मै किसी के लिए प्रेरणा बनी
मै किसी के लिए प्रेरणा बनी
मैं अध्ययन क्षेत्र में रही ।अठ्ठारह साल अध्यापिका रही ,कई प्राईवेट स्कूल में घर में ट्यूशन भी लेती । मानसी मुझसे ट्यूशन पढ़ती थी। गणित मे कमजोर थी। मैंने एक दिन भाग के सवाल दिये एक संख्या के बाहर से भी और अन्दर की भी एक संख्या और उसने आसानी से कर लिए ।दो संख्या अन्दर की बाहर की एक वो भी कर दिये ।तीन संख्या अन्दर की बाहर की, एक वो गड़बड़ा गई ।मैंने कई बार समझाया पर वो न समझ सकी। मैंने मारा नहीं, बस सख्त हुई और बोली जब तक ये सवाल हल नहीं किया घर नहीं जाने दूंगी। कई बार उसने सवाल किया। करत करत निरंतर अभ्यास जडमति होत सुजान ।और उसने वो सवाल अपने दिमाग और चतुरता से किया और वो और भी उत्सुकता के साथ कई सवाल किये। आज मानसी एम०एस०सी०मैथ है । ज्ञान भीतर से आता है आज भी मानसी मेरा शुक्र अदा करती है और मुझे अपनी प्रेरणा मानती है।
