मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ


मैं कौन हूँ ?
यह मेरा जानना, मेरे लिए पर्याप्त है।
विश्व को बताने की,
मुझे नहीं कदापि
आवश्यकता लेशमात्र है।
विश्व की मेरे परिचय से अनभिज्ञता,
विश्व का दुर्भाग्य है।
अतः हे विश्व !
यदि अपने भाग्य के सूर्य को सदा,
उदित रखना है चाहता,
तो तम रूपी प्रतीत होने वाली,
मेरी प्रकाश रूपी वास्तविकता,
जानने की नि:संदेह तुझे है आवश्यकता।