STORYMIRROR

Madhu Kaushal

Drama

2  

Madhu Kaushal

Drama

मेरे खुदा मुझे तू एक और जिंदगी

मेरे खुदा मुझे तू एक और जिंदगी

2 mins
553

अरे बेटा, आज मेरे दोस्त शर्मा अंकल की 75 वीं सालगिरह है हम सब को बुलाया है बहुत बड़ा फंक्शन है हम सब चलेंगे ससुर ने अपनी बहू को आवाज देकर कहा।

जी पिताजी बहू दोपहर को बाजार जाकर एक खूबसूरत सी मूर्ति खरीद लाई और पूछा पिताजी कैसा रहेगा ?

अरे ये तो बहुत सुंदर तोहफा है मेरे दोस्त को बहुत पसंद आयेगा शाम को सास-ससुर बहू नीतू और उनका बेटा सालगिरह में गए।

शर्मा अंकल की सुंदर सी सलोनी सी बहू शीतल ने हंसते हंसते उनका स्वागत किया। सभी अतिथियों से बड़े प्यार से पेश आ रही थी। सालगिरह खत्म होने पर उसने सभी को अपने हाथों से बनाए हुए कलाकृतियों के पेंट किए हुए गमले पौधे लगाकर उपहार में स्मृति चिन्ह के रूप में अपने ससुर से प्रदान करवाए। सभी ने शर्मा अंकल जी की बहू शीतल की बहुत तारीफ की।

एक दिन नीतू की सास ने किटी पार्टी का आयोजन किया उसने शीतल को भी बुलाया। किटी पार्टी में नीतू के साथ उसने नए नए गेम खिलाए, इतनी जोर से खिलखिलाती की सभी मुस्कुरा उठते। अंजाना सा स्नेह हो गया था उससे सबको। नीतू और शीतल का एक दूसरे लव जीती थी आज वह उन्मुक्त हंसी हंसती है।

साथियों सबको अपनी अपनी जिंदगी जीने का हक है घुट घुट कर जीना कौन चाहता है ? स्त्री कितनी भी सशक्त क्यों ना हो उसे एक प्यार करने वाले पुरुष के मजबूत हाथों का संबल तो चाहिए ही जो उसे दिल से प्यार करें जरूरत के लिए।

नहीं यह एक कहानी नहीं एक सच्चाई है जो हमारे आसपास घटित हुई है। ऐसी कहानियां आपने सुनी होंगी पर इसे फिर से लिखने का उद्देश्य था कि आज भी समाज में लोग आगे नहीं आते हैं और कितनी ही स्त्रियां तिल तिल मरकर जीवन बिता रही हैं, ऐसे प्रयासों का हमें स्वागत करना चाहिए। परिवार के सदस्यों को सहयोग करना चाहिए जीवन ढोना और जीवन जीना दो अलग अलग बातें हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama