माँ कभी नहीं--
माँ कभी नहीं--
चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं होने पाई कि राजेश दूसरी पत्नी ले आया और उस पर जान छिड़कने लगा। उसके मोहपाश में ऐसा फँसा कि उसे पहली पत्नी नेहा का स्मरण भी नहीं रहा। राजेश को तो पत्नी मिल गई लेकिन नन्हें योगेश को क्या माँ मिल पाई? सुनीता चाहे कितना भी दुनिया की सबसे अच्छी तथा ममतामयी माँ होने का दिखावा करती हो , पर एक दिन योगेश के सब्र का बाँध टूट गया और कह बैठा, आप किसी भी कोण से मेरी माँ नहीं हो सकती है, क्योंकि मेरी माँ ने अगर कभी भी मुझे मेरी नादानियों पर मारा या डाँटा तो वह खुद भी फूट-फूट कर रोई और अगर मैंने कभी गुस्से में खाना नहीं खाया, तो वह भी सारा दिन भूखे रह कर मेरा खाना खाने के लिए मनुहार करती थी। पर आपको तो मुझे मारने और भूखा रखने के पश्चात जरा सी भी तकलीफ का अहसास नहीं होता है। माँ की ममता कभी भी दिखावटी और बनावटी नहीं होती हैं। इसलिए आप मेरी माँ तुल्य तो हो सकती है, लेकिन मेरी माँ कभी भी नहीं ---।