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Madhu Vashishta

Tragedy Inspirational

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Madhu Vashishta

Tragedy Inspirational

काला रंग (अवसाद)

काला रंग (अवसाद)

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डोर बैल लगातार बज रही थी लेकिन विभा अपने सोफे पर बैठे हुए लगातार छत की और ही तक रही थी। 2 दिनों से बाल भी नहीं बनाए थे। ब्लैक टी पीने को मन नहीं था। शायद कोई कुरियर वाला होगा लेकिन अब उसके पास पैसे बचे ही कहां थे। जो थोड़े बहुत पैसे बचे थे उससे ग्रोफर्स से घर का जरूरी सामान मंगवाना था। अभी 1 तारीख को फ्लैट का किराया भी देना था। लोन वालों के डर के मारे उसने 3 दिन से फोन को स्विच ऑफ करके रख दिया। किससे पैसे मांगे, सभी उसी की ही तरह अपना रोना सुनाना शुरू कर देते थे।


जाने क्यों आज मम्मी पापा की बहुत याद आ रही थी, तब तो उनकी हर बात लेक्चर लग रही थी और आज उनकी हर बात में प्यार दिखाई दे रहा था। 12वीं के फाइनल एग्जाम में ही वह पढ़ाई की बजाए एक मॉडल बनने का सपना लिए अपनी कौन सी ड्रेस पहने यह सोच रही थी। इम्तिहान की तैयारी की बजाय शहर में होने वाले फैशन शो के लिए अपनी एल्बम बनवाने के लिए मार्केट चली गई थी। उस पर स्टार बनने का जो जुनून सवार हुआ वह किसी तरह से कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। माता-पिता दोनों समझा समझा कर हार गए थे और वह उनसे चिढ़कर पूरा दिन अपना दरवाजा ही बंद करके बैठी रहती थी। हालांकि उसे अपनी मां के चिल्ला चिल्ला कर रोने की आवाज भी सुनाई देती थी पर वह सब उसे मेलोड्रामा लगता था।


आखिर उसकी कोशिशें रंग लाई और एक सीरियल के लिए उसे काम करने का मौका मिल गया। अपने आप को इस मुकाम तक लाने के लिए उसने कहां-कहां समझौते नहीं किए। आखिर में एक दिन जब एक विज्ञापन के लिए उसकी मम्मी ने उसकी पहनी हुई ड्रेस के लिए बहुत विरोध किया तो वह गुस्से में आकर घर छोड़कर चली आई। वैसे भी उसे छोटा-मोटा काम तो मिल ही रहा था और अब उसका नाम इतना अंजाना भी नहीं रहा था। सहेलियां कैमरा मीटिंग ,शो, बस यही उसकी जिंदगी बन चुकी थी। किराए पर एक फ्लैट लिया और उसे सजाने के लिए बहुत सा सामान लोन पर ले लिया। उसके बाद ना तो उसने माता पिता की सुध ली और ना ही कभी उन्होंने फोन किया। जल्दी ही उसे एक और बड़े सीरियल के लिए साइन कर लिया गया था, अभी शूटिंग शुरू नहीं हुई थी, घमंड उसके सिर पर चढ़ बैठा था। उसे यूं लग रहा था मानो पूरी दुनिया ही उसके लिए पागल है और उसे किसी की जरूरत भी नहीं है।


लेकिन अचानक से लॉक डाउन हो गया शूटिंग कैंसिल हो गई और रोज ट्विटर पर बदल बदल कर अपनी फोटो डालने वाली विभा घर में बैठकर अब क्या अपडेट करे। घर के हर सामान का लोन तो जाना ही था लेकिन सारे काम रुकने के बाद इनकम एकदम खत्म हो गई। पार्टी मीटिंग शो इन सब की जगह कोरोना की खबरों ने ले ली। उसके पैसे तो किराए पर यह फ्लैट लेते हुए 6 महीने का एडवांस किराया मकान मालिक को देने में ही खर्च हो चुके थे, बाकी तो लोन में ही जाते थे। उसका अपना खर्च तो उसके दोस्त लोग ही उठा देते थे लेकिन अब उन सब का भी लगभग इसके जैसा ही हाल था। इतनी पॉपुलर यंग स्टार पैसों के लिए यूं मोहताज भी हो सकती है किसी ने नहीं सोचा था। घर का काम तो उसने कभी सीखा ही नहीं। स्विग्गी, जोमैटो लगभग बंद ही हो चुके थे, घर में कभी खाना बनाती, कभी नहीं। धीरे-धीरे तो हाल यह हो गया कि कभी नहाती और कभी नहीं और अब जब बैंक में इतना भी बैलेंस नहीं था खाने के लिए भी कुछ सामान मंगवा सके तो रह रह कर अपनी पुरानी जिंदगी, अपने माता पिता और बहन की बहुत याद आ रही थी लेकिन ---। बाहर डोर बेल बज रही थी, शायद मकान मालिक या कोई लोन पर लिए हुए सामान की किस्त ना भरने के कारण ------। अवसाद में घिरी हुई बिस्तर से उठने की हालत में भी नहीं थी और ना ही उठना चाहती थी।


बाहर आवाज बढ़ती ही जा रही थी और जब उसकी आंख खुली तो उसने अपने मम्मी पापा और बहन को अपने सामने बैठा पाया। मम्मी आज भी पहले के जैसे ही उसके सामने बैठी थी। सॉरी मम्मी, मैं बहुत बुरी हूं ना मैंने आपका कहना नहीं माना ना? अचानक से विभा की रुलाई फूट गई नहीं बेटा तू बिल्कुल भी बुरी नहीं है ।, यह तो सिर्फ समय की बात है जो आज लॉकडाउन के कारण तुमको झेलना पड़ा, घबराओ मत हम तुम्हारे साथ हैं, गलती सिर्फ तुम्हारी ही नहीं थी हमारी भी थी। हम भी तो ना तुम्हें समझ पाए और ना ही तुम्हें कुछ समझा पाए। तुम चाहो तो कोई एक्टिंग के कॉलेज में दाखिला लो और जो भी काम करो उसमें सबसे बेस्ट बनो।


विभा मुस्कुरा रही थी और उसके माता-पिता भी शांत थे कि उन्होंने अपनी बेटी को अवसाद से बाहर निकाल लिया। पाठकगण आज के हालात में बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्होंने बहुत कुछ खोया है। अब इस समाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए यह हम सब की जिम्मेदारी है की अपनों को अवसादग्रस्त ना होने दें।


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