कर्फ्यू का छठा दिन
कर्फ्यू का छठा दिन


वैसे कुछ भी हो मोदी जी ने बहुत अच्छा काम किया मुझे तो लगता है कि यह सब करने के लिए उनके मन में विचार आते कहां से हैं कुछ भी सही देखो उनका हर विचार अपने आप में बहुत ही अलग होता है अब देखो ना उन्होंने 5 मिनट के लिए पूरे हिंदुस्तान को एक कड़ी में पिरो दिया।
कभी किसी ने सोचा नहीं होगा कि ऐसा भी होगा वैसे यह कोविड-19 ना आता ना यह सब होता क्योंकि दुनिया एक सूत्र में रहने को तैयार ना थी लेकिन कहते हैं ना कि जो होता है अच्छे के लिए होता है वह 5 - 10 मिनट जिंदगी की अलग ही पल थे।
सब अपने-अपने घरों से ताली, थाली शंख बजाकर धन्यवाद ज्ञापित कर रहे थे एक मजे की बात तो यह भी किसी को जब मैंने फेसबुक पर देखा तो वास्तव में ही मुझे तो हँसी आ गयी क्योंकि उनकी हरकत ही ऐसी थी कि मुझसे राह नहीं गया वैसे उस दिन का नजारा अपने आप में अलग था क्योंकि उस दिन तो मेरी आंखें भर आई हर तरफ थाली, ताली मंदिर में घंटों की आवाज आवाज से अद्भुत ध्वनि निकल रही थी।