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Neelam Tolani

Drama

3  

Neelam Tolani

Drama

लक्ष्मी..

लक्ष्मी..

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श्रद्धा बाहर लॉन में बैठी ,आसमाँ में उड़ते पंछियो को निहार रही थी। उसकी आँखो के सामने आज सब कुछ चलचित्र सा घूम रहा था... 

पिताजी हमेशा माँ से कहते, "देखना भाग्यवान, कोई राजकुमार ही आसमान से उतरकर आएगा, हमारी श्रद्धा के लिए ।सुंदरता, बुद्धि का बेजोड़ मिश्रण है तुम्हारी बेटी! फिर लक्ष्मी का रूप जहाँ पग धरेगी ,धन बरसेगा।

      सचमुच राजकुमार ही तो आया था।सुंदर ,सुशील पढ़ा लिखा कबीर.... श्रद्धा से शादी के बाद एक के बाद एक फैक्ट्रियां खोलता गया ...

          जब तक रानू और दीपू गोदी में आए, तब तक तो उसकी सुंदरता और शारीरिक जरूरतें उसे श्रद्धा के पास लाती रही थी।

 अब केवल धन ही धन था ,दर्जनभर नोकरो,गाड़ी, प्रॉपर्टी, बोर्डिंग में पढ़ते बच्चे... और वो!

पापा ने यह तो बताया ही नहीं था, कि लक्ष्मी को कैद रहना होता है, तिजोरी में... चार दीवार की घुटन के साथ।



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