लॉक डाउन भाग एक
लॉक डाउन भाग एक


सुनो पारुल कल से लॉक डाउन है कोरोना की वजह से। कितने दिन का माँ...21 दिन का....अरे बाप रे कैसे घर मे रहेंगे माँ ?
अरे अच्छा तो है, हम दोनों साथ मे रहेंगे...तू स्कूल कोचिंग की भाग दौड़ में मुझे समय नहीं दे पाती है। मैं तेरी पसन्द का खाना बनाऊंगी और दोनों साथ मे टी वी देखेंगे, पुराने दिनों की यादें ताजा करेंगे। न जाने अरसा बीत गया है साथ में वक्त बिताये...अब परेशान न हो चल सो जा। सुबह जल्दी उठने की जरूरत नहीं है, आराम से सोना..न कहीं जाना है..न कोई आने वाला है। ओके मेरी माँ.. गुड नाईट....
गुड मॉर्निंग मेरी गुड़ियाँ रानी उठो, सुबह के 11 बज रहे है। अरे बाप रे....बेफिक्री की नींद भी कैसे आती है पता ही नहीं चला कि 11 बज गये। चलो जल्दी उठो ...नहा कर पाठ करो, आज नवरात्रि का पहला दिन है, मैं नहा कर चाय बनाती हूँ। अच्छा माँ..
मेरा पाठ हो गया माँ, जल्दी से चाय लाओ और साथ में अपनी भी अपन दोनों साथ मे चाय पीयेंगे ढेरों बातें करेंगे..और टीवी मत चालू कीजिए अपन बात करेंगे।
अपन वक्त के अभाव में मन की बात भी नहीं कर पाते, न जाने कितना कुछ मन मे भरा है सब खाली करेंगे आज..और मेरे बालों में आज तेल भी लगा दो माँ, कई दिन से मेरे बाल बिना तेल के है। सो गई...अच्छा सो जा, चल मैं फलाहार बनाती हूँ। पारुल मेरी गुड़िया रानी उठ साबूदाने के बड़े बन गए टमाटर की चटनी के साथ
वाह माँ मजा आ जायेगा माँ....मुझे अपने हाथ से खिलाओ न, न जाने कब ये पल आयेगा भला हो लॉक डाउन का हमे साथ मे वक्त बिताने को, आराम वाली जिंदगी कैसे होती है जानने मिल रहा है और जीने भी। अच्छा चल बहुत बातें करती है मुझे अपनी गोद में सुलाना माँ। आपकी गोद में सोने का मजा कुछ और ही है, रोज तो थकान सुला देती थी। शाम साबू दाने की खिचड़ी बनाना और साथ में चटनी, हाँ अभी अपन दोनों आराम करते है।
चल पारुल उठ बेटा शाम हो गई है..चल पूजा कर मैं फलाहार बनाकर लाती हूँ। जी माँ..पूजा हो गई माँ...मैं कुछ मदद करूँ। नहीं तू पास खड़ी रह, तुझे देखकर ही ताकत आ जाती है। बातें बनाना कोई आपसे सीखें। आखिर माँ किसकी हूँ, दा ग्रेट मदर टेरेसा पारुल की। चलो बन गई खिचड़ी और चटनी
खा कर छत पर चलते है, मछर दानी लगाकर वहीं सोयेंगे अच्छा।
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क्रमशः....
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