STORYMIRROR

Neeraj Agarwal

Romance Fantasy Inspirational

3  

Neeraj Agarwal

Romance Fantasy Inspirational

कुदरत और भाग्य..एक वायदा

कुदरत और भाग्य..एक वायदा

5 mins
14

         सच तो हम सभी जानते हैं कि वायदे के खातिर तो हम अपनी जान भी दे सकते हैं परंतु मेरा भाग्य कुदरत के रंग एक सच कहता है यही सच के खातिर हम वायदे भी करते हैं। एक वायदे के खातिर हम सभी जीवन में बहुत कुछ कर गुजरते हैं न प्रेम मोहब्बत और चाहत में हम सभी अपने अपने मनोभावों को नियंत्रित कहा रखते हैं। कुदरत और भाग्य के साथ-साथ एक सच एक वायदे के खातिर हम सभी एक-दूसरे के दुश्मन भी बन जाते हैं। और समाज में यही रीति रिवाजों के साथ हम सभी जानते हैं। कि एक वायदे के खातिर हम सब एक जिंदगी और मौत से भी ज्यादा मजबूत बंन जाते हैं। जीवन में हमसभी एक वायदे के खातिर एक दूसरे का सहयोग करते हैं। और जीवन का सच तो यही है कि हम सभी मानवता के साथ-साथ शारीरिक जीवन की जरूरत भी महत्व रखती है क्योंकि हम सभी सच कितना भी बोल ले या कह ले। परंतु हमारे इच्छाएं शरीर के कामवासना के साथ ही मन की और शारीरिक संतुष्टि होती हैं। क्योंकि मेरा भाग्य और कुदरतके रंग एक सच के साथ होता है भाग्य मैं जो लिखा होता है। वह कुदरत के अधीन होता है और एक सच यही है कि हम सभी कभी न कभी शारीरिक सुख भोगने का आनंद लेते हैं और यही एक वायदा हम सभी एक वायदे के खातिर जिंदगी और जीवन दोनों लुटा देते हैं परंतु अपना वादा जरूर निभाते हैं आधुनिक युग में होता बहुत कम है। ऐसा आजकल की नौजवान लड़के लड़कियां वायदा और जवान का मतलब नहीं समझते हैं। बस हम सभी धन के साथ-साथ जीवन के सच को लालच की ओर ले जाते हैं। आज की कहानी में सुनीता और राजेश भी एक वायदे के खातिर राजेश और सनीता जीवन की डोर बन जाते हैं परंतु वह कैसे बधंते हैं। आओ हम सभी मेरा भागवत कुदरत के रंग एक सच के साथ कहानी को और जीवन के रंग में एक सच को समझते हैं जिससे हम सभी जीवन की वास्तविकता को भाग्य और कुदरत के रंग को समझते हुए जीवन की राह को सोचते हैं। सुनीता और राजेश भी एक दूसरे को........ सच

              सुनीता एक अविवाहित नारी थी और उसके शरीर की बनावट और अदाएं बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक थी। घरों में रसोई का काम करने का कार्य करती थी और अगर कोई ढंग से धन से मदद करता था तो उसके सभी काम कर देती परंतु सुनीता एक लड़की सबकी व्यस्त महिला और अपने जीवन में घरों के कामों में व्यस्त रहती थी राजेश उसे शहर में ट्रांसफर होकर एक इंजीनियर के पद पर आता है। और और उसे घर में खाना बनाने के लिए कोई सहयोगी चाहिए होता है आस-पास के घरों में मालूम करके सुनीता के घर पहुंच जाता है।

          कुदरत के रंग और भाग्य एक सच होता है उसके जीवन में जो होना होता है वही होता है बस हमारी सोच और हमारी समझ बन सकती है परंतु कुदरत के नियम और भाग्य का देखा कभी नहीं बदलता ऐसा ही कुछ सुनीता के साथ होने वाला था। राजेश सुनीता के घर का दरवाजा खटखटाता सुनीता अपने आंचल को संभालती हुई दरवाजा खोलती है। राजेश भी इंजीनियर अच्छा सुंदर सजीला नौजवान था। सुनीता दरवाजा खोल दिया तब राजेश और सुनीता एक दूसरे को देखकर हैरान हो जाते क्योंकि दोनों ही एक दूसरे को पहली नजर में दिल दे बैठते हैं। राजेश आप खाना बनाने का काम करती हैं क्या मेरे घर में मेरे लिए दो वक्त का खाना बना दिया करेंगे। सुनीता हां पर मेरे दो वक्त के खाना बनाने का खर्च भी देना होगा। राजेश कहता हां आपको आपका खाना बनाने का महंताना मिल जाया करेंगा।

          सुनीता राजेश के घर पहुंच जाती है‌। और एक वायदे के खातिर सुनीता समय से खाना बना देती थी। धीरे-धीरे सुनीता और राजेश एक दूसरे के करीब आने और एक दिन राजेश सुनीता का हाथ पकड़ कर कह देता है आज खाना मेरे साथ खा लो हाथ पकड़ के खाना खिलाने का आप जानते हैं बता दो आप ही एक वायदे के खातिर हम आपकी जिंदगी में रंग भर देंगे ऐसा करती हुई राजेश सुनीता को बिस्तर पर गिरा देता है सुनीता तो जैसे इंतजार कर रही थी आप कसम के साथ-साथ अपनी उम्र के सागर में रंगीन दुनिया में खो जाते है। जब दोनों की नींद खुलती है तो रात गुजर चुकी होती है। सुनीता पदम रोमांस से घर चुका होता है और राजेश भी जीवन के यौवन का रस पान कर चुका होता है।

         सुनीता राजेश एक वायदा लेती हैं। उसे जीवन में भूलेगा नहीं राजेश सुनीता से एक वायदे के खातिर राजेश सुनीता को गले लगा लेता है। सुनीता भी राजेश को एक वायदे के खातिर अपना सब कुछ दे देती है और दिन बीते राजेश और सुनीता आए दिन एक दूसरे के साथ रंगरलियां मनाते रहते हैं और एक दिन सुनीता राजेश से कहती हैं कि मैं आपके बच्चे की मां बनने वाली और राजेश खुद खुश हो जाता है और एक बार देखकर खातिर सुनीता को अपने जीवन की संगनी बनाने का सहयोग करता है। और खाना बनाने के वायदे के खातिर राजेश के जीवन की रौनक बन जाती है।

   मेरा भाग्य कुदरत के रंग में एक सच एक वायदे के खातिर हम जीवन में सभी जीवन और भाग्य के साथ ही हम वायदे निभा पाते हैं। एक वायदे के खातिर हम सभी जीवन को निभाते हैं। भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहते हैं। और एक वायदे के खातिर राजेश और सुनीता जीवन साथी बन जाते हैं बस आज के आधुनिक समय में हम सभी को एक दूसरे की सहयोग और निभाने की जरूरत होती है तब एक वायदे के खातिर हम सभी जीवन के सच को निभाते हैं।

           आप और हमारे जीवन के सच में मेरा भाग्य और कुदरत के रंग एक सच कहते हैं और एक वायदे के खातिर हम सभी जीवन में एक दूसरे को निभाते हैं बस यही जीवन और समाज का नियम होता है आओ हम सभी एक दूसरे से वादा करें एक दूसरे को एक वायदे के खातिर निभाते हैं।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance