मौत : जो कोई नही चाहता।

मौत : जो कोई नही चाहता।

2 mins
451


बाबूजी का भरा पूरा परिवार था, 2 बेटे, 2 बहुये और नाती पोते। उनकी बीवी का 2 साल पहले निधन हो गया था। बाबूजी बहुत ही खुशमिजाज इंसान थे। बीवी के जाने का दुख तो बहुत था लेकिन उन्होंने जल्दी ही इस दुख से मुक्ति पा ली थी। सुबह जल्दी उठना, दोस्तो के साथ बाहर जाना, किताबे पढ़ना, सुबह शाम सैर पर जाना, ये उनकी दिनचर्या थी। वो अपनी बीवी की तरह बीमार पड़े हुए मरना नहीं चाहते थे और ना ही बिस्तर में पड़े हुए रहना ताकि लोग उनकी मौत का इंतेज़ार करे। वो तो मरना ही नहीं चाहते थे। वो अपनी ज़िंदगी से बहुत खुश थे, सुबह शाम उन्हें अच्छा खाना, बच्चो का प्यार, पेंशन, दोस्तो का प्यार, सब कुछ तो मिल रहा था। उनकी उम्र 80 पार हो चुकी थी, उनके दोस्त कभी उन्हें चिढ़ाते "देख तेरी इतनी उम्र हो गई है, आराम किया कर। नहीं तो पता ही नहीं चलेगा कब मौत आ जाये”

वो इन सब बातों में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते उल्टा उन्हें ये कहते कि मैं मौत को भी हरा सकता हूँ। अभी मुझ में इतनी ताकत है। एक दिन बाबूजी शाम को घूमके घर आये, अपने कमरे में गए और बहू को आवाज़ लगाई "बहु सुनो थोड़ा निम्बू पानी बना दो"

कुछ देर में बहू निम्बू पानी ले आई उसके इसका कारण पूछा तो बाबूजी बोले "दोस्तो के साथ चाट खाली तो थोड़ी गैस हो गई। शायद, मै रात में खिचड़ी खाऊंगा वो भी थोड़ी सी। बहू जी कह कर चली गई। खाने के बाद सभी सोने चले गए। आधी रात में बाबूजी को लगा कोई उनके पास खड़ा है। उन्होंने आंख खोली तो एक काला आदमी उनके सिर के पास खड़ा था। वो डर गए और पूछा “कौन हो तुम?”

उस आदमी ने कहा “मैं यमराज हूँ। तुम्हारा समय समाप्त हो चुका हैं। यहाँ रहने का अब तुम्हे मेंरे साथ यमपुर चलना है। बाबूजी उनके सामने हाथ जोड़ने लगे, “मुझे मत ले जाओ, मुझे नहीं जाना तुम मेंरा सब कुछ ले लो पर मुझे छोड़ दो”

यमराज हँसने लगे और बोले "मूर्ख मौत से भी कोई जीत पाया है और ऐसा कौन है जो मौत चाहता है। सब यही रहना चाहते है पर मौत प्रकृति का नियम है। जो आया है तो तो जाएगा ही। कोई जल्दी तो कोई देर से, पर जाना सभी को है" इतना कहकर उन्होंने अपना हाथ उठाया और बाबूजी की तरफ किया। बाबूजी को लगने लगा जैसे कुछ उनके अंदर से निकल रहा हो। उन्होंने बहुत रोकने की कोशिश की परंतु उनकी आत्मा उनका शरीर छोड़ चुकी थी और बाबूजी पलंग में पड़े हुए थे बेजान। 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama