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Devaram Bishnoi

Inspirational

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Devaram Bishnoi

Inspirational

"महाअचरज ठगी "

"महाअचरज ठगी "

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हमारे गांव में एक लड़का दस वर्ष पहले अपने

घरवालों से रूठ घर छोड़ कर चला गया था।

घरवालों ने उसे बहुत ढुढने कि कोशिश कि थीं।

फिर भी दस वर्षों तक घरवालों को उसका कोई

अता-पता नहीं चला था।

घरवालों ने उसकी पुलिस में गुमशुदगी रिपोर्ट

भी दर्ज कराई थी।

परन्तु फिर भी उसका कोईअता-पता नहीं चला था।

एक दिनअचानक गांव‌ मेंं कुछ साधुओं की 

एक मंडलीआई।

उसमें एक लड़का अपनेआप को हमारे गांव का जो

लड़का गुुम हुआ था।

वहअपने स्वयं को वहीं लड़का बताने लगा।

वह‌ खुद माता-पिता का नाम सही सही जानकारी

साझा कर रहा था।

फिर घर में गांव में खुशियां मनाई जानें लगीं थीं।

घरवालों ने गांव वालों ने तो उससे हल्की पुल्की 

जानकारी साझा करने से यह गुुमशुदा 

हमारा लड़का हैं सभी ने मान लिया था।

लेकिन जब उसकी बहनों को घर बुलाया गया था। 

तब बहनों ने उससे बच्चपन्ने के कई छोटे बड़े

राज साझा करने को कहा था।

जो उन्होंने अपने बहन भाईयों घरवालों ने 

साथ बिताए पलों के राज़ थेें।

जो सिर्फ बहन भाईयों घरवालों को ही पता थें।

इस बार वह एकदम ग़लत साबित हो गया था।

क्योंकि वह बहनों के घरवालों साथ बिताए

पलों के राज़ नहीं जानता था।

फिर बहनों ने उसेअपना भाई होने से साफ 

इंकार कर दिया था।

इसके बाद में गांव वालों ने उस लड़के को पुलिस में 

देने की बात कही।

तों उसने गांववालों केऔर शक्ति से पुछताछ करने 

परअपना राज़ गांववालों के सामने उगल दिया था।

उसने कबूल कर लिया था कि वह आपके गांव का

लड़का नहीं हैं।

उसनेआगे बताया की यह हमारे ठग गिरोह कि चाल थी।

यदि घरवाले मुुझे अपना बेटा मान लेते तों।

मैं कुछ ही दिनों बाद घर से सारा किमती 

सामान गहनें पैसे वगैराह सब कुछ लेकर 

रफुचक्कर हो जाता।

परन्तु इन बहनों नेआकर हमारा

सारा प्लान ख़राब कर दिया।

गांव वालों को महाअचरज हुआ कि दुनियां में

इस तरीके से भी ठगी हो सकती हैं।

हम तो सपने भी नहीं सोच सकते हैं कि 

कोई ऐसा गन्दा काम भी कर सकता हैं।

गांव वालों ने ग्रामीण परम्परानुसार पंचायत बैठक कर

उन पाखंडी नक़ली बाबाओं ठगों पर ठगी कि

कोशिश करने कि गलती के लिए कबुतरो के दाने के

दस किवंटल ज्वार काआर्थिक दण्ड लगानें का निर्णय

 किया।

और उसी वक़्त किसी गांव के किसान से खरीद कर

कबुतरो के लिए गांव में दानाघर में ठगों से डलवाया।

भावार्थ यह हैं कि हमें सही सही जानकारी साझा

करने पर ही किसी के खोये हुए लड़के को कबूल 

करना चाहिए।

अन्यथा हम ठग गिरोह के शिकार हो सकते हैं।

कहावत हैं कि ज़रा सी सावधानी हटी दुर्घटना‌ घटी।



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