Shyam Kunvar Bharti

Inspirational

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Shyam Kunvar Bharti

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जूही की महक भाग 7

जूही की महक भाग 7

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जूही की बीमार होने की खबर लगते ही उसके ऑफिस के अधिकारी और कर्मचारी उसे देखने के लिए आने लगे थे।मगर सुधीर ने उसकी हालत को देखते हुए बड़े बाबू सोमनाथ से कहा बड़े बाबू बेहतर है सबको आप समझा कर ऑफिस भेज दे और मैडम को आराम करने दिया जाए।बाकी आपको जहा जिसे सूचना देनी है दे दे।

आप ठीक कह रहे हैं धीरज जी मैं देखता हूं सबको।इधर धीरज की मां ने जूही का पूरा ख्याल रखा । दवा और अच्छी देखभाल से जूही दो दिनों में पूरी तरह ठीक हो गई ।

तीसरे दिन उसने ऑफिस का काम संभाल लिया। पिछले सारे काम निपटा कर उसने अपने जूनियर इंजीनियर ( जे ई कनीय अभियंता) को बुलाकर कहा जेई साहब सामादायिक भवन निर्माण का काम जो आया है जिसकी लागत लगभग दस लाख रुपए है उसे अभिकर्त्ता के रूप में एग्रीमेंट कर ले मगर काम धीरज करेगा।

वो अभी नया है उसे ठेकेदारी का अनुभव नही ।उसे आप अपने साथ रखकर काम करवाए मगर ध्यान रखे काम में कोई शिकायत न हो ।काम की गुणवत्ता उत्तम स्तर की हो ताकी कोई हमलोगो पर अंगुली उठाने न सके।

काम पूरा हो जाने पर जो राशि बच जाए उसे धीरज के दे दे।

जेई ने कहा ठीक है मैडम मैं इकरारनामा करवाने की तैयारी करता हूं और धीरज को बुलाकर उसे काम समझा देता हूं। जेई के जाने के बाद बड़ा बाबू सोमनाथ आता है।

उसने धीरे से कहा मैडम विधायक  मदन मोहन गुप्ता बहुत गड़बड़ी करवा रहे हैं ।गरीबी रेखा की सूची में अपने सारे लोगो को सामिल करवाए हैं जो कही से भी गरीब नहीं है।सबके घर में चार चक्का गाड़ी है।पक्का मकान है। एसी फ्रीज कूलर सब है। इसी तरह राशन कार्ड में भी भारी गड़बड़ी हुई है।जो इनके पार्टी के नही है या इनको भोट नहीं देते है ऐसे गरीब लोगो को बिलकुल छटवा दिए है।

जब मैने अपने कर्मचारियों से पूछा कि आप लोगो को सरकार का नियम पता है फिर भी क्यों गड़बड़ी हुई।सबने कहा विधायक जी दबंग नेता है हम लोगो से जबरजस्ती करवाया गया है हमलोग क्या करते।

सुनकर जूही बहुत नाराज होती है और आदेश देती है की सभी योजनाओं की सूची के पुनर्निरीक्षण करवाए अगर सरकार के मापदंड पर सही नही पाई जाती हैं तो सारी सूची को रद्द करवाए और साथ ही जिला मुख्यालय को सारी रिपोर्ट भेजकर आदेश प्राप्त करने का एक अनुरोध पत्र मेरी तरफ से बनवा कर लाए मैं साइन कर देती हूं।

लेकिन मैडम इससे विधायक जी नाराज हो जायेंगे। वे किसी भी ऑफिसर को कुछ नही समझते और नही इज्जत देते हैं।उनसे उलझना ठीक नहीं होगा।बड़े बाबू ने हिचकिचाते हुए कहा।

तो क्या करे हम लोग सब कुछ जान कर भी हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहे इससे तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। और जरूरत मंद सरकार की लाभकारी योजनाओं से वंचित रह जायेंगे।मैं किसी से डरने वाली नही हूं ।मैं जैसा कह रही हूं वैसा करे। आगे जो होगा देखा जाएगा। जूही ने निडर होकर कहा।बड़े बाबू अनमने ढंग से चला गया।

ऑफिस में जाकर बड़े बाबू ने अपने स्टाफ से कहा मैडम मेरी बात नही समझ रही है।विधायक से उलझना चाहती हूं।आप लोगो को पता ही है उसके बारे में कैसा आदमी है।

मैडम को पूरी सर्वे सूची को चुपचाप जिला मुख्यालय अग्रेतर कार्यवाई हेतु भेज देना चाहिए था।मैंने तो उन्हे जानकारी के लिए बताया।अब अगर वो जांच करवाती है तो विधायक को मालूम पड़ जायेगा और कुछ भी कर सकता है।

