मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

Tragedy Others

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मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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कोरोना से जूझ रहा संसार

कोरोना से जूझ रहा संसार

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आज कोरोना नामक महामारी से सारी दुनिया जूझ रही है। सम्पूर्ण विश्व इसकी चपेट में आ चुका है। दुनिया भर में लाखों लोग इस कोरोना वायरस ( कोविड-19) से जान गंवा चुके हैं। अधिकांश देश इस महामारी की भीषण मार झेल रहे हैं। जिनमें एक भारत भी है। माना जा रहा है कि दिसम्बर 2019 में मध्य चीन के वुहान नामक शहर से इसकी शुरूआत हुई। वुहान शहर सीफूड़ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। चिकित्सकों, वैज्ञानिकों का कोरोनवायरस को लेकर अभी तक मतभेद बना हुआ है। इस वायरस को लेकर अब तक तमाम विवाद उभरकर सामने आये हैं।


भारत में तो इसको लेकर अंधविश्वासों ने रिकार्ड ही तोड़ दिये। जिस समय भारत का पड़ोसी देश चीन कोरोना महामारी से जूझ रहा था। उस समय भारत सरकार ने इसपर कोई खास ध्यान नहीं दिया। केन्द्र की भाजपा सरकार मध्य प्रदेश में सरकार गिराकर सरकार बनाने के लिए उठा पटक वाले दाँव पेचों में व्यस्त थी। इसके साथ ही भारत के प्रधानमंत्री जी अमेरिकी मेहमान के स्वागत में लगे हुए थे। जब कोरोना वायरस की मार से दुनियाभर के शक्तिशाली देश जैसे इटली, अमेरिका त्राहिमाम- त्राहिमाम करने लगे तब जाकर भारत सरकार की नींद खुली। आनन-फानन में जनता कर्फ्यू लगा दिया गया और उसके तुरन्त वाद लॉक डाउन। विदेशों में फसे छात्र, उद्योगपति, यात्री, नौकरीपेशा लोगों को वापिस लाने में सरकार ने प्राथमिकता दी, लेकिन उन्हें आजाद छोड़दिया गया, जिससे कोरोना वायरस फैलने की संभावना बड़ गई।


अचानक से लगे लॉक डाउन ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया। लाखों - करोडों मजदूर एकदम से बेरोजगार हो गए। कल कारखाने बंद होने से लोग सड़कों पर आ गये। यातायात के सभी साधन बंद होने से लोग हजारों कि. मी. की यात्रा पैदल ही करने लगे। इस बीच भारत सरकार व राज्य सरकारों ने गरीब - मजदूरों के रहने खाने का एलान कर दिया। परन्तु ये बातें अन्य सरकारी योजनाओं की तरह जमीनीस्तर पर आते - आते छू मंतर हो गई।


इस बीच देशभर में कोरोना के मरीज निकलने लगे। पुलिस प्रशासन ने मोर्चा पहले से ही संभाला हुआ था। पुलिस की कुछ छवियां सकारात्मक आई तो वहीं इस बीच देशभर से इंटरनेट पर ऐसे सैकड़ों - हजारों वीडियो सामने आये जिनमें पुलिस भारतीय नागरिकों को बड़ी बर्बरता से मारती-पीटती नजर आई। वहीं कुछ स्थानों से पुलिस और नागरिकों की भिड़ंत के वीडियो भी इंटरनेट पर खूब वायरल हुए।


माननीय प्रधानमंत्री जी ने कोरोना योद्धाओं के सम्मान में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जैसे - ताली, थाली बजवाई, दीप, मोमबत्ती, टार्च जलाने को बोला, आसमान से हैलीकॉप्टर द्वारा फूल बरसवाये। इन कार्यक्रमों को देशभर में खूब सराहा गया।  


प्रधानमंत्री जी द्वारा देश के नागरिकों से आत्मीय अपील की गई कि उनके खाते में दिल खोलकर नागरिक दान करें। हजारों करोड़ का दान देखते-देखते एकत्रित हो गया। जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था, इस बीच एक खबर वायरल हुई कि सरकार ने तमाम भारतीय भगोड़ों का पैसा बट्टे खाते में डाल दिया गया है। ये खबर सरकार की नियत पर शक पैदा करने वाली थी। इसी बीच देश में न नक्सलवाद रुका, न आतंकवाद। आये दिन देशभर में तरह-तरह की हृदय झकझोर देने वाली खबरें सामने आती रहीं।


कोरोना वायरस से बचाव के लिए जो नियम बनाये गये थे, उन्हें सरकार ने शराब की दुकानों को खोलकर तुड़वा दिया। कुछ स्थानों पर हालात बहुत ही चिन्ताजनक बनते चले गए। एक तरफ सरकार देश के नागरिकों से अपील कर रही थी कि कृपया घरों में ही रहें तो दूसरी तरफ जनविरोधी नीतियों को लागू करके देश में और संकट बढ़ाती रही।


कुल मिलाकर देश इस समय गंभीर संकट से गुजर रहा है। और पक्ष - विपक्ष अपनी घटिया राजनीति से बाज ही नहीं आ रहा। कोरोना वायरस कुछ स्थानों पर कम हुआ है तो कहीं बाम्ब की तरह फूट रहा है। साथियों आपसे विनम्र आग्रह है कि कृपया अपने घरों में रहें, सुरक्षित रहें और शासन - प्रशासन का सहयोग करें।



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