किले का रहस्य (भाग ---1)
किले का रहस्य (भाग ---1)
धारावाहिक.. कहानी --------
क्रिमिनल स्टोरी -------जासूसी
नोट:----
यह कहानी भानगढ़ के अभिशप्त किले को आधार बना कर लिखी गई है लेकिन पूर्णतः काल्पनिक है ।
कहानी -----
आज चारों परम मित्र फिर 6 महीने बाद summer vacation पर अपने गृह नगर जौधपुर में श्याम रैस्टोरैंट में बैठे हुए आराम से भोजन कर रहे थे , और वार्तालाप तो चालू था ही ।
बस, जब भी ना वो चारों मिलते हैं तो बस घूमने की प्लानिंग शुरु कर देते हैं ।
अमित -----बताओ ना कहां का प्रोग्राम बनायें ।
संजू -----अलवर, अलवर चलते हैं ।
आशीष ----बस कितनी बार सोच सोच कर रह ही जाते है ,
अब चलते ही हैं अलवर ।
रोहित ----हां सुना है अलवर पैलेस बहुत ही खूबसूरत महल है
सुना है, कईं फिल्मों। की और कईं गानों की शूटिंग हुई है
और सब के सब हिट ।
अमित ----और वो तीन शैतान की नानियां वो क्या हमें यूंही जाने देंगी , वो भी चलेंगी देख लेना साथ में।
संजू ----अच्छा वो प्रीति नियति और अवंतिका ।
ले चलेंगे भाई उन्हे भी ।
आशीष हंसते हुए ----फिर तो भई हमारी मंडली चांडाल चौकड़ी की जगह सप्तॠषि मंडल बन गई ।
रोहित -----वो तो है ही ।
अगले दिन ही सातों अपने साजों सामान के साथ मठियां बिस्कुट नमकीन और कुछ जौधपुरी मिठाइयों के पैकिट दोनों गाड़ियों में रखकर पानी की बोतलें लटकाकर भोर होते ही चल पड़ते हैं अपने गंतव्य की ओर ।
अलवर में अपने बुक कराये अभिनीत होटल में रुकते हैं। और प्रात: होते ही सर्व प्रथम महल कि ओर चल पड़ते हैं।
प्रीती --- वा....हो , स्फटिक श्वेत महल कितना खूबसूरत
नियति---- हां गजब और पता है तुम्हें 'अलका याज्ञनिक का नंबर वन गाना है ना कौन सा....
अवंतिका मुस्कराते हुए ------ गाते हुए -----
घूंघट की औट से दिलवर का ....
प्रीती----- हां हां उस गाने की शूटिंग यहीं इस महल में ही। हुई थी।
आशीष जोर से आवाज देते हुए ----- अरे.... फिर पीछे रह गईं तुम सब, है भगवान ये लड़कियां भी है ना , चलती कम हैं
रुकती ज्यादा हैं। बातों का पुलंदा तो कभी खत्म होता ही नहीं।
नियति ----- और तुम ...तुम भी एक एक चीज को आंखें गड़ा गड़ा कर ऐसे देखते हो ....।
अवंतिका ------ बस बस झगड़ो मत चलो म्यूजियम देखते हैं।
महल घूमने के बाद शाम तक वो सातों अपने होटल आ जाते हैं, होटल में खाने की टेबल पर।
अमित -----अच्छा। क्या आप लोग भूत प्रेत होते हैं मानते हो।
प्रीती नियति डरते हुए, भू........त प्रे....त
संजू ---- तो क्या इस होटल में भूत प्रेत हैं।
अमित ------अरे.... बुद्धू हौटल में नहीं ।
संजू -----फिर ?
