मास्क
मास्क


सड़कों पर कुछ लोग नज़र आ रहे है, करीब दोपहर के 12 बज रहे होंगे,
पुरे देश में लोकडाउन घोषित किया गया है, पर 11 बजे से 3 बजे तक जरुरी सामान के खरीदी केलिए बाजार और दुकाने खुली हुई है,
इसीलिए सभी लोग जिनको खरीदारी करनी है, वो घर से निकलते है, और अपनी अपनी जरूरत की चीजे खरीदते है, मैं भी आज अपने बेटे के साथ बाजार में खरीदी करने आया हूँ !
मेरा बेटा कृष जोकि 5 साल का होगा, वो मेरे साथ आया हैं, उसने बाजार में सबको मास्क लगाए और दूरीसे खरीदी करते देखकर मुझसे सवाल किया !
कृष - पापा सबने ये मुँह पर क्या लगा रखा है,और क्यू लगाया है,
मैंने कहा - बेटा पुरे संसार में कोरोना नाम का वायरस फ़ैल गया है,ये वाइरस बहुत खतरनाक है,इससे बचने के लिए लोगो ने मास्क लगाया है,
कृष - तो पापा ये कोरोना वाइरस पुरे संसार में कैसे फैला, ये चलता है क्या !
मैंने कहा - नहीं बेटा वाइरस चलता नहीं है, ये चीन में स्थित शहर बुहान के किसी लैब से फ़ैल गया है, इस कोरोना वाइरस ने पहले वहां के लोगो को अपना शिकार बनाया,फिर दूसरे शहरो और देशो के लोगो को अपना शिकार बनाया !
कृष - पर पापा जब कोरोना चल ही नहीं सकता तो वह कैसे किसी को अपना शिकार बना सकता है !
मैंने कहा - बेटा शिकार तो हम खुद बनते है, वो नहीं बनता !
कृष - कैसे पापा...
मैंने कहा - जब हम वाइरस के संपर्क में आते है तब
कृष - हम कैसे संपर्क में आते है,
मैंने कहा - हम जब छीकते है,और हमें कोरोना वाइरस की बीमारी है,तो हमारे छींकने से वो वाइरस हमारे छींक के साथ निकलकर दुसरो को बीमार बना सकती है,
कृष - पापा टीवी पर तो दिखाते है कि हाथ मिलाने से फैलता है,
मैंने कहा - हां बेटा जिसको ये बीमारी है,उसके छींकने से वो वाइरस उसके हाथो और शरीर पर छींक के साथ आ जाता है, वो इंसान जब किसी चीज को हाथ लगता है, तो वाइरस उस वस्तु पर चली जाती है, और वो वस्तु कोई और छू ले तो उसे भी कोरोना हो सकता है,
कृष - हां पापा सही बोले इसीलिए हाथ मिलाने के लिए मोदी जी मना करते है ..
ह ह ह आ ... हां बेटे सही बोल रहे हो !
कृष - पर पापा इसका इलाज क्या है !
मैंने कहा - इसका इलाज है जागरूकता और सावधानी !
कृष - वो कैसे !
मैंने कहा - बेटा आपको कोरोना हो या न हो मास्क लगाना चाहिए !
क्युकी अगर आपको कोरोना है, तो दुसरो में नहीं फैलेगा,और आपको कोरोना नहीं है तो आप कोरोना के सीधे संपर्क से बच सकते है,
कृष - पापा और क्या क्या कर सकते है !
मैंने कहा - बेटा जब भी सामान ख़रीदो,या कहीं जाओ तो एक निश्चित दूरी पर खड़े रहो!
लगभाग1.5 मीटर ! क्युकी 1.5 मीटरतक किसीकोरोना पीड़ित मरीज की छींक 1.5 मीटरतक नहीं आ सकती है,इसलिए कोरोना से बचने के लिए निश्चित दुरी जरुरी है,
और अपने हाथो को बार - बार धो लिया करो!
हाथो को कम से कम २० सेकंड तक सही से धोना चाहिए !
तभी कोरोना वाइरस मरेगा जल्दी जल्दी हाथ धोने से कोई फ़ायदा नहीं होने वाला,
जब भी बहार से घर आये तो हाथ पैरो को सही से धोये ! कोशिश करे की अगर घर के बहार ही हाथ पैर सही से धो ले तो सबसे अच्छा हो, बिना हाथोपैरो को धोये बिस्तर या सोफे पर न चढ़े,
जितना हो सके घर पर रहे,जरूरत पड़ने पर ही घर से निकले,
यही सब करना पड़ेगा बेटा तो कोरोना की बीमारी से बच सकते है,
"इस बीमारी से लड़ने वाले सिपाही हम ही है ",
कृष - तो क्या पापा पूरा संसार इस बीमारी में फस गया है,ये सब बाते किसी को पता नहीं थी क्या!
मैं इस सवाल को सुनकर चुप हो गया,सच तो यही था,कि इसका जबाब मेरे पास नहीं था, ना ही इस संसार के पास होगा,
इस संसार में बहुत बड़े बड़े नेता,अधिकारी, डॉक्टर, पुलिस,बिजनिसमैन,लेखक,सामजसेवी, बुद्धिजीवी लोग सब है,
ये बाते हर एक आम जनता को भी पता है, कि कोरोना वाइरस से बचाओ एकदम सरल है, फिर भी ये बीमारी महा प्रलय बन के उभरी है,इसका कारण वास्तव में कोरोना तो है ही नहीं,
इसके कारण हम है ! हमें सब पता है, पर हम खुद ही चुनौती देते है,कोरोना को !
आज देश और समाज में जो हो रहा है,किसी से कोई बात छिपी नहीं है,
हमें हर बात का ज्ञान होता है,पर दुसरो को बाटने के लिए !
हम उस ज्ञान को खुद के लिए उपयोग नहीं करते है, क्यू !... क्युकी ग्यानी अपना ज्ञान का उपयोग नहीं कर सकता जैसे एक पंक्ति है !
नदिया न पिये कभी अपना जल,
वृक्ष न खाए कभी अपना फल ×२
अपने तन को मन को धन को
धर्म को दे दे दान रे
ऐसा तो नहीं है, जिसका हम दिखवा करते है वो ईगो है, घमंड जिसके कारन हम अपना ज्ञान दुसरो को देते है, खुद कभी उसपर अमल नहीं करते है,
इस बात का ज्ञान मुझे तो मेरे बेटे के सवालो ने करवा दिया !
अब ये देखना है, कि क्या ये कहानी आपलोगो को कुछ सीखा पाती है, कि नहीं.......