूत्र पहना था। लिफ्ट के बाहर निकलने के बाद मैने हँसते हुए पूछ लिया," क्या बात है, लगता है आज आपकी एनिवर्सरी है... आज तो गले मे मंगलसूत्र है..."
यह कहते हुए हम दोनों ही हँसने लगी।महानगरों की बातें या लाइफ स्टाइल शायद कुछ ऐसा ही होता है। गाँवों और कसबों में कोई पूछेगा भला किसी महिला को मंगलसूत्र के बारें में?
वह फिर कहने लगी, "इस मंगलसूत्र की एक कहानी है..." और फिर वह बताने लगी कि कैसे पति और बेटियों के साथ एक बार वह घर में टीवी पर हम दिल दे चुके सनम मूवी देख रही थी। बेटियाँ क्योंकि छोटी थी तो उन्होंने अपने अंदाज से कह दिया कि मूवी के एन्ड में ऐश्वर्या सलमान के साथ ही जाएगी। लेकिन उसने बेटियों को कह दिया की ऐश्वर्या सलमान के साथ नही बल्कि वह अजय देवगन के साथ जाएगी क्योंकि मंगलसूत्र में एक ताकत होती है।वह आगे कहने लगी, "मूवी ख़त्म होने के बाद बेटियों ने कहा, मम्मा, आप ने सही कहा था।लेकिन एक बात तो बताएँ आप, हमने आपको मंगलसूत्र पहने कभी देखा ही नही। उसके कहने पर कि पापा ने कभी मंगलसूत्र दिया ही नही।बस बेटियाँ पापा के पीछे ही लग गयी कि मम्मा के लिए आपको मंगलसूत्र लाना होगा। बेटियों की जिद से पापा फौरन ही मान गये और मेरे लिए यह मंगलसूत्र आया।" मंगलसूत्र की इस मनोरंजक कहानी पर हम दोनों ही हँसने लगे।घड़ी पर निगाह जाते ही अहसास हुआ कि लंच टाइम ख़त्म हुआ है। बाय कह कर हमने एकदूसरे से विदा ली और अपने अपने केबिन की तरफ बढ़ गए।
रात को सारे काम ख़त्म होने के बाद मुझे वह मंगलसूत्र की कहानी याद आयी। उनके उस मंगलसूत्र की कहानी बताने वाले अंदाज़ से यह तो पक्का हो गया कि मंगलसूत्र वाक़ई में दिलों को जोड़ता है..प्यार का बंधन वाला अहसास ही उसकी असली ताक़त है... कहानी कहते हुए उनकी आँखों को याद कर मेरे चेहरे पर अनायास एक हल्की सी मुस्कुराहट आयी जो पलंग पर लगे आईने से झाँक रही थी....