मैडम की अभी नई नौकरी है अभी उनको ऐसे लोगो से उलझने से बचना चाहिए।

बड़े बाबू आप ज्यादा दिमाग मत लगाए जो हो रहा है होने दे।या तो विधायक का होस ठिकाने आयेगा या मैडम को नुकसान उठाना पड़ेगा।

पता नही इस मामले में जिला मुख्यालय कितना मदद करेगा मैडम का भगवान जाने क्योंकि सभी विधायक जी से डरते है।बड़े बाबू के सहायक ने कहा।

 तीन दिन बाद जेई ने धीरज को सारा काम समझा दिया और एक दूसरा एग्रीमेंट धीरज से कराकर उसे एक लाख रुपए का चेक देते हुए कहा । इसमें से पचास हजार रूपए मेटेरियल के लिए है तुम सीमेंट बालू इंटा छड़ और कंक्रीट का एडवांस कर दो और बाकी पैसा लेबर पेमेंट के लिए है ।दो दिन बाद तुम काम शुरू कर दो ।ध्यान रहे काम पूरी ईमानदारी से करना। जैसा मैंने बताया है उसी तरह सीमेंट मसाला बनाना है ।ठीक है सर धीरज ने जेई का आभार व्यक्त किया और कहा सर मैं आपको शिकायत का मौका नही आने दूंगा।

उसने मन ही मन जूही का भी आभार व्यक्त किया की मैडम ने जो कहा वो कर दिखाया।

कुछ ही दिनो मे सामुदायिक भवन काफी हद तक तैयार हो गया था। हर सप्ताह धीरज को एडवांस पेमेंट मिल जाता था जिससे उसे काम करने में दिक्कत नही हुई न घर से पूंजी लगानी पड़ी।

जूही ने जिला मुख्यालय जाकर डीडीसी से मुलाकात कर विधायक के बारे में सब बताया और पूछा आप बताएं सर मैं क्या करूं।मैं इस मामले को छोड़ नही सकती।

डीडीसी ने उसे समझाते हुए कहा देखो जूही विधायक से सब अधिकारी परेशान है मगर कोई भी डर से उसका विरोध नही करता है ।इसलिए तुम भी उससे मत उलझो सारी रिर्पोट यहां भेज दो हमलोग भी उसे राज्य सरकार के पास उचित कार्यवाइ हेतु भेज देंगे मतलब हम लोग भी अपने सिर जिम्मेवारी नहीं लेंगे।

जूही ने कहा लेकिन सर यह सब कब तक चलेगा आखिर हमलोग काम कैसे करेंगे ।अगर सरकार की तरफ से कोई जांच हुई तो सबसे पहले मैं ही फसूंगी।इसलिए मुझे जांच करने का आदेश दे मैं गलत पाए जाने पर पूरी सूची रद्द कर दूंगी।जूही ने निर्णायक स्वर में कहा।

डीडीसी ने कुछ देर सोचा और बोला तुम थोड़ी देर रुको मैं डीसी साहब ( डिप्टी कमिश्नर)से मिलकर आता हूं फिर बताता हूं।

जूही ने कहा ठीक है सर।

डीडीसी अपने चेंबर से निकलकर डीसी साहब के चेंबर में चले गए और कहा और जूही की सारी बात बताने के बाद कहा सर आप तो जानते है ब्लॉक से लेकर जिला तक सभी अधिकारी विधायक से परेशान है।उसने किसी को नही छोड़ा है बात बात पर सबको गाली गलौज करना ,हाथ छोड़ देना धमकी देना और सरकार के नियम विरुद्ध काम करना उसके लिए आम बात हो गई है।

सर यही मौका है उससे निपटने का । हम लोग को केवल इतना ही करना है जरूरत पड़ने पर पुलिस फोर्स जितना जूही मांगे उपलब्ध करा देना है ।अगर विधायक ने उसका विरोध किया या धरना प्रदर्शन किया वो उससे निपट लेगी।मैं जूही से विधायक के खिलाफ जांच कराने का अनुरोध पत्र मांग लेता हूं और आपके पास भेजता हूं आप उसे जांच का आदेश दे दे ।बाकी मैं समझ लूंगा सर।साथ ही आप एसपी और डीएसपी को भी सतर्क रहने बोल दे।

डीसी साहब ने डीडीसी साहब की पूरी बात सुनने के बाद कहा जूही को बुलवाए। थोड़ी ही देर में जूही डीसी साहब के सामने खड़ी थी। डीसी साहब नेकहा हम सब तुम्हारे साथ है तुम्हे जो भी करना है करो बहुत हो चुकी विधायक की मनमानी।मैं राज्य सरकार को भी तुम्हारी शिकायत के आधार पर एक पत्र भेज देता हूं ताकी बाद में हम सबको कोई दिक्कत न हो।

जूही ने कहा जी सर बहुत आभार आपका।

अब तुम जाओ डीडीसी साहब ने कहा। जूही सबको प्रणाम कर बाहर निकल गई।


शेष अगले भाग *8 में



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