पहला प्यार पार्ट 1
पहला प्यार पार्ट 1
"मम्मी जी आपके लिए चिट्ठी आई है। कानपुर वाली बुआ जी की बेटी की शादी है। आपको जल्दी आने के लिए कहा ।"
" राघव ऑफिस चला गया और नाश्ता किया उसने।"
" जी मैंने उनके लंचबॉक्स ध्यान से रख दिया ।"
शाम हो गई है । राघव आने ही वाले होंगे। पिया , "अरे! वाह आप आ भी गए ,बहुत लंबी उमर है आपकी अभी मैं आपको ही याद कर रही थी और कैसा रहा आपका दिन।"
" दिन तो अच्छा था।"
तभी मम्मी जी, "बेटा, राघव कानपुर से तुम्हारी बुआ की चिट्ठी आई है बिटिया की शादी है। तो हम सब को चलने के लिए कहा है। अब तुम्हारे पापा होते तो ये सब वो ही करते, पर अब वो इस दुनिया में नहीं है तो तुम्हें ही करना पड़ेगा। वैसे भी रिश्तें में त्रिशा तुम्हारी बहन है तो भाई को तो चलना ही पड़ेगा।"
"ठीक है मां मैं ऑफिस से छुट्टी ले लूंगा। पिया तुम तैयारी करो चलने की ।"
जेड हां मम्मी जी मैं सब तैयारी कर लूंगी। राघव मुझे आपको कुछ बताना है"
" ,बोलो पिया"
"मेरी मामी जी के बेटे की शादी भी उसी दिन है और मैं बुआ के घर गई तो मामी जी के घर नहीं जा पाऊंगी ।उनका फोन आया था कि शादी के कुछ दिन पहले ही आ जाना । मैंने मम्मी जी से भी कह दिया अब दिक्कत है की शादी एक तारीख की है दोनो जगह। तो बताओ मैं क्या करूं।"
"पिया कोई नहीं तुम मामी के घर जाओ मैं मां को बता दूंगा।"
”और मम्मी जी बुरा मान गई तो मैं संभाल लूंगा कोई नहीं।"