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Sumit Mandhana

Inspirational

4.0  

Sumit Mandhana

Inspirational

"लाल चमगादड़ और अन्धेरी रात "

"लाल चमगादड़ और अन्धेरी रात "

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दोस्तों हॉरर का तो नाम लेते ही अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाते हैं! बच्चे तो क्या कभी कभार तो बड़े भी हॉरर मूवीस और स्टोरीज से डर जाते है। फिर भी हॉरर मूवीस देखने में और हॉरर स्टोरीज पढ़ने में बहुत मजा आता है। 

मेरी सबसे पसंदीदा हॉरर मूवी है कृष्णा कॉटेज। जितनी अच्छी और डरावनी कहानी थी उतने ही अच्छे से उसे पिक्चराईज भी किया था। हॉरर टीवी सीरियल की बात करें तो आहट सीरियल तो मुझे बहुत पसंद था। उस के सारे एपिसोड्स एक दम अलग और डरावने थे। चलिये मेरी कहानी शुरू करता हूं।   

दीपक और सुषमा शादीशुदा थे और अच्छे से अपना दांपत्य जीवन जी रहे थे। कभी-कभी छोटी मोटी नोकझोंक भी होती थी । बातों में मतभेद होता था पर कभी नहीं हुआ। प्यार में थोड़ी बहुत तकरार तो होनी भी चाहिए। जब रूठना मनाना होता है तो प्यार और गहरा होता जाता है ।    

सुषमा को भूत प्रेत से बहुत डर लगता था और दीपक इसके विपरीत था वह उसे डराने के लिए कभी कभार प्रैंक(शैतानी) भी करता था। लेकिन सुषमा अपने भीरू स्वभाव की वजह से छोटी-छोटी बातों से डर जाया करती थी।   

लेकिन इस बार से उनके घर में अजीब घटनाएं होती है। एक रात को अचानक ही रसोई में बर्तन गिरने की आवाज आती है। सुषमा तुरंत उठकर रसोई में देखने जाती है। उसे दूध का बर्तन गिरा हुआ दिखता है। उसे लगता है बिल्ली आई है, लेकिन वहां कोई नहीं होता है । कुछ देर के लिए तो बहुत घबरा जाती है फिर वह फर्श साफ करके सो जाती है।  

कुछ दिन बाद फिर से ऐसा ही होता है। इस बार उसे किसी चीज के टकराने की आवाज सुनाई देती है । लेकिन रसोई में उसे कोई नहीं दिखाई देता है । तभी अचानक उसके सिर के ऊपर से लाल चमगादड़ उसके काफी करीब आता है। कुछ पल के लिए वह बुरी तरह घबरा जाती है और तुरंत दीपक को आवाज लगाती है। दीपक आ कर देखता सुषमा का चेहरा पसीने से लथपथ होता है। वह दौड़कर दीपक के गले लग जाती है ।   

एक दिन शाम को 7:30 बजे सुषमा को उनके पलंग के नीचे एक नींबू और पाँच मिर्च धागे में बंधे हुए मिलते हैं। वे लोग इस तरह की कोई चीज घर में नहीं लाते थे। इसलिए वह उसे उठाकर बाहर फेंक देती है। तभी उनका 7 साल का बच्चा हाथ में एक लोहे की तार लेकर आता है जिसमें खिल्ली बंधी होती है और एक बड़ा सा कोयले का टुकड़ा बीचो बीच में लगा होता है। वह उसे बाहर फेंकने को कहती है फिर वह अपने काम में लग जाती है । खाना बनाकर रसोई से बाहर आती है। डाइनिंग टेबल पर वही नींबू मिर्च देखकर घबरा जाती है । तभी अचानक लाइट चली जाती है और घर में पूरी तरह से अंधेरा हो जाता है। डर के मारे उसकी उसकी चीख निकल जाती है । 

वह रसोई में से जल्दी से बाहर भाग आती है। उसे कमरे में एक अजीब सी परछाई दिखाई देती है। डरी हुई सुषमा और ज्यादा डर जाती है । डर के मारे उसके मुंह से सिर्फ इतना ही निकलता है कौ.....कौ.......कौ......कौन है?  

