ख़ुशियों की चाभी
ख़ुशियों की चाभी
आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि काश मुझे भी खुशियों की चाबी मिल जाती, लेकिन कभी आपने सोचा है की खुशियों की चाबी आखिर होती क्या है वैसे चाबी जिससे आप ताला खोलते हैं घर का या कुछ और लेकिन अगर मैं आपको बताऊं तो खुशियों की जो चाबी होती है वह आपके भीतर ही होती है कैसे अब यह हम पर डिपेंड करता है कि हम आख़िर किस को खुशी बोलते हैं वह जो भौतिकता से जुड़ी चीजें हैं वह खुशी हमें देती है या वह छोटे-छोटे मीठे मीठे पल जो हमारे अपनों के साथ बीते हैं वह खुशी देते हैं क्योंकि अगर हम किसी बड़े पल का इंतजार में बैठे हैं और यह सोचते रहे कि वह ऐसा होगा तो मैं सेलिब्रेट करूंगा यह तो मैं धूम धाम से मना लूंगा,
लेकिन उसमें होता यह है कि हम धीमें धीमें वो जो छोटे छोटे पल आते हैं खुशियों के उनको गवाँ देते हैं वो हौले से रेत की मानिंद हाथों से सरक जाते हैं और हमें एहसास भी नहीं होता क्योंकि हम, हम तो वह बड़ी वाली खुशी के इंतजार में बैठे रहते हैं ना इसलिए,जो खुशियों की चाबी है उसे कहीं बाहर मत ढूढिये खुशी आपके भीतर है वो खुशी हर उस पल में है जो आप अपने अपनों के साथ छोटी मोटी कामयाबी छोटे-मोटे खुशियां कोई भी ऐसी छोटी चीज जो आप साथ में मिलकर बांटना चाहते हैं जिसको बांटने से आपको खुशी मिलती है वही जो पल होता है वही असल में आपकी खुशियों की चाबी होता है तो यह तय आपको करना है कि आप किस तरह की खुशियां चाहते हैं नमस्कार आप सुनाइए थे रेडीओ आलोक अपने होस्ट और दोस्त rj आलोक के साथ खुश रहिए आबाद रहिए।