अमित ----- वाचमेन बता रहा था कि यहां से कोई 165 किलो मीटर। दूर एक ऐतिहासिक किला है वहां ....।
संजू ------अच्छा अच्छा वो रत्नावली वाला भानगढ़ कि किला ।
अमित -----हां वाचमेन कह रहा था वहां राजकुमारी रत्नावली
और। तांत्रिक की आत्माऐं। भटक रही है , इसीलिये पर्यटक तो
वहां खूब आते हैं लेकिन शाम होनै के पहले ही बाहर आ जाते हैं।
अवंतिका -----व्हाट नान्सेन्स इस वैज्ञानिक युग में ऐसी बेतुकि बातें।
अमित -------अरे भैया मैं नहीं कह रहा , प्रशासन ने भी शाम के बाद किले में रुकने पर रोक लगा रखी है ।
अवंतिका ----मैं तो इसे भय और भ्रम के अलावा कुछ नहीं मानती , सोचो सैकड़ों साल पहले जो शरीर नष्ट हो चुके वो कैसै बन सकते हैं और दिख सकते है।
आशीष -------हां साइंस के अनुसार सर्वप्रथम सबसे छोटी इकाई
कोशिका फिर ऊतक फिर ऊतक मिलकर अंग फिर कईं अंग मिलकर एक शरीर की रचना करते है।
फिर ये भूत प्रेत इतनी सारी रचनाऐं कैसे बना सकते हैं।
जिस नन्हे से शरीर को बनने में पूरे। नौ महीने लगते हैं उस शरीर को कोई सिर्फ हवा से कैसे बना सकता है। भ्रम भ्रम मति भ्रम इसके सिवा कूछ नहीं।
अवंतिका ----कुछ नहीं होते भूत प्रेत , बस लोगों को डराने के लिये , अफवाहें फैलाई जाती हैं।
अमित ------हां अवंतिका समझ में नहीं आता कि शिक्षित होकर भी लोग इन बातों पर विश्वास कर कैसे लेते हैं।
अफसोस ........घोर अफसोस ।
प्रीती------अमित इस भानगढ़ के बारे में कुछ जानकारी बताओ ना।
अमित ---- आमेर के राजा भागवंत दास ने 1573। ईस्वी में
अपने छोटे भाई के लिए भानगढ़ का निर्माण कराया था ।
करीब 300 साल तक वहां सुख और ऐश्वर्य का राज था ।
फिर....।
नियति ------फिर....फिर क्या हुआ ?
अमित ------फिर 300 साल बाद इस किले का विध्वंस हो गया ।
संजू ----- वो कैसे ?
अमित ------भानगढ़ के राजा की राजकुमारी रत्नावती अत्यंत रूपवती थी, एक तांत्रिक। सिंधिया की उस पर नज़र थी।
वो उससे विवाह करना चाहता था, लेकिन यह संभव तो नहीं था,
इसलिये उसने हाट में राजकुमारी के लिये तेल खरीदने आई दासी को अभिमंत्रित तेल दे दिया , जिसे लगाकर राजकुमारी रत्नावती
उसकी ओर खिंचती चली आए ।
लेकिन जब वो दासी उस तेल को लेकर जा दही थी तो एक चट्टान से ठोकर खा कर गिर पड़ी , चट्टान के दो टुकड़े हो गये।
क्यों कि तेल अभिमांत्रित था तो चट्टान तांत्रिक सिंधिया की ओर उड़ी और सिंधिया उस चट्टान के नीचे दबकर मर गया ।
किंतु मरने से पहले वह पूरे शहर राजपरिवार और राजकुमारी
रत्नावली को विनाश का श्राप दे गया ,और कहते हैं कि उसी रात को राजकुमारी समेत पूरा भानगढ़ ही विध्वंस की भेंट चड़ गया है ।
अवंतिका ताली पीटते हुए ---------
वाह....वाह...क्या रौचक कहानी है बच्चों को सुनाई जाने वाल । तांत्रिक खुद तो उस चट्टान के नीचे दबकर मर गया और मात्र उसके श्राप से सारा भानगढ़ एक रात में ही समाप्त हो गया।
संजू -------हां अवंतिका मुझे भी हंसी आ रही है , इतनी शक्ति ही अगर तांत्रिकों में होती तो युद्ध के लिये ये करोड़ो़ अरबों की मिसाइलें ये जेट विमान रैफाल यै सशस्त्र सैना सब व्यर्थ....
इन तांत्रिकों के श्राप ही बहुत होते ।
हा हा हा हा सभी को संजू की मुख मुद्रा देखकर हंसी फूट पड़ती है।
रोहित ------आश्चर्य और दुख तो इस बात का है कि आज के शिक्षित युग में लोग इस कहानी को सत्य मान रहे हैं।
अमित ---- कहते हैं रात को एक नर्तकी के घुंघरुओं की भी
आवाजें आती हैं।
संजू ------इसमें कौन सी बड़ी बात है कोई है। जो डराने के लिए
घुंघरू बजा देता होगा ।
प्रीती----हां ऐसा ही होगा, कुछ तो बात है कि कोई है जो उस किले में हैं, और अपना ही वर्चस्व चाहने के लिए डराते हैं
ताकि कोई रात को रुके ही नहीं।
अवंतिका के जासूसी दिमाग में अब खलबली मचनी शुरु हो गई थी।
आइडिया ........आइडिया
अमित -------व्हाट आइडिया अवंतिका।
अवंतिका -----हम, सब उस किले में शाम के बाद कहीं छिप कर बैठ जायेंगे, एक नहीं, दो नहीं, चाहे हमें तीन रातें ही क्यों ना रहना पड़े। हम वहां का रहस्य पता लगाकर ही रहेंगे।
अमित -----हां अवंतिका, लखनवा को हम बाहर ही रखेंगे और वह हमारे किले में रुकने का गवाह होगा।

