Shyam Raj

Drama

4.0  

Shyam Raj

Drama

कसक

कसक

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जाते जाते उन्होंने ऐसा क्यों कहा मुझे तो समझ में ही नहीं आया। फिर भी पता नहीं क्यों चार दिन से ये बात मुझे परेशान किए हुए है। कुछ भी काम करूँ तो उनके वो शब्द याद आ ही जाते हैं। मैंने और मेरे पति हरीश ने दीदी के लिए सब कुछ किया था। उनकी पसंद का खाना बनाया। उनकी पसंद की जगह घूमने गए। मार्केट से वो अपनी पसंद के कपड़े भी लेकर आए। और तो और हरीश ने तो उनके यहां आने पर दो दिन की छुट्टी भी ली थी और बच्चे तो हमेशा उनके इर्द–गिर्द ही घूमते रहते थे बुआ जी बुआ जी कहते कहते उनकी जुबान ही नहीं थकती थी। मोनू और काम्या के लिए बहुत सारे खिलौने लेकर आया जाते जाते भी उनको अलग से खिलौने दिलवाए फिर भी उनके मन में कौन सी कसक रह गई। ये तो या तो दीदी जाने या फिर भगवान ....


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