मान
मान
अरीसुलक्षणा कल "हरतालिका तीज "है, याद है ना।
अरे माँ मैं तो भूल ही गई थी ।अच्छा हुआ आपने याद दिला दिया, ठीक है कर लूँगी।
"अरे माँ आपने अभी तक चाय नहीं बनाई सुबह-सुबह किसको फोन करने बैठ गयीं?" सीमा अपनी माँ के गले में हाथ डालते हुए बोली ।'
तेरी भाभी को ही फोन लगा रही थी , उसे याद दिला रही थी कल हरतालिका तीज है ,
व्रत कर लेना
"और भाभी ने कहा होगा ठीक है मैं कर लूंगी।
"हां तेरी भाभी बोल रही थी कि माँ मैं तो भूल ही गई थी अच्छा हुआ आपने याद दिला दिया।"देख मैं उसे याद दिला देती हूं तो निधि बड़ी खुश हो जाती है ।
पर माँ आपको पता है न कि भाभी व्रत नहीं कर पाती हैं , उन्हें भूख सहन नहीं होती है।फिर क्यों याद दिलाती हो ?
अब उसकी इच्छा होगी तो कर लेगी नहीं तो कोई बात नहीं है। मैंनें अपना कर्तव्य पूरा कर दिया।पर देख बेटा मेरा मान तो रख लेती है। कभी मना नहीं करती है हमेशा यही कहती हैंकि हाँ कर लूंगी ।
सो तो है माँ, आजकल की बहुएँकहाँ सास की बात सुनती हैपर निधि भाभी कम से कम आपकी बात मानती हैं और आपका सम्मान करतीहैं ।
हाँ, मेरे लिए यही बहुत है बेटा। हमेशा मेरी बात सुनती है और मेरा मान रखती है।