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Kunda Shamkuwar

Drama

3  

Kunda Shamkuwar

Drama

क्या खोया क्या पाया

क्या खोया क्या पाया

2 mins
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आज सुबह से ही वह शाम को होने वाली नये साल की पार्टी और बाकी प्रोग्राम की तैयारी का जायजा लेने लगी थी।नौकरों के काम पर नजर रखते हुए साथ साथ इंस्ट्रक्शन भी दे रही थी।

शाम को पार्टी में काफी लोग आए थे।वह भी सिल्क की सुंदर साड़ी पहनें हुए लोगों का आवभगत करते जा रही थी।सब महिलाओंने उसकी सिल्क की साड़ी की काफी तारीफ़ें भी की थी।

पार्टी खत्म हो गयी और जाते हुए सब लोगों ने पार्टी को काफी एन्जॉय भी किया।

रात काफी गहरी हो गयी थी।सब लोग अपने अपने घर चले गये।घर के बाकी लोग भी अपने अपने कमरों में गुड नाईट कहते हुए सोने चले गये।

सब काम खत्म होने के बाद वह थकान महसूस कर रही थी।पलंग पर लेटते ही उसे एक एक मेहमानों की कही बातें याद आने लगी।

बच्चों और पति के बारे में बातें करते हुए मेहमान थक नहीं रहे थे।पति आफिस में कैसे काम करते है और कितने मसरूफ़ रहते है और ऐसे कर्मठ लोगों को ही तरक्की मिलती है वगैरा वगैरा।पति सब बातों के साथ खुद की उपलब्धि एन्जॉय कर रहे थे। उसे अचानक याद आया कि किसी मेहमान ने उसके बारे में भी पूछा था की मैडम भी कही काम करती है क्या? "she doesn't work, she stays at home only."पति ने इंग्लिश में जवाब दिया था।

पति के इंग्लिश में बोले गए शब्द जैसे ही याद आये उसका मुँह का स्वाद कसैला हो गया था।उठकर वह साड़ी बदलने लगी।

सिल्क की साड़ी उतारते हुए वह सोचने लगी, 'उसकी condition भी तो बिल्कुल इस सिल्क साड़ी वाले रेशम के कीड़ों जैसी ही है।रेशम बनाने के लिए उन कीड़ों को खौलते पानी मे डाला जाता है और उसके बाद ही सुंदर दिखने वाला यह रेशम बनाया जाता है।

सब लोग रेशमी साड़ी की तारीफ करते रहते है।उन रेशम के कीड़ों की याद किसी के भी जहन में नहीं रहती है।किसी को क्या फर्क पड़ता है भला???


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