हम जैसा बोते हैं, वैसा ही काटते हैं इसलिए दरख्तों को आंगन में रहने दो। इनकी छांव बड़ी हम जैसा बोते हैं, वैसा ही काटते हैं इसलिए दरख्तों को आंगन में रहने दो। इनकी छा...
दिन कैसे बीत गया पता ही नहीं चला l दिन कैसे बीत गया पता ही नहीं चला l