Bhawna Kukreti

Drama

4.6  

Bhawna Kukreti

Drama

कोरोना लाॅकडाउन -3 (आपबीती)

कोरोना लाॅकडाउन -3 (आपबीती)

5 mins
224


10:12 am

हेल्लो

आज सुबह बडी देर से जगी, रात भर नींद नहींं आई। रात मे हॉस्पिटल से स्टाफ आया था, इंजैक्शन लगाने।फीमेल स्टाफ को हैड ने आने से मना कर दिया है तो मेल स्टाफ ही है वो भी कम। बेटे को अच्छा नहीं लगा, किसी मेल का मेरे हिप मे इंजैक्शन लगाना। उसके चेहरे पर पहली बार एक अलग भाव देखने को मिला। कुछ देर बाद वो मेरे पास आया था और कुछ देर उसी भाव से देखता रहा और गले लग कर बोला " कोई बात नहीं मां, पापा कह रहे थे की डॉक्टर भगवान होते है।"

टी वी पर इस वक्त डी डी भारती पर महाभारत चल रहा है,मम्मी जी और बेटा बैठे देख रहे हैं। वॉट्सएप्प पर कोरोना प्रभावित के एक वीडियो से मन दुखी है, एक बच्चे का है तड़प रहा है।जिसे साँस लेने मे दिक्कत हो रही है और मा बाप उस से दूर से बात कर रहे हैं। फेसबूक पर डबल्यू एच ओ का पेज फोल्लौ कर रही हूं। मैने भी आज एक पोस्ट पर फोमिटोज़ ( अखबार वगैरह जो वायरस फैलाने मे सक्षम हैं) के बारे मे लिखा है की अखबार बन्द कर दो।

पर मेरे घर मे ही मम्मी जी नहीं मान रही। एक तरफ सारे घर के काम का बोझ और उस पर इतने सालों का उनका निर्बाध रूटीन बाधित हो गया है कोरोना के कारण, अब अखबार भी बन्द कर दें क्या ?

1:00 pm बेटे और दादी की नॉक झोंक हो रही है।कपड़े सुखाने उपर छत पर जाना है। बेटा कह रहा है, आप पापा को क्यूँ नहींं कहती। दादी जी कह रहीं हैं की पापा काम कर रहे हैं, तपाक से बोला है" कहीं भी नहीं कर रहे, सबने मुझको ही पकड़ लिया है" दादी हँस रहीं हैं।वो लौट आया है छत पर छिपकली दिखी हैं, दादी अब गुस्सा हो रही है 12-13 साल का होने आया और छिपकली से डर रहा है।ये अब हँसने लगे है कह रहे हैं जब तक मैं नहीं उठूंगा वो चैन नहीं लेगा, मोदी जी का भी बॉस है ये। अब दोनो छत पर हैं, हसने खिलखिलाने की आवाज आ रही है।अभी एक मेल नौटिफीकेशन पॉप अप हुई है ।देखती हूं।

1:40 pm यार, मेल स्टोरी मिरर से था, ओपेन माईक का प्रोसेस बताया गया है। 3:05 तक शामिल हो जाना है। ये पहली बार होगा की मैं अपनी कविता ऐसे कहीं पढ़ूं। तुम हन्सोगी आगे पढ कर। अचानक " लौक डाऊन " हुआ न और कोरोना की वजह से कहीं कोई पार्लर भी नहीं खुला। बेटे को बड़ी चिंता हो गयी की हऑ मां आपके ग्रे हेयर दिखेंगे ! उसे बताया की ओडियो और वीडियो दोनो ओपशन हैं तो ये बड़े सीरियस आवाज मे बोले काम पहचान बने ये कोशिश होनी चाहिये। कोई फोन आ रहा एक मिनट

1:47pm स्टोरी मिरर से था। उसी ओपेन माईक के लिये। इन्होंने मेरी बात करते वीडीओ बनायी है।बेटा चिढा रहा है " पद्म श्री मिलेगा मां पद्म श्री " । अब नर्वसनेस हो रही है। अभी 1 घन्टा है, कौन सी सुनाऊँ ? 3 मिनट का समय है ।एक अभी कोरोना के टाईम पर लिखी है उसी को सुना दूँ क्या? हँसी भी आ रही है, कविता लोग मंच पर खड़े होकर या बैठ कर सुनाते हैं मैं शायद पहली हूं जो किसी मंच पर बिस्तर पर लेटे लेटे सुनाऊंगी। चलो देखते हैं,विश मे लक यार !!!

