Rohit Verma

Abstract Classics Inspirational

5.0  

Rohit Verma

Abstract Classics Inspirational

मेरी पहली किताब

मेरी पहली किताब

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मेरी पहली किताब में जो शब्द मैंने लिखे वह दिल के अन्दर तक उतर गए कुछ शब्दों में कुछ सच्चाई और कुछ अच्छाई थी, कुछ बनावटी किताबें रास न आई बस मेरी लिखी किताब ही समझ आई। लिखते वक्त ये सोच रहा था क्या लिखूँ पर जो लिखा वह पन्ना भरता चला गया।

कवि अपने मन से कविता लिखता है। लेखक अपने आस-पास के वातावरण से घटित दृश्य देखकर कहानी लिखता है।

कहानी बड़ी हो तो समय नहीं मिलता। कहानी कुछ शब्दों की हो तो हर कोई पढने की कोशिश करता हैं। करना है तो कुछ बड़ा किजिए छोटा तो हर कोई कर रहा है। जब हम कहानी व कविता के किस्से पढ़ते हैं तो हमारे मन को संतुष्टी मिलती है। पैसो का कोई मोल नहीं क्योंकि किताबों का मोल नहीं होता हमेशा लिखने वाले का मोल होता है।

कुछ लोग अपने घर बाटँ देते हैं बाटनाँ हैं तो किताबे बाँटे रिश्ते नहीं। आज भी कितने लोग अपने मौकाम तक पहुचँ नहीं पाए हैं, लगता हैं कुछ तो डर जाते हैं या कुछ हार जाते हैं।

एक संगीतकार संगीत से प्रेम करता है, एक कवि कविता से प्रेम करता है, एक लेखक अपनी कहानी से प्रेम करता है। तभी तो वह कुछ बनता है। एक सफलता आपको दूसरा मार्ग देगी और आपकी असफलता आपको एक सीख देगी।

छोटे सपने देखोगे तो छोटे बन कर रह जाओगे बड़े सपने देखोगे कुछ कर जाओगे।


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