STORYMIRROR

Raghav Dubey

Tragedy

3  

Raghav Dubey

Tragedy

कुत्ते

कुत्ते

2 mins
290

देखते-देखते गाँव के लगभग सभी श्वान एकत्रित हो गए।

”क्यो कलुआ क्या हुआ किस लिए पंचायत बुलाई तूने ? “- बुजुर्ग श्वान भूरा ने पूछा l

“सरकार, आज अपनी बिरादरी पर अनावश्यक आरोप लगाए जा रहे हैं, उसी पर चर्चा करनी थी...गाँव में हुई ह्रदय विदारक घटना में इंसान हम लोगों को जोड़ रहा है, ये हम सब के लिए अच्छा नहीं है” – कलुआ ने कहा l

“बात तो तेरी सौ टका सही है...पर आखिर हुआ क्या ? पूरी बात तो बताओ ”- भूरा ने पूछा।

”कल शाम को जब मैं रोटी खोजने निकल तो रास्ते में देखा कि एक इंसान, एक छोटी सी बच्ची के साथ….छी.. मैंने भौंक-भौंक कर उसे रोकने का बहुत प्रयास किया.. लेकिन हर बार उसने मुझे पत्थर मारा… दूर तक खदेड़ा भी और उसके बाद उसने, उस बच्ची के अंगों को क्षतिग्रस्त कर कचरे के ढेर पर डाल दिया….”– कहते कहते कलुआ का गला रुंघ आया ।

”क्या जरूरत थी, उनके बीच बोलने की ? “ भूरे ने बीच में कलुआ को टोकते हुए समझकर कहा ” वे लोग तुम्हारी जान भी तो ले सकते थे ”

युवा टॉमी उत्तेजित हो गया- ” दद्दा आप ने ही तो बताया है कि वफ़ादारी हमारी संस्कृति है। जिसका खाते हैं, उसकी बजाते हैं, यही हमारा धर्म है, कितनी ही बार उस अबोध के हाथों उसके परिवार ने रोटी खिलाई है बुलाकर, पुचकारकर, वो सब भूल जाते हम...अपना धर्म भूल जाते...नहीं...नहीं इंसान की तरह इतना गिरे हुए तो नहीं हैं हम” टॉमी अपनी रौ में कहे जा रहा था, और शेष उसे चुप लगाए सुन रहे थे ” और अब नाम दिया गया कि कुत्तों ने नोचा-खाया है उसे “ टॉमी ने जब यह बताया तो पूरी पंचायत में सन्नाटा छा गया l

बुजुर्ग श्वान भूरा का कलेजा मुंह को आ गया, आँखों से आँसू झर-झर गिरने लगे।

फिर भूरा के संकेत पर सभी श्वान भौकते हुए गाँव की गली-गली में जुलूस की शक्ल में निकल पड़े। वे भौक रहे थे, रोने की आवाजें कर रहे थे, मानो समवेत स्वर में कह रहे हों – “हम श्वान हैं किंतु आदमी जैसे दरिंदे कुत्ते नहीं हैं, हम एक टुकड़ा रोटी के वफ़ादार हैं... लालची, और कृतघ्न नहीं...”



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy