मैं लौट कर आऊंगा
मैं लौट कर आऊंगा
मैं लौट कर आऊँगा, यहीं शब्द थे फौज में कैप्टन नवीन के, अपनी नौ महीने की गर्भवती पत्नी सुमन को। क्योंकि दुर्लभ एरिया में तैनाती होने के कारण। बेटी अनन्या जब नन्हे-नन्हे कदम रखने लगी, वह तभी उसे देख पाया था। इसलिए इस बार नवीन फौज से पहले ही छुट्टियाँ लेकर आया था ताकि बच्चे के जन्म पर वह अपनी पत्नी सुमन के साथ रह सके तथा बच्चे को फ़ौजी बनने की घुट्टी पीला सके। लेकिन भाग्य की विडंबना--- होनी को कुछ और ही मंज़ूर था। सीमा पर अचानक गोलाबारी शुरू हो गई और नवीन को छुट्टियाँ रद्द करके जाना पड़ा। घर वापस ताबूत में आया, तिरंगे में लिपटा शहीद नवीन का पार्थिव शरीर। इधर उसके पार्थिव शरीर का श्मशान घाट में दाह संस्कार हुआ, उधर हस्पताल में सुमन को नन्हे नवीन के रोने की आवाज़ के साथ अपने सिर पर नवीन के प्यार भरे हाथों के स्पर्श का अहसास होता है, देखो सुमन मैं लौट कर आ गया।