लॉक डाउन पांचवा दिन
लॉक डाउन पांचवा दिन


डिअर डायरी
आज लॉक आउट का पांचवा दिन है और दिनों की तरह आज भी बाहर गली में सन्नाटा पसरा हुआ है गेट पर गार्ड खड़ा हुआ कुछ कहना चाह रहा था l में ने उतरकर उससे कुछ पूछा तो वो बोला की दीदी बहुत परेशानी हो रही है घर में राशन नहीं है।
दीदी लॉक डाउन के कारण घर में बहुत परेशानी हो रही है घरवाली को भी निकाल दिया है हम सोच रहे है की गावं निकाल जाये ये तो पता नहीं कब तक चलेगा l मैंने उसे पैसे दे दिए l
सोचने लगी क्या होगा in लोगों का l संगीत का अभ्यास करने बैठी ये भी भगवान ने अच्छा मौका दिया है मुझे l लिखने का भी शौक है और कई मैगजीन्स के लिए लिखती हूँ l लेख लिखने का भी अच्छा समय है कई सारे लेख लिख लिए है मैंने l बहुत सारे पुराने दोस्तों से बात नहीं की थी l सोचा हर दिन एक एक से बात करुँगी l कितना समय बीत गया है सबसे बात किये हुए l फिर एक पुरानी सहेली से बात करने बैठ गई फिर क्या था समय का पता ही नहीं चला l दिन कैसे बीत गया पता ही नहीं चला l