दीपक बोलता है "डार्लिंग

मैं हूं डरो मत आज मैं ऑफिस से जल्दी घर पर आ गया ।" फिर वह मोबाइल से टॉर्च ऑन करता है। दीपक को वहां देख कर सुषमा थोड़ी संभल पाती है । फिर वह बोलती है हमारे घर में लगता है कोई भूत प्रेत का साया आ गया है। मुझे बहुत डर लग रहा है । पता नहीं लगातार क्या हो रहा है मेरे साथ!  

 फिर वह एक-एक करके सारी घटनाएं दीपक को बताती है । सारी बातें सुनने के बाद दीपक जोर से हंसने लगता है वह बोलती है मैं इतनी बुरी तरह से डर गई हूं और तुम्हें हंसी आ रही है तुम कैसे पति हो! वो बोलता है डार्लिंग मैं हंसू नहीं तो क्या करूं । मैंने तुम्हें पहले भी कहा है ऐसा भीरू स्वभाव अच्छा नहीं है। देखो इसकी वजह से तुम ने छोटी सी बात का कितना बतंगड़ बना लिया । फिर वह उसे सारी बातें फिर से समझाता है।   

वह उससे कहता है कि "कल मंदिर से लौटते समय उसे पंडित जी ने यह नींबू मिर्च दिए थे । वो लेकर घर पर आया था, लेकिन लगाना भूल गया! वो गलती से मेरे हाथ से छूट गए और पलंग के नीचे गिर गए । मैं उठाने जा ही रहा था, तभी फोन की घंटी बजी और बातों के चक्कर में मैं उसे उठाना भूल गया। वह नीचे गिरे हुए रह गए और तुम्हे मिलने पर तुम घबरा गई । तुमने उसे बाहर फेंक दिया , लेकिन हमारा मुन्ना खेल-खेल में उसे फिर से अंदर ले आया। खेल खेल में मुन्ना ने उसे डाइनिंग टेबल पर रख दिया होगा। जिसे देखकर तुम घबरा गई।   

जिस तार की तुम बात कर रही हो जिसमें कोयला और खिल्ली लगी थी, वह तो मम्मी जी ने मुझे दिया था नींबू मिर्च के साथ लगाने के लिए। तुम्हें पता है ना वह इन चीजों में बहुत विश्वास रखते हैं । मैंने उन्हें नींबू मिर्च की बात बताई थी तो उन्होंने बोला उसके साथ खिल्ली और कोयला भी लगाओ इससे घर की सभी बलाएँ दूर होंगी । मैं तुम्हें यह बात बताना भूल गया था।"     

तभी सुषमा बोल पड़ती है "और वह लाल चमगादड़ ? चमगादड़ तो काले होते हैं ना फिर वह लाल कैसे था ?" दीपक कहता है "वह भी तुम्हें बताता हूं उस दिन खिड़की खुली रह गई थी तो घर में चमगादड़ आ गया था। वो चमगादड़ फ्रिज के दरवाजे से टकराया होगा और तुम्हारे रंग वाले बर्तन में गिर गया होगा जिस वजह से वह लाल हो गया था और तुम उसे देखकर घबरा गई ! " 

अभी भी सुषमा थोड़ी बहुत सहमी हुई होती है। वह दीपक से पूछती है, अच्छा वह सबसे पहली रात को जिस दिन दूध गिरा था वह क्या था ? तो वह कहता है मुन्ना ने मुझे दूसरे दिन सुबह बताया था वह आइसक्रीम खाने के लिए रसोई में गया था। लेकिन अंधेरे में फ्रिज में से आइसक्रीम निकालते वक्त उससे दूध गिर गया था। वह घबरा गया कि तुम उसे मारोगी और वहां से भाग गया। 

सभी बातें जान लेने के बाद सुषमा भी हंसने लग जाती है। उसका सारा डर भी दूर हो जाता है । तभी फिर से रसोई में बर्तन गिरने की आवाज आती है! सुषमा बिना डरे ही कहती है मुन्ना तुम फिर से आइसक्रीम खा रहे हो ना , चलो कोई बात नहीं बाहर अच्छे से बैठ कर खा लो। 


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