माँ का प्यार
माँ का प्यार


परीस्तान - परियों के द्वारा बनायीं हुई जगह थी, जहाँ तरह तरह पेड़ पौधे , तरह तरह के जीव - जन्तु और मनुष्य प्राणी रहा करते थे, जैसे - हाथी, शेर,चीता बिल्ली ,कुत्ते ,गाय ,बकरी इत्यादि।
एक दिन रानी परी, अपने परीस्तान में भ्रमण पर निकलती है... बाज़ार पहुँच कर वो वहाँ तरह तरह की बिकने वाली वस्तुओं का अवलोकन करती है... उसके बाद वो जीव - जंतुओं के रहने की जगह पर जाती है। वहाँ पहुँच रानी परी एक घोषणा करती है की " जिस जीव का बच्चा सबसे सुन्दर होगा, उसके माता -पिता को पुरस्कृत किया जायेगा। और इस के लिए कल सुबह सभी प्राणी और जंतु अपने बच्चों के साथ परी महल के बाहर इक्कठा होंगे....इसके बाद रानी पारी अपनी परिचारिका के साथ वहाँ से चली जाती है....
अगली सुबह के साथ सभी प्राणी और जंतु अपने बच्चों के साथ परी महल के बाहर इक्कठा हो जाते हैं.... "रानी परी की जे " के उद्घोष के साथ रानी पारी का आगमन होता है..वो महल से चल कर प्राणी और जंतु के पास पहुँचती है, जहाँ वे लोग अपने बच्चों के साथ रानी पारी के लिए खड़े रहते हैं। एक एक कर के रानी परी सभी प्राणीओं के बच्चों को देखती है। और तभी वो बन्दर के बच्चे के पास आ कर रूकती है और उस बन्दर के बच्चे को देख कर कहती है की -" छी, कितना कुरूप बच्चा है ये.. इसके माता -पिता को कोई पुरस्कार नहीं मिलेगा। यह कह कर रानी पारी आगे निकल जाती है, और तभी उस बच्चे की माँ उसको अपनी छाती से लगा कर कहती है की " तू दुनिया का सबसे खूबसूरत बच्चा है, और मेरे लिए तू ही मेरा पुरस्कार है, मुझे और कोई पुरस्कार नहीं चाहिए। "
माँ का प्यार दुनिया में सबसे प्यारा है। ..इसकी कोई भी बराबरी है कर सकता। भगवान की बनाई हुए सबसे खास रचना है- माँ..