6:40pm बहुत अच्छा अनुभव रहा। पहली बार किसी मंच पर अपनी कविताओं को पढा।रवि जी का संचालन बहुत उम्दा और कविताएं एक से बढ़ कर एक। सच बहुत आनंद आया।

7:00 pm काफी दिनो बाद ये मुझे बाहर वाले कमरे मे ले आये हैं । ये अच्छा कमरा है । कॉलोनी की सड़क पर खुलता है।परआवाज से लग रहा है की नीचे वाले अपने बच्चे के साथ बॉल से खेल रहे हैं । कुछ और बच्चों की आवाज भी आ रही है। हे ईश्वर! भारत किसी भी वक्त 3सरे स्टेज मे घोषित हो जायेगा। बेटा बल्कोनी मे गया है समझा रहा है पर कोई सुन नहीं रहा। नीचे वाली लेडी बाहर से मेरी तबियत के बारे मे उस से पूछ रहीं हैं। बेटे की दोस्त भी सामने छत पर है। कह रही है की देखो कोई नहीं मान रहा। पता नहीं क्या होना है।मम्मी जी ने चाय बना दी है ।मैने चाय छोड़ दी थी पर जब से बताया गया है की गर्म चीज पीने से कोरोना दूर रहता है पीने लगी हूं।

20:00am इन्होने मेरी रेपोर्ट उत्तराखंड के टॉप स्पाईन स्पेस्लीस्ट को भेजी थी। उसका कहना है दवाएं सही हैं। टोटल आराम करूंगी, लेटी रहूंगी प्रॉपर तो जल्दी ठीक हो जाऊंगी।मगर आज मैने फिर बदमाशी कर दी। बडी देर आधी लेटी रही। कुछ आवाज आ रही है, शायद कॉलोनी मे सब्जी वाला आया है?!!! पर इस वक्त कैसे आ गया?! किसी ने रोका नहीं?! और हमारे पडोस की औरते पूछ रहीं हैं फलां सब्जी है भैया ?! हे ईश्वर ये खुद मरेगी और लोगों को भी मारेन्गी। हो क्या गया है ? वो सस्पेक्ट क्लियर हो गया क्या?! पर फिर भी इतनी बेफिक्री ? अभी तक घूम रहा है।

20:30pm सुनने मे आ रहा है की उत्तराखंड सरकार ने 31 मार्च को पूरे दिन की छूट देदी है। जिसे जहां पहुंचना है वो जा सकता है। मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा है। कल्पना हो रही है की अगर इनमे से किसी एक को भी कोरोना संक्रमण हुआ तो क्या भविष्य है उत्तराखण्ड का देश का। अभी फेसबूक पर दिल्ली का दृश्य देखा, उफ्फ़ क्या भीड़ है ।हे ईश्वर बचा लेना सबको।

20:50 सास जी ने टी वी ओन कर दिया है। कोई कह रहा है की उसे मकान मालिक ने निकाल दिया है। कोई कह रहा है की वहटसप पर मेसेज मिला की बसें चल रहीं है तो वे चले आये।सास जी कह रहीं हैं की बाप रे कितनी भीड़ है।सास जी ने सीढियों मे कपूर जला दिया है, वे भी घबरा गईं हैं। ये नाराजगी दिखा रहें हैं की सरकार ने गरीबों का ख्याल नहीं किया, जल्द से जल्द इनके लिये व्यवस्था करे, गुस्सा गये हैं बुरी तरह " अब बचो कैसे बचोगे "। बेटा पास आया है कह रहा है" मां वेरी सैड लाखों लोग सडकों पर हैं "। एक और सब्जी वाली आ गयी है कॉलोनी में, अब नहीं लिख पाऊंगी।


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