Sanchit Srivastava

Drama

4.3  

Sanchit Srivastava

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मेन्स डे

मेन्स डे

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वैसे तो दुनिया में डे के नाम पर मन्ना डे शोभा डे और सन डे भी धूमधाम से मनाए जाते रहे हैं पर मेन्स डे अभी भी कलेंडेर की अलमारी में पड़ा २ इग्नोरंस की धूल फाँक रहा है। उसी दिन पड़ने वाला टोयलेट डे स्वच्छता अभियान के नाम पर दुगुनी तेजी से आगे निकल गया है। मानो जैसे टोयलेट डे के स्मोग के पीछे छुप गया है। या फ़िर अगला एक्सयूस मी भाईसाहब बोलकर आगे आ गया है न ही आज कोई चिट्ठी आएगी न ही चित्रहार। न ही सरकार विज्ञापन निकालकर इस इग्नोरेड प्रजाति का कुछ भला करेगीह्यूमीलीयेशन अपने चरम पर है जहाँ दुनिया में ताम्र के भी पात्र बन गए पर पुरुष आज तक बधाई के पात्र तक न बन पाएकिंतु बंधुवर नर हो न निराश करो मन को। चलो हम ही बधाई का बिसमिल्ला कर देते हैंतो भाईसाहब आप सबको पुरुष दिवस की हार्दिक शुभकामनाए

एक ही तो दिन है सरदार जी आपके पास। मना लो इसे

बहुत कम लोग जानते हैं की इस विषय पर चर्चा स्वयं श्रीकृष्ण और अर्जुन भी कर चुके हैं। ये दर्द परसों का नहीं बरसों का है। तो आइए चलते हैं द्वापरयुग में जहाँ कुरुक्षेत्र के मैदान में प्रभु अर्जुन के साथ इस मुद्दे पर वन टू वन डिस्कस कर रहे हैं।

#अध्याय -१ _ श्रीकृष्ण अर्जुन संवाद

बात द्वापरयुग की है और जब महाभारत का युद्ध चल रहा था। शाम को कौरव और पांडव गेम ओफ़ थ्रोंज़ खेलकर पवेलीयन लौट चुके थे।

अर्जुन बसुदेव के निकट बैठकर पूरे दिन की घटनाओं पर चर्चा कर रहे थे की अचानक प्रभु ने अर्जुन से पूछा -हे पार्थ पता है आज कौन सा डे है। अर्जुन को लगा बाय गॉड व्हाट हप्पेंड विद् अवर गॉड । वाई ही इस आस्किंग अबाउट द डे। उनके पास स्वयं का आइफ़ोन एक्स है(प्रभु आइफ़ोन एक्स इसलिए रखते थे क्योंकि उन्हें उनकी एकसेस राधा वग़ैरह की याद दिलाता रहता था) वो उसमें इन्स्टॉल्ड कैलंडर में देख सकते थे पर अर्जुन बिना कोई अरगुमेंट किए हुए अपना फ़ोन चेक किया पर आज न उसका बर्थ डे था ना ही प्रभु का और न ही एनीवर्सरी थी

बस जुम्मा था पर किसी भी तरह के चुम्मे का वादा न था

अर्जुन ने उत्तर दिया हे प्रभु आज तो जुम्मा है( जुम्मा इसलिए बोला क्योंकि जुम्मा चम्मा सोंग अर्जुन का फ़ेवरेट था)

श्रीकृष्ण ने कहा - नहीं बुड़बक आज क्या ख़ास है। अर्जुन बोला हे प्रभु आप सर्वज्ञाता हैं। तुस्सी ही दसो की हेगा आज ?

भगवान ने मंद २ मुस्कुराते हुए कहा -हे पार्थ आज मेन्स डे है।

अर्जुन अवाक था। उसने पूछा “हे प्रभु तो प्री कब था“

प्रभु ने प्रेमपूर्वक अर्जुन का सर सहलाते हुए कहा- रे भाई यो SSC और बैंक के प्री मेन्स कि बात न कर रिया मैं। मुखर्जी नगर से बाहर आकर देख भाई

आज मेन्स डे है अर्थात् पुरुष दिवस। जैसे संसार में महिला दिवस, मज़दूर दिवस, स्वतंत्रता दिवस फ़लाना दिवस धिमकाना दिवस आदि २ इत्यादि होते रहते हैं वैसे ही होता है ये मजबूर दिवस अर्थात् पुरुष दिवस।

परंतु ये दिन भी बीजेपी में आडवाणी जी की तरह ब्र्युटली इग्नोरड है

अर्जुन ने प्रभु से पूछा एसा क्यों है प्रभु~ मुरलीमनोहर बोले देख भई सब बताऊँगा बस बीच में बात ना काटाकर(प्रभु मूड में आ चुके थे) उन्होंने कहा हे पार्थ पहले चाय की व्यवस्था करो। अर्जुन ने तुरंत आँखो से इशारा करके सहदेव को चाय बनाने को बोला। सहदेव ने 50पास्कल पर नथुने फुलाते हुए मन ही मन कहा “ सब काम मैं ही करूँ, कबसे बोल रहा हूँ एक मेड रख लो पर हमको ही रामू काका बनाकर रख दिया है बंधु हूँ आपका। बंधुआ मज़दूर नहीं

फ़िर भी बेचारा पें पें करता हुआ चाय चढ़ाने लगा

फिर केशव ने कहा हे पार्थ इसकी मुख्य वजह “आज का”

तभी बीच में अर्जुन तपाक से बोला “आज का अर्जुन” है। अमिताभ वाला( अर्जुन ज़बरा फ़ैन था बिग बी का)

श्रीकृष्ण ने बहुत ही सौम्य मुस्कान से साथ अर्जुन के सर पर हाथ फिराते हुए कंटाप जड़ा और कहा हे डूड डोनट बी सो फ़िल्मी। अंडर्स्टुड।

क्रमशः


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