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SHRADDHA SINGH

Abstract

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SHRADDHA SINGH

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मेरा मोबाइल फोन

मेरा मोबाइल फोन

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आज मुझे खुश होना चाहिए पर मैं खुश नहीं हूं।

अरे , आज तो पापा ने मुझे नया फोन दिलाया । पर पता नहीं खुशी नहीं हो रही ।

सोचा था अपनी फर्स्ट सैलरी से अपना नया फोन लूंगी। पर ये ख्वाब पूरा नहीं हो पाया ।सोचा पापा कितनी मेहनत करते है , घर ,ऑफिस सब कुछ। तब जाकर उनको सैलरी मिलती है और ।

मैं उनके पैसों से फोन नहीं लेना चाहती थी । कभी कभी बहुत भावुक हो जाती हूँ। 

पर कोई बात नहीं पापा खुश हैं।

अब सोचा है कि अपनी सैलरी से उनको फोन दिलाऊंगी।

वो ख्वाब मेरा अब भी पूरा हो सकता है। हमारे मां पापा सब कर जाते । अपने ख्वाबों को छोड़ कर हमारे लिए सब कर जाते है।

धन्यवाद पापा



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