"" लालच बुरी बला ""

"" लालच बुरी बला ""

1 min
998


सर्वमान्य मत है कि, लालच बुरी बला होती है और लालची व्यक्ति, अधिक पाने की चाहत में, अपनी जमा-पूंजी भी गंवा देता है। जैसे कहावत है ना कि ना राम मिला ना रहीम, फिर से ओटन लगे कपास।


व्यक्ति धन की जितनी ही लालसा करता है, उसके संचय में अपना वक्त, अपनी उर्जा व्यय करता है, उसे उतना ही प्राप्त होता है, जो उसके नसीब में होता है।


आलम यह है कि व्यक्ति को लगे कि उसका धन, किसी कारणवश गड्ढे में गिरने वाला है, तो भी वह अपनी जान की परवाह ना कर, धन को बचाने सामने दिख रहे गड्ढे, में भी कूदने तैयार हो जाता है। चाहे धन बचाने के चक्कर में उसकी जान पर ही क्यों ना बन आये।


हमारे शास्त्रों में लिखा है कि अपनी आमदनी का दस प्रतिशत हिस्सा जरूरतमंद की सहायता में खर्च करना चाहिए। इससे पुण्य भी मिलता है और यह इंसान होने का तकाजा भी होता है।


पैसा बचाने दौड़ता व्यक्ति के सामने बड़ा सा गड्ढा है और उसके ऊपर बड़ी सी शिला है,जो कि व्यक्ति को, रूकने का संकेत कर रही है। किन्तु लालची व्यक्ति संकेतो को नजरअंदाज कर दौड़ते हुए, जोखिम उठाने तैयार नजर आ रहा है। यह लालच की पराकाष्ठा है जैसे कि सावन के अंधे को हर जगह हरा ही हरा नज़र आता है।


सच कहा है लालच बुरी बला होती हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama